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बुधवार, 5 जून 2013

शुद्ध और स्वच्छ


   एक अन्तर्राष्ट्रीय पुस्तक सम्मेलन में लेखक अपनी लिखी पुस्तकों को खरीदने वालों को उन्हें हस्ताक्षारित कर के दे रहे थे। एक फ्रांसिसी लेखक की एक पुस्तक को एक स्त्री ने उठाया, सरसरी नज़र से उसके पन्ने पलटे और उस का आंकलन किया, फिर लंबी साँस भरते हुए बोली, "आखिर, एक साफ-सुथरी कहानी वाली पुस्तक!" उस लेखक ने शालीनता से उत्तर दिया, "महोदया, मैं स्वच्छ सोचता हूँ इसीलिए स्वच्छ लिखता हूँ।" वह लेखक वैसा ही छपने को देता था जैसा कि वह अन्दर से था, क्योंकि प्रभु यीशु में विश्वास के द्वारा उसका जीवन अन्दर से शुद्ध और स्वच्छ हो गया था।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में यूहन्ना के 15 अध्याय में प्रभु यीशु की अपने शिष्यों को एक फलवंत जीवन के लिए दी गई शिक्षाएं हैं जिनका सार है कि उन्हें प्रभु यीशु में उनका लगातार बने रहना है। इस बात को समझाने के लिए प्रभु यीशु ने दाखलता, उसकी डालियों और उसके फलवंत होने के चित्रण का प्रयोग किया है; इस चित्रण में वे एक स्थान पर चेलों से कहते हैं, "तुम तो उस वचन के कारण जो मैं ने तुम से कहा है, शुद्ध हो" (यूहन्ना 15:3)। यहाँ जिस शब्द का अनुवाद "शुद्ध" हुआ है, उस के बारे में बाइबल ज्ञाता तथा बाइबल में प्रयुक्त युनानी भाषा के विद्वान डब्ल्यु. ई. वाईन कहते हैं कि मूल युनानी भाषा में इस शब्द का अर्थ है, "किसी भी अशुद्धता और मिलावट से रहित, दाग़रहित, निष्कलंक"।

   मनुष्य का मन केवल प्रभु यीशु द्वारा मिलने वाली पापों की क्षमा और उसके लहु से धोये जाने से ही शुद्ध और स्वच्छ किया जा सकता है और प्रभु यीशु ही की सामर्थ से मन शुद्ध तथा स्वच्छ बना भी रह सकता है। हम कई बार असफल हो जाते हैं, पाप से समझौते कर बैठते हैं, सांसारिकता में फिसल जाते हैं; लेकिन परमेश्वर प्रभु यीशु का वायदा है कि "यदि हम अपने पापों को मान लें, तो वह हमारे पापों को क्षमा करने, और हमें सब अधर्म से शुद्ध करने में विश्वासयोग्य और धर्मी है" (1 यूहन्ना 1:9)। यह शुद्धता, स्वच्छता और पुनः-नवीनिकरण किसी बाहरी क्रिया-कलापों या विधि-विधानों द्वारा नहीं, वरन हमारे अन्दर से, हमारे मन के शुद्धिकरण द्वारा ही संभव है और प्रभु यीशु में सदा उपलब्ध है।

   प्रभु यीशु ने अपने बलिदान तथा अपने वचन के द्वारा समस्त मानव जाति के लिए पापों की क्षमा तथा अन्दर से शुद्ध और स्वच्छ होने का मार्ग खोल दिया है। जो कोई स्वेच्छा से अपने पापों की क्षमा प्रभु यीशु से माँगता है और अपना जीवन उसे समर्पित करता है, वह प्रभु यीशु द्वारा शुद्ध और स्वच्छ किया जाता है। प्रभु यीशु के हर शिष्य, हर मसीही विश्वासी का यह कर्तव्य है कि वह अपने आचरण और बातचीत द्वारा अपने इस शुद्ध और स्वच्छ होने को प्रदर्षित करे; यह ना केवल उसके प्रभु यीशु में बने होने का प्रमाण है वरन दूसरों को प्रभु यीशु के प्रति आकर्षित करने के लिए एक सक्षम गवाही भी है। - डेविड मैक्कैसलैंड


परमेश्वर से किया गया पाप-अंगीकार, परमेश्वर से मिलने वाली शुद्धता और स्वच्छता को जीवन में ले आता है।

पर जैसा तुम्हारा बुलाने वाला पवित्र है, वैसे ही तुम भी अपने सारे चाल चलन में पवित्र बनो। क्योंकि लिखा है, कि "पवित्र बनो, क्योंकि मैं पवित्र हूं"। - 1 पतरस 1:15-16

बाइबल पाठ: यूहन्ना 15:1-8
John 15:1 सच्ची दाखलता मैं हूं; और मेरा पिता किसान है।
John 15:2 जो डाली मुझ में है, और नहीं फलती, उसे वह काट डालता है, और जो फलती है, उसे वह छांटता है ताकि और फले।
John 15:3 तुम तो उस वचन के कारण जो मैं ने तुम से कहा है, शुद्ध हो।
John 15:4 तुम मुझ में बने रहो, और मैं तुम में: जैसे डाली यदि दाखलता में बनी न रहे, तो अपने आप से नहीं फल सकती, वैसे ही तुम भी यदि मुझ में बने न रहो तो नहीं फल सकते।
John 15:5 मैं दाखलता हूं: तुम डालियां हो; जो मुझ में बना रहता है, और मैं उस में, वह बहुत फल फलता है, क्योंकि मुझ से अलग हो कर तुम कुछ भी नहीं कर सकते।
John 15:6 यदि कोई मुझ में बना न रहे, तो वह डाली की नाईं फेंक दिया जाता, और सूख जाता है; और लोग उन्हें बटोरकर आग में झोंक देते हैं, और वे जल जाती हैं।
John 15:7 यदि तुम मुझ में बने रहो, और मेरी बातें तुम में बनी रहें तो जो चाहो मांगो और वह तुम्हारे लिये हो जाएगा।
John 15:8 मेरे पिता की महिमा इसी से होती है, कि तुम बहुत सा फल लाओ, तब ही तुम मेरे चेले ठहरोगे।

एक साल में बाइबल: 2 इतिहास 23-24 यूहन्ना 15