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रविवार, 10 फ़रवरी 2013

शुभकामनाएं


   सिंगापुर में चीनी नव वर्ष के सामाजिक एवं व्यावसायिक सामूहिक प्रीतिभोज अधिकांशतः एक विशेष प्रकार के भोजन से आरंभ होते हैं जो बिना पकाए ही कई वस्तुओं को एक साथ मिलाकर बनाया जाता है। परंपरा है कि जितने लोग भोज में उपस्थित होते हैं वे सब मिलकर इन सब वस्तुओं को एक बर्तन में एक साथ मिलाते हैं और ऐसा करते हुए एक दूसरे के लिए नववर्ष में सौभाग्य लाने के लिए कुछ बातों को बोलते रहते हैं। इस भोजन पदार्थ का नाम है यू शेंग जो कि चीनी भाषा में ’समृद्धि का वर्ष’ कहे जाने के जैसा ही सुनाई पड़ता है।

   हमारे शब्द आते समयों के लिए हमारी भावनाओं और आशाओं को व्यक्त कर सकते हैं लेकिन वे शब्द किसी के जीवन में समृद्धि ला नहीं सकते। यह सामर्थ तो केवल परमेश्वर के पास है, इसलिए अधिक महत्वपूर्ण बात यह है कि हम विचार करें और जानें कि परमेश्वर हम से आते समयों के लिए क्या आशा रखता है।

   फिलिप्पी के विश्वासियों को लिखी अपनी पत्री में पौलुस ने उनसे कहा, "मैं यह प्रार्थना करता हूं, कि तुम्हारा प्रेम, ज्ञान और सब प्रकार के विवेक सहित और भी बढ़ता जाए" (फिलिप्पियों १:९)। फिलिप्पी की मण्डली पौलुस के साथ सहभागी रही थी और वह भी उनसे बहुत प्रेम करता था (फिलिप्पियों १:५, ७) लेकिन पौलुस यह भी चाहता था कि वे परस्पर प्रेम में भी और अधिक बढ़ते जाएं। पौलुस केवल उनसे परमेश्वर के ज्ञान में ही बढ़ने की आशा नहीं रखता था लेकिन उस परमेश्वरीय प्रेम में भी जो कि परमेश्वर के साथ निकट संबंध होने से आता है। परमेश्वर को निकटता से जानने से ही हम सही और गलत के भेद को समझने और फिर उसे जीवनों में लागू करने में सक्षम होने पाते हैं।

   नववर्ष में लोगों को अपनी शुभकामनाएं देना भला है, लेकिन हमारी हार्दिक इच्छा परमेश्वरीय प्रेम में बढ़ते जाने की होनी चाहिए जिससे हमारे जीवन धार्मिकता के फलों से सुसज्जित होकर परमेश्वर की महिमा का कारण ठहरें (फिलिप्पियों १:११)। - सी. पी. हिया


जिनके पास परमेश्वर के लिए दिल होता है वे दिल में लोगों को जगह देना भी जानते हैं।

मैं यह प्रार्थना करता हूं, कि तुम्हारा प्रेम, ज्ञान और सब प्रकार के विवेक सहित और भी बढ़ता जाए। - फिलिप्पियों १:९

बाइबल पाठ: फिलिप्पियों १:३-१२
Philippians1:3 मैं जब जब तुम्हें स्मरण करता हूं, तब तब अपने परमेश्वर का धन्यवाद करता हूं।
Philippians1:4 और जब कभी तुम सब के लिये बिनती करता हूं, तो सदा आनन्द के साथ बिनती करता हूं।
Philippians1:5 इसलिये, कि तुम पहिले दिन से ले कर आज तक सुसमाचार के फैलाने में मेरे सहभागी रहे हो।
Philippians1:6 और मुझे इस बात का भरोसा है, कि जिसने तुम में अच्छा काम आरम्भ किया है, वही उसे यीशु मसीह के दिन तक पूरा करेगा।
Philippians1:7 उचित है, कि मैं तुम सब के लिये ऐसा ही विचार करूं क्योंकि तुम मेरे मन में आ बसे हो, और मेरी कैद में और सुसमाचार के लिये उत्तर और प्रमाण देने में तुम सब मेरे साथ अनुग्रह में सहभागी हो।
Philippians1:8 इस में परमेश्वर मेरा गवाह है, कि मैं मसीह यीशु की सी प्रीति कर के तुम सब की लालसा करता हूं।
Philippians1:9 और मैं यह प्रार्थना करता हूं, कि तुम्हारा प्रेम, ज्ञान और सब प्रकार के विवेक सहित और भी बढ़ता जाए।
Philippians1:10 यहां तक कि तुम उत्तम से उत्तम बातों को प्रिय जानो, और मसीह के दिन तक सच्चे बने रहो; और ठोकर न खाओ।
Philippians1:11 और उस धामिर्कता के फल से जो यीशु मसीह के द्वारा होते हैं, भरपूर होते जाओ जिस से परमेश्वर की महिमा और स्‍तुति होती रहे।
Philippians1:12 हे भाइयों, मैं चाहता हूं, कि तुम यह जान लो, कि मुझ पर जो बीता है, उस से सुसमाचार ही की बढ़ती हुई है।

एक साल में बाइबल: 
  • लैव्यवस्था ८-१० 
  • मत्ती २५:३१-४६