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रविवार, 10 मार्च 2013

प्रार्थना


   मैंने एक माँ द्वारा अपने बच्चों के लिए स्थापित किए गए ’5 मिनिट’ के नियम के बारे में पढ़ा। उस माँ ने अपने घर में यह नियम बनाया हुआ था कि प्रतिदिन स्कूल जाने के लिए निकलने से 5 मिनिट पहले सब बच्चों को तैयार होकर माँ के पास एकत्रित हो जाना है। उस समय में वह उन में से प्रत्येक के लिए उनका नाम लेकर प्रार्थना करती, दिन भर के लिए परमेश्वर की सुरक्षा तथा आशीष उनपर माँगती, फिर उनमें से प्रत्येक को चुम्बन देकर स्कूल के लिए विदा करती। यदि पड़ौस का कोई बच्चा उस समय वहाँ होता तो यही प्रार्थना और सप्रेम विदाई उस बच्चे के लिए भी की जाती। कई वर्ष बाद एक बच्चे ने बताया कि इस अनुभव ने उसके मन में इस बात को स्थापित किया कि प्रार्थना दैनिक जीवन के लिए कितनी आवश्यक है।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में भजन 102 का लेखक प्रार्थना के महत्व को जानता था। इस भजन के आरंभ में लिखा गया है: "दीन जन की उस समय की प्रार्थना जब वह दुख का मारा अपने शोक की बातें यहोवा के सामेन खोलकर कहता हो।" भजनकार ने लिखा: "हे यहोवा, मेरी प्रार्थना सुन; मेरी दोहाई तुझ तक पहुंचे! मेरे संकट के दिन अपना मुख मुझ से न छिपा ले; अपना कान मेरी ओर लगा; जिस समय मैं पुकारूं, उसी समय फुर्ती से मेरी सुन ले!" (भजन 102:1-2)। अपनी दोहाई देने के बाद भजनकार लिखता है: "क्योंकि यहोवा ने अपने ऊंचे और पवित्र स्थान से दृष्टि कर के स्वर्ग से पृथ्वी की ओर देखा है, ताकि बन्धुओं का कराहना सुने, और घात होन वालों के बन्धन खोले;" (भजन 102:19-20)।

   परमेश्वर आपकी चिंता करता है और आपकी प्रार्थना सुनना चाहता है। चाहे आपकी प्रार्थना छोटी हो या आप समय लगाकर अपने हृदय की वेदना उसे बयान करें, प्रतिदिन प्रार्थना में उसके साथ समय अवश्य बिताएं। यह ना केवल आपके लिए लाभकारी और आशीषमय होगा, वरन आपका यह व्यवहार और विश्वास आपके किसी निकट जन या परिवार जन के लिए भी एक अच्छा उदाहरण बन सकेगा और उसके जीवन को आशीषित करेगा। - ऐने सेटास


प्रार्थना, परमेश्वर की आवश्यकता हमारे जीवनों में होने की स्वीकृति है।

वह लाचार की प्रार्थना की ओर मुंह करता है, और उनकी प्रार्थना को तुच्छ नहीं जानता। - भजन 102:17

बाइबल पाठ: भजन 102:1-20
Psalms 102:1 हे यहोवा, मेरी प्रार्थना सुन; मेरी दोहाई तुझ तक पहुंचे!
Psalms 102:2 मेरे संकट के दिन अपना मुख मुझ से न छिपा ले; अपना कान मेरी ओर लगा; जिस समय मैं पुकारूं, उसी समय फुर्ती से मेरी सुन ले!
Psalms 102:3 क्योंकि मेरे दिन धुएं की नाईं उड़े जाते हैं, और मेरी हडि्डयां लुकटी के समान जल गई हैं।
Psalms 102:4 मेरा मन झुलसी हुई घास की नाईं सूख गया है; और मैं अपनी रोटी खाना भूल जाता हूं।
Psalms 102:5 कराहते कराहते मेरा चमड़ा हडि्डयों में सट गया है।
Psalms 102:6 मैं जंगल के धनेश के समान हो गया हूं, मैं उजड़े स्थानों के उल्लू के समान बन गया हूं।
Psalms 102:7 मैं पड़ा पड़ा जागता रहता हूं और गौरे के समान हो गया हूं जो छत के ऊपर अकेला बैठता है।
Psalms 102:8 मेरे शत्रु लगातार मेरी नामधराई करते हैं, जो मेरे विराध की धुन में बावले हो रहे हैं, वे मेरा नाम ले कर शपथ खाते हैं।
Psalms 102:9 क्योंकि मैं ने रोटी की नाईं राख खाई और आंसू मिला कर पानी पीता हूं।
Psalms 102:10 यह तेरे क्रोध और कोप के कारण हुआ है, क्योंकि तू ने मुझे उठाया, और फिर फेंक दिया है।
Psalms 102:11 मेरी आयु ढलती हुई छाया के समान है; और मैं आप घास की नाईं सूख चला हूं।
Psalms 102:12 परन्तु हे यहोवा, तू सदैव विराजमान रहेगा; और जिस नाम से तेरा स्मरण होता है, वह पीढ़ी से पीढ़ी तक बना रहेगा।
Psalms 102:13 तू उठ कर सिय्योन पर दया करेगा; क्योंकि उस पर अनुग्रह करने का ठहराया हुआ समय आ पहुंचा है।
Psalms 102:14 क्योंकि तेरे दास उसके पत्थरों को चाहते हैं, और उसकी धूलि पर तरस खाते हैं।
Psalms 102:15 इसलिये अन्यजातियां यहोवा के नाम का भय मानेंगी, और पृथ्वी के सब राजा तेरे प्रताप से डरेंगे।
Psalms 102:16 क्योंकि यहोवा ने सिय्योन को फिर बसाया है, और वह अपनी महिमा के साथ दिखाई देता है;
Psalms 102:17 वह लाचार की प्रार्थना की ओर मुंह करता है, और उनकी प्रार्थना को तुच्छ नहीं जानता।
Psalms 102:18 यह बात आने वाली पीढ़ी के लिये लिखी जाएगी, और एक जाति जो सिरजी जाएगी वही याह की स्तुति करेगी।
Psalms 102:19 क्योंकि यहोवा ने अपने ऊंचे और पवित्र स्थान से दृष्टि कर के स्वर्ग से पृथ्वी की ओर देखा है,
Psalms 102:20 ताकि बन्धुओं का कराहना सुने, और घात होन वालों के बन्धन खोले;

एक साल में बाइबल: 
  • व्यवस्थाविवरण 11-13 
  • मरकुस 12:1-27