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शुक्रवार, 22 मार्च 2013

फलवंत और आनन्दित


   मैं और मेरा परिवार एक बहुमंज़िली इमारत में रहते हैं इसलिए हमारा बग़ीचा गमलों में लगे फूलों के पौधों तक ही सीमित है। बहुत समय तक हमारे पौधों में फूल नहीं आ रहे थे, जबकि हम नियमित रूप से उन्हें पानी और खाद देते थे। फिर हमें मालूम हुआ कि गमले की मिट्टी की गुड़ाई करना और उसे उलट-पुलट करना भी आवश्यक है। हमने यह भी करना आरंभ कर दिया और अब हमारे घर में फूलों की छट्टा देखते ही बनती है।

   कभी कभी हमारे जीवनों में भी यह आवश्यक होता है कि जीवन कुछ उलट-पुलट हो। परेशानीयों से होकर निकल रहे अपने समय के मसीही विश्वासीयों को लिखी अपनी पत्री में प्रेरित पतरस ने उन्हें समझाया: "हे प्रियों, जो दुख रूपी अग्‍नि तुम्हारे परखने के लिये तुम में भड़की है, इस से यह समझ कर अचम्भा न करो कि कोई अनोखी बात तुम पर बीत रही है। पर जैसे जैसे मसीह के दुखों में सहभागी होते हो, आनन्द करो, जिस से उसकी महिमा के प्रगट होते समय भी तुम आनन्‍दित और मगन हो" (1 पतरस 4:12-13)।

   हमारे गमलों के पौधों की मिट्टी के समान, इन मसीही विश्वासीयों के जीवन भी "उलट-पुलट" किए जा रहे थे। उनके जीवनों में परेशानीयों का यह समय आने देने के द्वारा परमेश्वर का उद्देश्य उनके जीवनों को और कारगर बनाना था जो परमेश्वर की महिमा और प्रशंसा को प्रगट करता (1 पतरस 1:7)।

   परमेश्वर हमारे जीवनों को घोट कर रखने और हमें उसके लिए फलवंत होने से रोकने वाली बातों से हमें निकालने के लिए हमारे जीवनों में उथल-पुथल आने देता है। यह उथल-पुथल अपने साथ परीक्षा और दुख भी लाती है, लेकिन हमारे लिए अन्ततः इससे भलाई ही उत्पन्न होती है। मसीही विश्वासी होने पर भी यदि आप जीवन के ऐसे दौर से गुज़र रहें हैं तो निराश नहीं वरन आनन्दित हों, परमेश्वर आपको अपनी महिमा के लिए तैयार कर रहा है और उपयोग भी करेगा। उसके हाथों में अपने आप को छोड़ दीजिए और कुछ ही समय में आप अपनी कलपना से भी अधिक फलवंत और आनन्दित होंगे। - सी. पी. हिया


जो अपने क्लेषों में भी परमेश्वर को धन्य कहते हैं वे परमेश्वर द्वारा क्लेषों में भी धन्य बन जाते हैं।

पर जैसे जैसे मसीह के दुखों में सहभागी होते हो, आनन्द करो, जिस से उसकी महिमा के प्रगट होते समय भी तुम आनन्‍दित और मगन हो। - 1 पतरस 4:13

बाइबल पाठ: 1 पतरस 1:1-9
1 Peter 1:1 पतरस की ओर से जो यीशु मसीह का प्रेरित है, उन परदेशियों के नाम, जो पुन्‍तुस, गलतिया, कप्‍पदुकिया, आसिया, और बिथुनिया में तित्तर बित्तर हो कर रहते हैं।
1 Peter 1:2 और परमेश्वर पिता के भविष्य ज्ञान के अनुसार, आत्मा के पवित्र करने के द्वारा आज्ञा मानने, और यीशु मसीह के लोहू के छिड़के जाने के लिये चुने गए हैं। तुम्हें अत्यन्‍त अनुग्रह और शान्‍ति मिलती रहे।
1 Peter 1:3 हमारे प्रभु यीशु मसीह के परमेश्वर और पिता का धन्यवाद दो, जिसने यीशु मसीह के हुओं में से जी उठने के द्वारा, अपनी बड़ी दया से हमें जीवित आशा के लिये नया जन्म दिया।
1 Peter 1:4 अर्थात एक अविनाशी और निर्मल, और अजर मीरास के लिये।
1 Peter 1:5 जो तुम्हारे लिये स्वर्ग में रखी है, जिन की रक्षा परमेश्वर की सामर्थ से, विश्वास के द्वारा उस उद्धार के लिये, जो आने वाले समय में प्रगट होने वाली है, की जाती है।
1 Peter 1:6 और इस कारण तुम मगन होते हो, यद्यपि अवश्य है कि अब कुछ दिन तक नाना प्रकार की परीक्षाओं के कारण उदास हो।
1 Peter 1:7 और यह इसलिये है कि तुम्हारा परखा हुआ विश्वास, जो आग से ताए हुए नाशमान सोने से भी कहीं, अधिक बहुमूल्य है, यीशु मसीह के प्रगट होने पर प्रशंसा, और महिमा, और आदर का कारण ठहरे।
1 Peter 1:8 उस से तुम बिन देखे प्रेम रखते हो, और अब तो उस पर बिन देखे भी विश्वास कर के ऐसे आनन्‍दित और मगन होते हो, जो वर्णन से बाहर और महिमा से भरा हुआ है।
1 Peter 1:9 और अपने विश्वास का प्रतिफल अर्थात आत्माओं का उद्धार प्राप्त करते हो।

एक साल में बाइबल: 
  • यहोशू 10-12 
  • लूका 1:39-56