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सोमवार, 15 अप्रैल 2013

अनिश्चितता में निश्चय


   अप्रैल 2010 की घटना है, आईसलैंड में फटने वाले एक ज्वालामुखी से राख के बादल आकाश में छा गए और परिणामस्वरूप यूरोप तथा इंगलैंड के वायु अड्डे 5 दिन तक बन्द रहे। इसके कारण लगभग 100,000 उडानें रद्द हो गईं और लाखों वायु यात्री अपनी यात्रा से वंचित हो गए। बहुत से लोगों के अनेक आवश्यक कार्य अवरुद्ध हो गए, संसार भर में व्यापार में बहुत घाटा हुआ और सब अनिश्चितता से भर गए क्योंकि कोई नहीं जानता था कि घटना क्रम कब सामान्य होगा।

   जब हमारी योजनाएं बिखर जाएं, कोई उपाए सूझ ना पड़े तो उस कुंठा और निराशा का सामना हम कैसे करते हैं? परमेश्वर के वचन बाइबल में यशायाह 26:3-4 जीवन के हर तूफान में हमें स्थिर बांधे रखने वाला लंगर है: "जिसका मन तुझ में धीरज धरे हुए हैं, उसकी तू पूर्ण शान्ति के साथ रक्षा करता है, क्योंकि वह तुझ पर भरोसा रखता है। यहोवा पर सदा भरोसा रख, क्योंकि प्रभु यहोवा सनातन चट्टान है" (यशायाह 26:3-4)। परमेश्वर की इस अटल प्रतिज्ञा को स्मरण रखना और हर रात सोने से पहले दोहराना हमें सदा ही हिम्मत देता रहेगा और हर परिस्थिति का सामना करने की सामर्थ देगा।

   प्रत्येक मसीही विश्वासी को यह आश्वासन है कि चाहे हम झुंझला देने वाले असुविधा का सामना करें या हृदयविदारक हानि का, चाहे हमारी सभी योजनाएं बिखर जाएं और समस्या हमारी समझ और सामर्थ से परे हो, लेकिन हमारा परमेश्वर पिता सदा हमारे साथ है, उसका प्रेम, शांति और सुरक्षा सदा ही हमारे जीवन में बने रहते है। वह हमारे लिए हर बात से अन्ततः भलाई ही उत्पन्न करता है (रोमियों 8:28) और हमारी सामर्थ से बाहर किसी परीक्षा में हमें नहीं पड़ने देता (1 कुरिन्थियों 10:13)।

   जीवन की हर अनिश्चितता में हर मसीही विश्वासी के साथ परमेश्वर की सदा बनी रहने वाली उपस्थिति हमारी आशीष और सुरक्षा का निश्चय है। - डेविड मैक्कैसलैंड


जब हम अपनी समस्याएं परमेश्वर के हाथों में सौंप देते हैं तो वह अपनी शांति हमारे हृदय में भर देता है।

जिसका मन तुझ में धीरज धरे हुए हैं, उसकी तू पूर्ण शान्ति के साथ रक्षा करता है, क्योंकि वह तुझ पर भरोसा रखता है। - यशायाह 26:3

बाइबल पाठ: यशायाह 26:1-9
Isaiah 26:1 उस समय यहूदा देश में यह गीत गाया जाएगा, हमारा एक दृढ़ नगर है; उद्धार का काम देने के लिये वह उसकी शहरपनाह और गढ़ को नियुक्त करता है।
Isaiah 26:2 फाटकों को खोलो कि सच्चाई का पालन करने वाली एक धर्मी जाति प्रवेश करे।
Isaiah 26:3 जिसका मन तुझ में धीरज धरे हुए हैं, उसकी तू पूर्ण शान्ति के साथ रक्षा करता है, क्योंकि वह तुझ पर भरोसा रखता है।
Isaiah 26:4 यहोवा पर सदा भरोसा रख, क्योंकि प्रभु यहोवा सनातन चट्टान है।
Isaiah 26:5 वह ऊंचे पद वाले को झुका देता, जो नगर ऊंचे पर बसा है उसको वह नीचे कर देता। वह उसको भूमि पर गिराकर मिट्टी में मिला देता है।
Isaiah 26:6 वह पांवों से, वरन दरिद्रों के पैरों से रौंदा जाएगा।
Isaiah 26:7 धर्मी का मार्ग सच्चाई है; तू जो स्वयं सच्चाई है, तू धर्मी की अगुवाई करता है।
Isaiah 26:8 हे यहोवा, तेरे न्याय के मार्ग में हम लोग तेरी बाट जोहते आए हैं; तेरे नाम के स्मरण की हमारे प्राणों में लालसा बनी रहती है।
Isaiah 26:9 रात के समय मैं जी से तेरी लालसा करता हूं, मेरा सम्पूर्ण मन यत्न के साथ तुझे ढूंढ़ता है। क्योंकि जब तेरे न्याय के काम पृथ्वी पर प्रगट होते हैं, तब जगत के रहने वाले धर्म की सीखते हैं।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 शमूएल 27-29 
  • लूका 13:1-22