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बुधवार, 13 मार्च 2013

ऊर्जा का स्त्रोत


   चौकलेट सामान्यतः लोगों का एक पसंदीदा पदार्थ है जिससे मिठास और उर्जा दोनो ही प्राप्त होते हैं। ब्रिटिश औटो टैक्निशियन्स ने इस मीठे खाद्य पदार्थ का एक अनूठा उपयोग निकाला है। वारविक विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने एक रेसिंग कार बनाई है जो वनस्पति तेलों और चौकलेट से चलती है। इस अनोखे इन्धन से चलने वाली यह कार 135 मील प्रति घंटा की रफतार तक जा सकती है।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में भी भोजन से मिली ऊर्जा का एक विलक्षण उदाहरण दिया गया है। कार्मेल पर्वत पर परमेश्वर ने एलियाह के द्वारा एक अद्भुत और महान कार्य करवाया और यहोवा ही परमेश्वर है प्रमाणित करने के लिए एलियाह के कहने पर आसमान से आग गिराई और वेदी पर रखी हुई बलि को भस्म कर दिया। इस आत्मिक पराकाष्ठा के बाद एलियाह को हत्या की धमकी मिली जिससे वह घोर निराशा में आ गया और वहाँ से भाग खड़ा हुआ। एलियाह की निराशा के समय में परमेश्वर ने एक स्वर्गदूत द्वारा उसे भोजन और जल पहुँचाया; उस भोजन से मिली ऊर्जा असाधारण थी: "...और उसी भोजन से बल पाकर चालीस दिन रात चलते चलते परमेश्वर के पर्वत होरेब को पहुंचा" (1 राजा 19:8)।

   जैसे हमारे शरीरों को शारीरिक बल के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है, वैसे ही हमारी आत्मा को भी आत्मिक बल के लिए आत्मिक ऊर्जा कि आवश्यकता होती है। परमेश्वर का वचन बाइबल ही वह आत्मिक भोजन है जो आत्मा को सामर्थ देता है। इसीलिए भजनकार ने परमेश्वर के वचन के लिए लिखा: "यहोवा की व्यवस्था खरी है, वह प्राण को बहाल कर देती है; यहोवा के नियम विश्वासयोग्य हैं, साधारण लोगों को बुद्धिमान बना देते हैं; यहोवा के उपदेश सिद्ध हैं, हृदय को आनन्दित कर देते हैं; यहोवा की आज्ञा निर्मल है, वह आंखों में ज्योति ले आती है;" (भजन 19:7-8)। 

   प्रभु यीशु के लिए परमेश्वर की आज्ञाकारिता ही उसका भोजन अर्थात ऊर्जा का स्त्रोत थी: "यीशु ने उन से कहा, मेरा भोजन यह है, कि अपने भेजने वाले की इच्छा के अनुसार चलूं और उसका काम पूरा करूं" (यूहन्ना 4:34); और प्रभु यीशु ने कहा: "जिस के पास मेरी आज्ञा है, और वह उन्हें मानता है, वही मुझ से प्रेम रखता है, और जो मुझ से प्रेम रखता है, उस से मेरा पिता प्रेम रखेगा, और मैं उस से प्रेम रखूंगा, और अपने आप को उस पर प्रगट करूंगा।...यदि कोई मुझ से प्रेम रखे, तो वह मेरे वचन को मानेगा, और मेरा पिता उस से प्रेम रखेगा, और हम उसके पास आएंगे, और उसके साथ वास करेंगे" (यूहन्ना 14:21, 23)।

   परमेश्वर के वचन बाइबल को अपनी आत्मिक ऊर्जा का स्त्रोत बना लीजिए, वह जीवन की हर परिस्थिति में काम आएगी, सही मार्गदर्शन देगी और आपको परमेश्वर की संगति में बनाए रखेगी। - डेनिस फिशर


परमेश्वर अपने वचन के द्वारा हमारा पोषण करता है।

हर एक पवित्रशास्‍त्र परमेश्वर की प्रेरणा से रचा गया है और उपदेश, और समझाने, और सुधारने, और धर्म की शिक्षा के लिये लाभदायक है। - 2 तिमुथियुस 3:16

बाइबल पाठ: 1 राजा 19:1-8
1 Kings 19:1 तब अहाब ने ईज़ेबेल को एलिय्याह के सब काम विस्तार से बताए कि उसने सब नबियों को तलवार से किस प्रकार मार डाला।
1 Kings 19:2 तब ईज़ेबेल ने एलिय्याह के पास एक दूत के द्वारा कहला भेजा, कि यदि मैं कल इसी समय तक तेरा प्राण उनका सा न कर डालूं तो देवता मेरे साथ वैसा ही वरन उस से भी अधिक करें।
1 Kings 19:3 यह देख एलिय्याह अपना प्राण ले कर भागा, और यहूदा के बेर्शेबा को पहुंच कर अपने सेवक को वहीं छोड़ दिया।
1 Kings 19:4 और आप जंगल में एक दिन के मार्ग पर जा कर एक झाऊ के पेड़ के तले बैठ गया, वहां उसने यह कह कर अपनी मृत्यु मांगी कि हे यहोवा बस है, अब मेरा प्राण ले ले, क्योंकि मैं अपने पुरखाओं से अच्छा नहीं हूँ।
1 Kings 19:5 वह झाऊ के पेड़ तले लेटकर सो गया और देखो एक दूत ने उसे छूकर कहा, उठ कर खा।
1 Kings 19:6 उसने दृष्टि कर के क्या देखा कि मेरे सिरहाने पत्थरों पर पकी हुई एक रोटी, और एक सुराही पानी धरा है; तब उसने खाया और पिया और फिर लेट गया।
1 Kings 19:7 दूसरी बार यहोवा का दूत आया और उसे छूकर कहा, उठ कर खा, क्योंकि तुझे बहुत भारी यात्रा करनी है।
1 Kings 19:8 तब उसने उठ कर खाया पिया; और उसी भोजन से बल पाकर चालीस दिन रात चलते चलते परमेश्वर के पर्वत होरेब को पहुंचा।

एक साल में बाइबल: 
  • व्यवस्थाविवरण 20-22 
  • मरकुस 13:21-37