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रविवार, 12 मई 2013

पूर्ण भरोसा


   झाड़ी में एक घोंसला था और उसमें से चिड़िया के बच्चों के चहचहाने की आवाज़ें आ रही थीं। मैं अपना कैमरा लेकर गई कि उनकी फोटो खींच सकूँ; जैसे ही मैंने झाड़ी में जगह बनाकर कैमरा उन बच्चों के पास किया, तुरंत ही उन बच्चों ने अपनी आँखें खोले बिना ही बड़ा सा मूँह खोल दिया और पूरे ज़ोर से आवाज़ करने लगे, मानो अपनी माँ से भोजन की गुहार कर रहे हों। चिड़िया के वे बच्चे अपनी माँ द्वारा भोजन खिलाए जाने के इतने आदि थे कि झाड़ी में डालियाँ हिलने की आवाज़ सुनते ही वे समझते थे कि माँ आई है, भोजन लाई है और बिना देखे ही वे अपना मूँह खोलकर भोजन लेने को तैयार हो जाते थे। यह उस भरोसे का प्रतीक है जो प्रेमी माताएं अपने बच्चों में भर देती हैं।

   मैं बहुत धन्य हूँ कि ऐसी ही माँ मेरी भी है। अपने बचपन से लड़कपन की ओर बढ़ती उम्र में माँ द्वारा परोसा हुआ कोई भी भोजन मैं बेधड़क खा लेती थी, मुझे पूरा भरोसा था कि उससे मुझे कोई नुकसान नहीं होगा। यद्यपि माँ द्वारा परोसी गई हर चीज़ मुझे पसन्द नहीं थी, और वह मेरी नापसन्द चीज़ों को भी मुझे खाने के लिए विवश करती थी, लेकिन मुझे यह भी भरोसा था कि वह ऐसा केवल इसलिए करती है क्योंकि वे सब चीज़ें मेरे लिए लाभप्रद हैं। मेरी ज़िद पूरी करने या कम मेहनत करने और अपनी आसानी के लिए माँ ने कभी मुझे अपौष्टिक अथवा नुकसानदेह भोजन, ’जंक फूड’ नहीं खाने दिया। वह मुझे मज़े लेने से वंचित नहीं कर रही थी, वरन मुझे में अच्छी आदतें डालने और मेरे अच्छे स्वास्थ्य के लिए परिश्रम कर रही थी; मेरा पूरा भरोसा था कि वह हर बात में केवल मेरा भला ही चाहती थी।

   कुछ ऐसा ही संबंध हर मसीही विश्वासी का अपने प्रेमी परमेश्वर पिता के साथ भी होता है। परमेश्वर के वचन बाइबल में, एक स्थान पर प्रमेश्वर ने अपनी तुलना एक माँ से करी है: "जिस प्रकार माता अपने पुत्र को शान्ति देती है, वैस ही मैं भी तुम्हें शान्ति दुंगा; तुम को यरूशलेम ही में शान्ति मिलेगी" (यशायाह 66:13)। परमेश्वर की सन्तान होने के नाते हमें किसी बात में किसी नुकसान के होने की चिंता नहीं करनी है और ना ही संसार के लोगों को देख कर किसी बात की ईर्ष्या करनी चाहिए: "कुकर्मियों के कारण मत कुढ़, कुटिल काम करने वालों के विषय डाह न कर!" (भजन 37:1)। परमेश्वर हर परिस्थिति में और हर रीति से केवल हमारा भला ही चाहता है और हमें केवल वह ही देता है जो हमारे लिए भला है। हर-हमेशा उसके चुनाव और उसकी देखभाल पर हम आँखें मूँदकर भी पूर्ण भरोसा रख सकते हैं। - जूली ऐकैरमैन लिंक


परमेश्वर हर समय हमें अपनी देखरेख में बनाए रखता है।

यहोवा पर भरोसा रख, और भला कर; देश में बसा रह, और सच्चाई में मन लगाए रह। - भजन 37:3 

बाइबल पाठ: भजन 37:1-11
Psalms 37:1 कुकर्मियों के कारण मत कुढ़, कुटिल काम करने वालों के विषय डाह न कर!
Psalms 37:2 क्योंकि वे घास की नाईं झट कट जाएंगे, और हरी घास की नाईं मुर्झा जाएंगे।
Psalms 37:3 यहोवा पर भरोसा रख, और भला कर; देश में बसा रह, और सच्चाई में मन लगाए रह।
Psalms 37:4 यहोवा को अपने सुख का मूल जान, और वह तेरे मनोरथों को पूरा करेगा।
Psalms 37:5 अपने मार्ग की चिन्ता यहोवा पर छोड़; और उस पर भरोसा रख, वही पूरा करेगा।
Psalms 37:6 और वह तेरा धर्म ज्योति की नाईं, और तेरा न्याय दोपहर के उजियाले की नाईं प्रगट करेगा।
Psalms 37:7 यहोवा के साम्हने चुपचाप रह, और धीरज से उसका आसरा रख; उस मनुष्य के कारण न कुढ़, जिसके काम सफल होते हैं, और वह बुरी युक्तियों को निकालता है!
Psalms 37:8 क्रोध से परे रह, और जलजलाहट को छोड़ दे! मत कुढ़, उस से बुराई ही निकलेगी।
Psalms 37:9 क्योंकि कुकर्मी लोग काट डाले जाएंगे; और जो यहोवा की बाट जोहते हैं, वही पृथ्वी के अधिकारी होंगे।
Psalms 37:10 थोड़े दिन के बीतने पर दुष्ट रहेगा ही नहीं; और तू उसके स्थान को भली भांति देखने पर भी उसको न पाएगा।
Psalms 37:11 परन्तु नम्र लोग पृथ्वी के अधिकारी होंगे, और बड़ी शान्ति के कारण आनन्द मनाएंगे।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 राजा 15-16 
  • यूहन्ना 3:1-18