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सोमवार, 6 मई 2013

चींटी


   हर वर्ष बसन्त ऋतु के आगमन के साथ मैं एक और आगमन भी देखती हूँ - चींटींयों का। ये छोटे से जीव रसोई के फर्श पर भोजन के कण ढूँढने आते हैं। इन्हें भोजन के प्रकार से कोई मतलब नहीं, जो भी खाने योग्य मिलता है - आलू चिप्स का कण या चावल का दाना या पनीर का कण या अन्य कुछ भी, उसे उठा लेते हैं। बड़ी मेहनत से और पंक्तिबद्ध होकर ये अपने काम को करती हैं और इसके लिए एक लंबी दूरी तय करने से नहीं कतरातीं, सारा दिन जब तक सूर्य का प्रकाश इन्हें उपलब्ध है ये इस कार्य में जुटी रहती हैं।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में राजा सुलेमान ने अपने नीतिवचन में इन चींटींयों को उदाहरण बनाकर उनसे शिक्षा लेने को कहा है (नीतिवचन 6:6-11)। सुलेमान ने चींटींयों की प्रशंसा उनके कर्मठ होने के लिए करी। चींटींयों का कोई अधिकारी या निर्देशक नहीं होता, वे स्वतः ही अपने कार्य को करने में लगी रहती हैं। चाहे उन्हें तत्काल उस भोजन की आवश्यकता ना भी हो, फिर भी जितना भी समय उन्हें मिला है उस सारे समय में वे उसे जुटाने में पूरी लगन के साथ लगी रहती हैं। जब तक पुनः शरद ऋतु आती है, इन छोटे से जीवों ने, दाना-दाना और टुकड़ा-टुकड़ा करके अपने भंडार भर लिए होते हैं और अपने स्थान में सुरक्षित रहकर वे शरद ऋतु को बिताने के लिए तैयार रहती हैं। इसी कारण बाइबल इन जीवों से शिक्षा लेने को कहती है।

   जब परमेश्वर हमें भरपूरी के समय देता है तो हम उन समयों के लिए तैयारी कर सकते हैं जब कोई कमी-घटी अथवा कठिनाई आ जाए। हमारी हर आवश्यकता की पूर्ति करने वाला परमेश्वर ही है, और वह ही हमें कार्य करने की शक्ति और क्षमता भी देता है, साथ ही सद्बुद्धि और शिक्षा भी कि उसके द्वारा दी गई इन योग्यताओं का सदुपयोग हम कैसे करें। जो कुछ उसने हमें दिया है, उस सब का उपयोग हमें योग्य भण्डारियों के समान करना है और फिर उसकी हर स्थिति में हमारी देखभाल और पूर्ति करने की प्रतिज्ञा पर विश्वास कर के उसमें आश्वस्त रहना है। मेहनत करने के अपने कर्तव्य का पालन करे बिना केवल इस बात को लेकर बैठ जाना कि परमेश्वर ही हर आवश्यकता को उपलब्ध करायगा, उसकी शिक्षाओं का गलत अर्थ निकालना है। इसीलिए प्रेरित पौलुस ने अपनी एक पत्री में लिखा: "और जब हम तुम्हारे यहां थे, तब भी यह आज्ञा तुम्हें देते थे, कि यदि कोई काम करना न चाहे, तो खाने भी न पाए। हम सुनते हैं, कि कितने लोग तुम्हारे बीच में अनुचित चाल चलते हैं; और कुछ काम नहीं करते, पर औरों के काम में हाथ डाला करते हैं। ऐसों को हम प्रभु यीशु मसीह में आज्ञा देते और समझाते हैं, कि चुपचाप काम कर के अपनी ही रोटी खाया करें" (2 थिस्सुलुनीकियों 3:10-12)।

   राजा सुलेमान में होकर परमेश्वर द्वारा दी गई शिक्षा को स्मरण रखें: "हे आलसी, च्यूंटियों के पास जा; उनके काम पर ध्यान दे, और बुद्धिमान हो" (नीतिवचन 6:6)। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट


आज के लिए परमेश्वर पर भरोसा रखें और कल के लिए तैयारी करें।

क्योंकि तुम आप जानते हो, कि किस रीति से हमारी सी चाल चलनी चाहिए; क्योंकि हम तुम्हारे बीच में अनुचित चाल न चले। और किसी की रोटी सेंत में न खाई; पर परिश्रम और कष्‍ट से रात दिन काम धन्‍धा करते थे, कि तुम में से किसी पर भार न हो। - 2 थिस्सुलुनीकियों 3:7-8

बाइबल पाठ: नीतिवचन 6:6-11
Proverbs 6:6 हे आलसी, च्यूंटियों के पास जा; उनके काम पर ध्यान दे, और बुद्धिमान हो।
Proverbs 6:7 उन के न तो कोई न्यायी होता है, न प्रधान, और न प्रभुता करने वाला,
Proverbs 6:8 तौभी वे अपना आहार धूपकाल में संचय करती हैं, और कटनी के समय अपनी भोजन वस्तु बटोरती हैं।
Proverbs 6:9 हे आलसी, तू कब तक सोता रहेगा? तेरी नींद कब टूटेगी?
Proverbs 6:10 कुछ और सो लेना, थोड़ी सी नींद, एक और झपकी, थोड़ा और छाती पर हाथ रखे लेटे रहना,
Proverbs 6:11 तब तेरा कंगालपन बटमार की नाईं और तेरी घटी हथियारबन्द के समान आ पड़ेगी।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 राजा 21-22 
  • लूका 23:26-56