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रविवार, 9 जून 2013

विचार

   मैं और मेरी पत्नि कार से एक यात्रा पर जा रहे थे, और एक स्थान पर दोपहर का भोजन करने के लिए रुके। भोजन के उपरान्त जब हमने बाहर निकल कर देखा तो पाया कि हमारी कार का एक शीशा टूटा हुआ है। उस एक झलक में ही मैंने पहचान लिया कि हम अपनी कार में सामने लगे दिशा निर्देशक यन्त्र को हटा कर छिपाना भूल गए थे और चोर ने उसे उठा लिया। मैंने पिछली सीट पर झाँक कर देखा तो मेरा लैपटौप तथा पासपोर्ट और चैकबुक भी नहीं थे।

   बाद में उस शाम, बहुत से फोन करने और बढ़ती चिन्ताओं में कई घन्टे बिताने के बाद एक सुखद अचरज की बात सामने आई। जब मैंने अपना सूटकेस खोला और कपड़े बाहर निकालने लगा, तो मेरे सामने मेरा वह सब सामान - मेरा लैपटौप तथा पासपोर्ट और चैकबुक पड़े थे, जिनके लिए मैं सोच रहा था कि वे उस दिशा निर्देशक यन्त्र के साथ चुरा लिए गई हैं। एकाएक मैं अपनी आँखों पर विश्वास नहीं कर सका; और तब मुझे स्मर्ण आया कि इस बार मैंने अपना यह सब सामान, आदत के अनुसार पिछली सीट पर नहीं रखा था वरन कपड़ों के साथ सूटकेस में रख दिया था और सूटकेस कार की डिग्गी में बन्द करके रख दिया था। कार के टूटे शीशे और चोरी की हड़बड़ाहट में मेरे विचार मुझे किसी अन्य ही दिशा में ले गए जब कि मेरा सामान मेरे ही पास सुरक्षित पड़ा था।

   कभी-कभी मौके की हड़बड़ाहट में हमारा दिमाग़ और हमारे विचार हमें सही आंकलन नहीं करने देते और हमें लगता है कि हम बहुत नुकसान में पड़ गए हैं जबकि ऐसा होता नहीं है। ऐसा ही दाऊद के साथ भी हुआ, और वह यह समझ बैठा कि परमेश्वर ने उसे छोड़ दिया है। बाद में जब उसे वास्तविकता का एहसास हुआ तो वह समझ पाया कि उसका भय और आशंका निराधार हैं और परमेश्वर पर उसका विश्वास सही है, और तब वह हानि की संभावना उसके लिए परमेश्वर की स्तुति के एक गीत को रचने की प्रेर्णा बन गई (भजन 13:5-6)।

   दाऊद के इस आनन्द ने हमारे लिए भी एक उदाहरण रखा है - यदि हमारा जीवन परमेश्वर में सुरक्षित है (कुलुस्सियों 3:3) तो हमसे कोई भी कभी भी वह नहीं छीन सकता जो हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण और बहुमूल्य है। - मार्ट डी हॉन


अपने मन को अपने मस्तिष्क के विचारों पर नहीं वरन अपने प्रति परमेश्वर के प्रेम पर आधारित रखें।

हे परमेश्वर तू कब तक? क्या सदैव मुझे भूला रहेगा? तू कब तक अपना मुखड़ा मुझ से छिपाए रहेगा? - भजन 13:1 

बाइबल पाठ: भजन 13; कुलुस्सियों 3:1-4
Psalms 13:1 हे परमेश्वर तू कब तक? क्या सदैव मुझे भूला रहेगा? तू कब तक अपना मुखड़ा मुझ से छिपाए रहेगा?
Psalms 13:2 मैं कब तक अपने मन ही मन में युक्तियां करता रहूं, और दिन भर अपने हृदय में दुखित रहा करूं, कब तक मेरा शत्रु मुझ पर प्रबल रहेगा?
Psalms 13:3 हे मेरे परमेश्वर यहोवा मेरी ओर ध्यान दे और मुझे उत्तर दे, मेरी आंखों में ज्योति आने दे, नहीं तो मुझे मृत्यु की नींद आ जाएगी;
Psalms 13:4 ऐसा न हो कि मेरा शत्रु कहे, कि मैं उस पर प्रबल हो गया; और ऐसा न हो कि जब मैं डगमगाने लगूं तो मेरे शत्रु मगन हों।
Psalms 13:5 परन्तु मैं ने तो तेरी करूणा पर भरोसा रखा है; मेरा हृदय तेरे उद्धार से मगन होगा।
Psalms 13:6 मैं परमेश्वर के नाम का भजन गाऊंगा, क्योंकि उसने मेरी भलाई की है।

Colossians 3:1 सो जब तुम मसीह के साथ जिलाए गए, तो स्‍वर्गीय वस्‍तुओं की खोज में रहो, जहां मसीह वर्तमान है और परमेश्वर के दाहिनी ओर बैठा है।
Colossians 3:2 पृथ्वी पर की नहीं परन्तु स्‍वर्गीय वस्‍तुओं पर ध्यान लगाओ।
Colossians 3:3 क्योंकि तुम तो मर गए, और तुम्हारा जीवन मसीह के साथ परमेश्वर में छिपा हुआ है।
Colossians 3:4 जब मसीह जो हमारा जीवन है, प्रगट होगा, तब तुम भी उसके साथ महिमा सहित प्रगट किए जाओगे।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 इतिहास 32-33 
  • यूहन्ना 18:19-40