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बुधवार, 20 नवंबर 2013

पारिवारिक गुण


   मेरे बचपन का एक सन्डे स्कूल का गीत है जो मुझे कभी कभी स्मरण हो आता है। उस गीत के बोल प्रभु यीशु से बड़ी उदारता से मिलने वाली शान्ति की आशीषों का वर्णन करते हैं; गीत का आरंभ है: "मेरे हृदय में यीशु की शान्ति है, जो वर्णन से बाहर है।" 

   चाहे इस गीत के लेखक ने इसे एक भली इच्छा से लिखा है, लेकिन इस गीत के बोलों में कुछ कहे जाने से रह गया है, जो प्रभु यीशु के सुसमाचार के लिए आवश्यक है। यह बिलकुल सत्य है कि परमेश्वर की शान्ति हमें परमेश्वर से मिलने वाली एक भेंट है, जिससे अपने हृदयों में हम उसकी उपस्थिति को अनुभव करने पाते हैं, उससे संगति करने पाते हैं (यूहन्ना 14:27; 16:33)। लेकिन परमेश्वर की कदापि यह इच्छा नहीं है कि हम इस शान्ति को अपने पास ही समेट कर रखे रहें। परमेश्वर यह चाहता है कि हम इस अद्भुत शान्ति को अपने आस-पास के और संसार के सभी लोगों तक पहुँचाएं। मसीही विश्वासी होने के नाते यह शान्ति हमारे व्यवहार, संबंधों और हमारे अराधनालयों के वातावरण का अभिन्न अंग होनी चाहिए।

   प्रभु यीशु ने अपने ’पहाड़ी उपदेश’ में कहा था, "धन्य हैं वे, जो मेल करवाने वाले हैं, क्योंकि वे परमेश्वर के पुत्र कहलाएंगे" (मत्ती 5:9)। यह दिखाता है कि हम मसीही विश्वासियों को आगे बढ़कर परमेश्वर की इस शान्ति को लोगों के जीवनों तक पहुँचाना है, उसे अपने संबंधों में दिखाना है। क्योंकि सामान्य मानव प्रवृति शान्ति नहीं उत्पात और गड़बड़ मचाने की होती है, इसलिए प्रभु यीशु की ओर से अपने अनुयायियों के लिए यह एक बहुत महत्वपूर्ण आज्ञा है। तो, मेल कराने वाले कैसे होते हैं? इसी अध्याय में प्रभु यीशु ने इस बात की भी पहचान दी: मेल कराने वाले अपने सताने वालों की ओर दूसरा गाल भी फेर देते हैं (पद 39); वे आशा से अधिक कार्य कर देने वाले होते हैं (पद 41); वे अपने सताने वालों के लिए प्रार्थना करने वाले और उनसे प्रेम करने वाले होते हैं (पद 44)।

   हम मसीही विश्वासियों को यह सब क्यों करना है? क्योंकि हमारा परमेश्वर शान्ति का दाता है, और जब हम शान्ति लाते हैं तब हम भी "परमेश्वर के पुत्र कहलाएंगे" (पद 9)। यानि कि यह शान्ति या मेलजोल कराना हमारा पारिवारिक गुण है और हमें अपने पिता के गुण प्रगट करने हैं। - जो स्टोवैल


प्रभु यीशु मसीह में परमेश्वर के साथ हमारी शान्ति और परमेश्वर से हमें मिली शान्ति के कारण हमें परमेश्वर की शान्ति को संसार में पहुँचाना है।

धन्य हैं वे, जो मेल करवाने वाले हैं, क्योंकि वे परमेश्वर के पुत्र कहलाएंगे। - मत्ती 5:9

बाइबल पाठ: मत्ती 5:9, 38-48
Matthew 5:9 धन्य हैं वे, जो मेल करवाने वाले हैं, क्योंकि वे परमेश्वर के पुत्र कहलाएंगे।
Matthew 5:38 तुम सुन चुके हो, कि कहा गया था, कि आंख के बदले आंख, और दांत के बदले दांत। 
Matthew 5:39 परन्तु मैं तुम से यह कहता हूं, कि बुरे का सामना न करना; परन्तु जो कोई तेरे दाहिने गाल पर थप्पड़ मारे, उस की ओर दूसरा भी फेर दे। 
Matthew 5:40 और यदि कोई तुझ पर नालिश कर के तेरा कुरता लेना चाहे, तो उसे दोहर भी ले लेने दे। 
Matthew 5:41 और जो कोई तुझे कोस भर बेगार में ले जाए तो उसके साथ दो कोस चला जा। 
Matthew 5:42 जो कोई तुझ से मांगे, उसे दे; और जो तुझ से उधार लेना चाहे, उस से मुंह न मोड़।
Matthew 5:43 तुम सुन चुके हो, कि कहा गया था; कि अपने पड़ोसी से प्रेम रखना, और अपने बैरी से बैर। 
Matthew 5:44 परन्तु मैं तुम से यह कहता हूं, कि अपने बैरियों से प्रेम रखो और अपने सताने वालों के लिये प्रार्थना करो। 
Matthew 5:45 जिस से तुम अपने स्‍वर्गीय पिता की सन्तान ठहरोगे क्योंकि वह भलों और बुरों दोनों पर अपना सूर्य उदय करता है, और धर्मियों और अधर्मियों दोनों पर मेंह बरसाता है। 
Matthew 5:46 क्योंकि यदि तुम अपने प्रेम रखने वालों ही से प्रेम रखो, तो तुम्हारे लिये क्या फल होगा? क्या महसूल लेने वाले भी ऐसा ही नहीं करते? 
Matthew 5:47 और यदि तुम केवल अपने भाइयों ही को नमस्‍कार करो, तो कौन सा बड़ा काम करते हो? क्या अन्यजाति भी ऐसा नहीं करते? 
Matthew 5:48 इसलिये चाहिये कि तुम सिद्ध बनो, जैसा तुम्हारा स्‍वर्गीय पिता सिद्ध है।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल 14-15 
  • याकूब 2