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बुधवार, 13 नवंबर 2013

हम जो हैं


   एक स्थानीय अस्पताल में अपने नियमित चिकित्सा जाँच किए जाने की प्रतीक्षा करते हुए मेरा ध्यान वहाँ दीवार पर लगे क्रूस पर चढ़ाए हुए प्रभु यीशु मसीह के चित्र पर गया। थोड़ी देर बाद, जाँच से पहले एक नर्स ने मेरे फॉर्म भरते और जाँच संबंधी कागज़ तैयार करते हुए मुझसे अनेक प्रश्न पूछे, जिनमें से एक था, "क्या आपकी कोई आत्मिक आवश्यकताएं हैं जिनके बारे में आप हमारे पादरी से चर्चा चाहेंगे?" मैंने कहा कि वर्तमान संसार के संदर्भ में मुझे उनका यह प्रश्न पूछना अच्छा लगा। उस नर्स ने मुस्कुराते हुए उत्तर दिया कि हम मसीही विश्वास पर आधारित और संचालित अस्पताल हैं और यह करना हमारी सेवकाई का एक भाग है। मैं प्रभावित हुआ कि आज के बहुवादी और धर्मनिर्पेक्ष धारणाओं को मान्यता देने वाले संसार में भी ऐसे लोग हैं जो वह दिखाने में हिचकिचाते नहीं हैं जो वो हैं।

   प्रेरित पतरस ने प्रथम सदी के मसीही विश्वासियों को ढ़ाढ़स दिया, उन्हें जो मसीही विश्वास के कारण उन पर आए सताव के कारण घर-बार छोड़कर भागने और तित्तर-बित्तर हो जाने को बाध्य हो गए थे, कि सच्चाई के कारण क्लेष उठाना भी उनके लिए आशीष का कारण है। अपनी पत्री में पतरस ने उन्हें लिखा: "और यदि तुम धर्म के कारण दुख भी उठाओ, तो धन्य हो; पर उन के डराने से मत डरो, और न घबराओ। पर मसीह को प्रभु जान कर अपने अपने मन में पवित्र समझो, और जो कोई तुम से तुम्हारी आशा के विषय में कुछ पूछे, तो उसे उत्तर देने के लिये सर्वदा तैयार रहो, पर नम्रता और भय के साथ" (1 पतरस 3:14-15)।

   जैसे उस अस्पताल की नर्स ने बिना झिझके अपने विश्वास को व्यक्त किया, वैसे ही हम मसीही विश्वासी भी अपने विश्वास को बिना हिचकिचाए बयान कर सकते हैं। यदि इस कारण लोग हमसे अनुचित व्यवहार करें या हमारी आलोचना करें तो हमें नम्रता और आदर के साथ ही उन्हें अपना प्रत्युत्तर देना चाहिए। हम जो हैं उसके लिए हमें कभी भयभीत होने या शर्मिंदा होने की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि हमारा परमेश्वर सदा हमारे साथ है। - डेविड मैक्कैस्लैंड


मसीह के कार्य को कष्ट देने के बजाए भला है कि मसीह के कार्य के लिए कष्ट उठाना।

फिर यदि मसीह के नाम के लिये तुम्हारी निन्‍दा की जाती है, तो धन्य हो; क्योंकि महिमा का आत्मा, जो परमेश्वर का आत्मा है, तुम पर छाया करता है। - 1 पतरस 4:14

बाइबल पाठ: 1 पतरस 3:8-17
1 Peter 3:8 निदान, सब के सब एक मन और कृपामय और भाईचारे की प्रीति रखने वाले, और करूणामय, और नम्र बनो। 
1 Peter 3:9 बुराई के बदले बुराई मत करो; और न गाली के बदले गाली दो; पर इस के विपरीत आशीष ही दो: क्योंकि तुम आशीष के वारिस होने के लिये बुलाए गए हो। 
1 Peter 3:10 क्योंकि जो कोई जीवन की इच्छा रखता है, और अच्‍छे दिन देखना चाहता है, वह अपनी जीभ को बुराई से, और अपने होंठों को छल की बातें करने से रोके रहे। 
1 Peter 3:11 वह बुराई का साथ छोड़े, और भलाई ही करे; वह मेल मिलाप को ढूंढ़े, और उस के यत्‍न में रहे। 
1 Peter 3:12 क्योंकि प्रभु की आंखे धर्मियों पर लगी रहती हैं, और उसके कान उन की बिनती की ओर लगे रहते हैं, परन्तु प्रभु बुराई करने वालों के विमुख रहता है।
1 Peter 3:13 और यदि तुम भलाई करने में उत्तेजित रहो तो तुम्हारी बुराई करने वाला फिर कौन है? 
1 Peter 3:14 और यदि तुम धर्म के कारण दुख भी उठाओ, तो धन्य हो; पर उन के डराने से मत डरो, और न घबराओ। 
1 Peter 3:15 पर मसीह को प्रभु जान कर अपने अपने मन में पवित्र समझो, और जो कोई तुम से तुम्हारी आशा के विषय में कुछ पूछे, तो उसे उत्तर देने के लिये सर्वदा तैयार रहो, पर नम्रता और भय के साथ। 
1 Peter 3:16 और विवेक भी शुद्ध रखो, इसलिये कि जिन बातों के विषय में तुम्हारी बदनामी होती है उनके विषय में वे, जो तुम्हारे मसीही अच्‍छे चालचलन का अपमान करते हैं लज्ज़ित हों। 
1 Peter 3:17 क्योंकि यदि परमेश्वर की यही इच्छा हो, कि तुम भलाई करने के कारण दुख उठाओ, तो यह बुराई करने के कारण दुख उठाने से उत्तम है।

एक साल में बाइबल: 
  • विलापगीत 1-2 
  • इब्रानियों 10:1-18