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रविवार, 1 दिसंबर 2013

आगमन विषय


   मैं मानती हूँ कि परमेश्वर के वचन बाइबल का हर भाग परस्पर संबंधित है और समस्त पवित्र-शास्त्र प्रासंगिक तथा महत्वपूर्ण है। लेकिन फिर भी मुझे अचरज हुआ जब नवंबर माह के मेरे बाइबल पाठ में पतरस प्रेरित द्वारा लिखित प्रथम पत्री में से मैंने पाया कि प्रभु यीशु के आगमन से संबंधित चारों विषयों के बारे में पतरस ने एक ही पत्री में एक साथ ही लिखा है। दिसंबर माह से लोग प्रभु यीशु के पहले आगमन - उस पहले क्रिसमस कि यादें ताज़ा करने की तैयारी में लग जाते हैं और साथ ही उसके दूसरे आगमन की भविष्यवाणी को भी स्मरण करते हैं। आगमन के स्मरण का यह समय होता है परमेश्वर द्वारा प्रभु यीशु में होकर संसार के लिए भेजी गई आशा, आनन्द, प्रेम और शांति पर ध्यान करना।

   प्रेरित पतरस की प्रथम पत्री में हम प्रभु यीशु के आगमन से संबंधित इन चारों विषयों को भी पाते हैं
  • आशा: स्वर्ग में हम मसीही विश्वासियों की अजर मीरास सुरक्षित है, जो मसीह यीशु के पुनरुत्थान के द्वारा है (1 पतरस 1:3-5)।
  • आनन्द: मसीही विश्वासियों के पास एक अवर्णनीय आनन्द है, चाहे उनका विश्वास क्लेषों द्वारा परखा भी जाए, लेकिन उस विश्वास का अन्त आत्माओं का उद्धार है (1 पतरस 1:6-9) जो अन्य किसी रीति से कतई संभव नहीं है, और जिस उद्धार का प्रतिफल यह अवर्णनीय आनन्द है।
  • प्रेम: मसीही विश्वासी एक शुद्ध हृदय से सभी लोगों के साथ प्रेम कर सकते हैं, क्योंकि उन्होंने परमेश्वर के वचन पर विश्वास द्वारा एक नया जन्म पाया है और परमेश्वर का यह वचन अब उनमें बसा रहता है, उनके स्वभाव और दृष्टिकोण को सांसारिक से परिवर्तित कर के स्वर्गीय बना देता है (1 पतरस 1:22-23)।
  • शांति: क्योंकि परमेश्वर अपने लोगों पर ध्यान बनाए रखता है, उनकी प्रार्थनाएं सुनता है, इसलिए मसीही विश्वासियों के जीवन में परमेश्वर की शांति बनी रहती है (1 पतरस 3:10-12)।

   मसीह यीशु के प्रथम आगमन के कारण, जितने उस पर विश्वास लाते हैं, वे सब उसके दुसरे आगमन तक आशा, आनन्द, प्रेम और शांति के साथ जीवन व्यतीत कर सकते हैं। - जूली ऐकैरमैन लिंक


यदि आप आशा, आनन्द, प्रेम और शांति के खोजी हैं तो प्रभु यीशु के पास आईए।

इस कारण अपनी अपनी बुद्धि की कमर बान्‍धकर, और सचेत रहकर उस अनुग्रह की पूरी आशा रखो, जो यीशु मसीह के प्रगट होने के समय तुम्हें मिलने वाला है। - 1 पतरस 1:13

बाइबल पाठ: 1 पतरस 1:3-9, 18-23; 3:10-12
1 Peter 1:3 हमारे प्रभु यीशु मसीह के परमेश्वर और पिता का धन्यवाद दो, जिसने यीशु मसीह के हुओं में से जी उठने के द्वारा, अपनी बड़ी दया से हमें जीवित आशा के लिये नया जन्म दिया। 
1 Peter 1:4 अर्थात एक अविनाशी और निर्मल, और अजर मीरास के लिये। 
1 Peter 1:5 जो तुम्हारे लिये स्वर्ग में रखी है, जिन की रक्षा परमेश्वर की सामर्थ से, विश्वास के द्वारा उस उद्धार के लिये, जो आने वाले समय में प्रगट होने वाली है, की जाती है। 
1 Peter 1:6 और इस कारण तुम मगन होते हो, यद्यपि अवश्य है कि अब कुछ दिन तक नाना प्रकार की परीक्षाओं के कारण उदास हो। 
1 Peter 1:7 और यह इसलिये है कि तुम्हारा परखा हुआ विश्वास, जो आग से ताए हुए नाशमान सोने से भी कहीं, अधिक बहुमूल्य है, यीशु मसीह के प्रगट होने पर प्रशंसा, और महिमा, और आदर का कारण ठहरे। 
1 Peter 1:8 उस से तुम बिन देखे प्रेम रखते हो, और अब तो उस पर बिन देखे भी विश्वास कर के ऐसे आनन्‍दित और मगन होते हो, जो वर्णन से बाहर और महिमा से भरा हुआ है। 
1 Peter 1:9 और अपने विश्वास का प्रतिफल अर्थात आत्माओं का उद्धार प्राप्त करते हो। 
1 Peter 1:18 क्योंकि तुम जानते हो, कि तुम्हारा निकम्मा चाल-चलन जो बाप दादों से चला आता है उस से तुम्हारा छुटकारा चान्दी सोने अर्थात नाशमान वस्‍तुओं के द्वारा नहीं हुआ। 
1 Peter 1:19 पर निर्दोष और निष्‍कलंक मेम्ने अर्थात मसीह के बहुमूल्य लोहू के द्वारा हुआ। 
1 Peter 1:20 उसका ज्ञान तो जगत की उत्‍पत्ति के पहिले ही से जाना गया था, पर अब इस अन्‍तिम युग में तुम्हारे लिये प्रगट हुआ। 
1 Peter 1:21 जो उसके द्वारा उस परमेश्वर पर विश्वास करते हो, जिसने उसे मरे हुओं में से जिलाया, और महिमा दी; कि तुम्हारा विश्वास और आशा परमेश्वर पर हो। 
1 Peter 1:22 सो जब कि तुम ने भाईचारे की निष्‍कपट प्रीति के निमित्त सत्य के मानने से अपने मनों को पवित्र किया है, तो तन मन लगा कर एक दूसरे से अधिक प्रेम रखो। 
1 Peter 1:23 क्योंकि तुम ने नाशमान नहीं पर अविनाशी बीज से परमेश्वर के जीवते और सदा ठहरने वाले वचन के द्वारा नया जन्म पाया है। 
1 Peter 3:8 निदान, सब के सब एक मन और कृपामय और भाईचारे की प्रीति रखने वाले, और करूणामय, और नम्र बनो। 
1 Peter 3:9 बुराई के बदले बुराई मत करो; और न गाली के बदले गाली दो; पर इस के विपरीत आशीष ही दो: क्योंकि तुम आशीष के वारिस होने के लिये बुलाए गए हो। 
1 Peter 3:10 क्योंकि जो कोई जीवन की इच्छा रखता है, और अच्‍छे दिन देखना चाहता है, वह अपनी जीभ को बुराई से, और अपने होंठों को छल की बातें करने से रोके रहे। 
1 Peter 3:11 वह बुराई का साथ छोड़े, और भलाई ही करे; वह मेल मिलाप को ढूंढ़े, और उस के यत्‍न में रहे। 
1 Peter 3:12 क्योंकि प्रभु की आंखे धर्मियों पर लगी रहती हैं, और उसके कान उन की बिनती की ओर लगे रहते हैं, परन्तु प्रभु बुराई करने वालों के विमुख रहता है।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल 40-41 
  • 2 पतरस 3