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मंगलवार, 14 मई 2013

धैर्य


   बच्चे स्वभाव से ही अधीर होते हैं; उन्हें हर चीज़ हर उत्तर, हर इच्छा की पूर्ति तुरन्त चाहिए: "लेकिन मैंने तो मिठाई अभी ही खानी है!"; "क्या हम वहाँ पहुँचे कि नहीं? कब पहुँचेंगे?"; "मुझे तो अपने उपहार अभी खोलकर देखने हैं।" आदि कुछ वाक्य हैं जिन्हें बच्चों के मुख से हम आम सुनते हैं। इसकी तुलना में, जैसे जैसे हम बड़े और परिपक्व होते जाते हैं हम प्रतीक्षा करना भी सीखते जाते हैं। डॉक्टर बनने के लिए कई वर्षों के लंबे शिक्षा और प्रशिक्षण काल से होकर गुज़रना पड़ता है। माता-पिता धैर्य रखते हैं कि कभी तो उनका ग़ैरज़िम्मेदार पुत्र अपनी ज़िम्मेदारी को समझेगा और परिवार के प्रति अपने कर्तव्य का पालन करने लगेगा। प्रतीक्षा करना ही हमें धैर्य रखना सीखाता है।

   परमेश्वर समय से बन्धा नहीं है, वह हमसे एक परिपक्व विश्वास की आशा रखता है जिसके अन्तर्गत कार्य करते हुए हमारे दृष्टिकोण से ’विलंब’ आ सकते हैं, जिन्हें हम परीक्षाएं कहकर बुलाते हैं। इस परिपक्वता का एक चिन्ह है धैर्य - एक ऐसा गुण जो समय बीतने के साथ ही सीखा जा सकता है। परमेश्वर के वचन बाइबल में इस धैर्य और परिपक्वता और इससे संबंधित प्रार्थनाओं के अनेक उदाहरण हैं। जैसे, याकूब ने 7 वर्ष अपनी पत्नि के लिए धैर्य रखकर परिश्रम किया, और फिर पाया कि उसके ससुर ने उसे धोखा देकर एक अन्य से उसकी शादी कर दी; उसने अपनी पसन्द कि पत्नि के लिए पुनः 7 वर्ष फिर से मेहनत करना स्वीकार किया और मेहनत करी। इस्त्राएलियों ने मिस्त्र की ग़ुलामी से छूटने के लिए 4 शताब्दी अपने छुड़ाने वाले की प्रतीक्षा करी। मूसा ने उन इस्त्राएलियों को छुड़ाने का नेतृत्व करने की ज़िम्मेदारी परमेश्वर से मिलने के लिए 4 दशक तक प्रतीक्षा करी; ज़िम्मेदारी मिलने के बाद फिर और 4 दशक तक वह उन्हें बियाबान में लेकर वाचा किए हुए उस देश की ओर लेकर चलता रहा जिसमें उसे प्रवेश नहीं करने की आज्ञा परमेश्वर ने दी थी।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में भजनकार ने लिखा: "पहरूए जितना भोर को चाहते हैं, हां, पहरूए जितना भोर को चाहते हैं, उस से भी अधिक मैं यहोवा को अपने प्राणों से चाहता हूं" (भजन 130:6); तात्पर्य था कि जैसे पहरुए रात ढलने और अपनी बारी समाप्त होने और घर पहुँचने की प्रतीक्षा करते हैं उससे भी अधिक चाह से भजनकार भी परमेश्वर से मिलने की प्रतीक्षा करता है।

   मैं भी परमेश्वर के पास होने की प्रतीक्षा करता हूँ और प्रार्थना करता हूँ; प्रार्थना करता हूँ कि मैं धरती पर अपने प्रतीक्षा के समय को योग्य रीति से धैर्य के साथ बिता सकूँ, मेरी आशा बनी रहे, मेरा विश्वास कमज़ोर ना पड़े और मैं धैर्य तथा परिपक्वता के साथ अपने उद्धारकर्ता प्रभु यीशु के काम आता रहूँ। - फिलिप यैन्सी


परमेश्वर जल्दबाज़ी में कार्य नहीं करता।

मैं यहोवा की बाट जोहता हूं, मैं जी से उसकी बाट जोहता हूं, और मेरी आशा उसके वचन पर है; - भजन 130:5 

बाइबल पाठ: भजन 130
Psalms 130:1 हे यहोवा, मैं ने गहिरे स्थानों में से तुझ को पुकारा है!
Psalms 130:2 हे प्रभु, मेरी सुन! तेरे कान मेरे गिड़गिड़ाने की ओर ध्यान से लगे रहें!
Psalms 130:3 हे याह, यदि तू अधर्म के कामों का लेखा ले, तो हे प्रभु कौन खड़ा रह सकेगा?
Psalms 130:4 परन्तु तू क्षमा करने वाला है; जिस से तेरा भय माना जाए।
Psalms 130:5 मैं यहोवा की बाट जोहता हूं, मैं जी से उसकी बाट जोहता हूं, और मेरी आशा उसके वचन पर है;
Psalms 130:6 पहरूए जितना भोर को चाहते हैं, हां, पहरूए जितना भोर को चाहते हैं, उस से भी अधिक मैं यहोवा को अपने प्राणों से चाहता हूं।
Psalms 130:7 इस्राएल यहोवा पर आशा लगाए रहे! क्योंकि यहोवा करूणा करने वाला और पूरा छुटकारा देने वाला है।
Psalms 130:8 इस्राएल को उसके सारे अधर्म के कामों से वही छुटकारा देगा।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 राजा 19-21 
  • यूहन्ना 4:1-30