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गुरुवार, 17 जनवरी 2013

अन्धकार में मार्गदर्शन


   मैं सोचता था कि परमेश्वर यदि पहले से ही मुझे बात का परिणाम बता दे तो मुझे कार्य करना सरल हो जाएगा। मैं मानता हूँ कि परमेश्वर के वचन के वायदे के अनुसार सब बातें मिलकर भलाई ही को उत्पन्न करती हैं (रोमियों ८:२८), किंतु अन्धकार के समयों में मेरे लिए कार्य कर पाना अधिक सहज होगा यदि मैं पहले से जान सकूँ कि वह "भलाई" क्या है!

   परन्तु परमेश्वर अधिकांशतः हमें वह स्थान पहले से नहीं दिखाता जहां वह हमें ले कर जा रहा है; वह बस हमें उस पर और उस की योजनाओं पर विश्वास रखने को कहता है। यह अन्धकार में कार चलाने के समान है। कार चलाते हुए, हमारी कार की बत्ती की रौशनी हमारे गन्तव्य स्थान तक नहीं पहुँचती, उन बत्तियों की रौशनी में हम केवल लगभग १००-१५० फुट आगे का ही देखने पाते हैं; किंतु उस रौशनी की यह सीमा हमें आगे बढ़ने से नहीं रोकती। हम बत्ती पर भरोसा करते हुए, जितना दिख रहा है उसका आंकलन करते हुए आगे बढ़ते जाते हैं और बत्ती हमें क्रमशः आगे का मार्ग दिखाती चली जाती है, अन्ततः हम अपने लक्ष्य तक पहुँच जाते हैं।

   परमेश्वर का वचन बाइबल भी उस ज्योति के समान है जो अन्धकार में मार्ग दिखाती है - उतना जितने की हमें उस समय आवश्यकता है। परमेश्वर के वचन में उसके बच्चों के लिए परमेश्वर के आश्वासन और प्रतिज्ञाएं हैं जो उन्हें जीवन की निराशा और कटुता के गढ़हों में गिरने से बचाते हैं। परमेश्वर ने कहा है कि वह ना हमें कभी छोड़ेगा और ना कभी हमें त्यागेगा (इब्रानियों १३:५)। उसका वचन हमें आश्वस्त करता है कि जो योजनाएं वह हमारे लिए बना रहा है वे हमारे लाभ ही की हैं जिससे हमें एक अच्छा भविष्य मिल सके (यर्मियाह २९:११)। उसका वायदा है कि जो परीक्षाएं हम पर आती हैं वे हमारे नुकसान के लिए नहीं वरन हमारी उन्नति के लिए हैं (याकूब १:२-४)।

   इसलिए यदि अगली बार जीवन की किसी कठिनाई और परीक्षा में आपको लगे कि आप अन्धेरे में चल रहे हैं तो अपनी ज्योति - परमेश्वर के वचन पर भरोसा रखिए; उस परिस्थिति के लिए वही आपका मार्गदर्शन करेगा, सही राह दिखाएगा। - जो स्टोवैल


परमेश्वर के वचन की ज्योति में चलेंगे तो जीवन के मार्ग में ठोकर नहीं खाएंगे।

तेरा वचन मेरे पांव के लिये दीपक, और मेरे मार्ग के लिये उजियाला है। - भजन ११९:१०५

बाइबल पाठ: भजन ११९:१०५-११२
Ps 119:105  तेरा वचन मेरे पांव के लिये दीपक, और मेरे मार्ग के लिये उजियाला है।
Ps 119:106  मैं ने शपथ खाई, और ठाना भी है कि मैं तेरे धर्ममय नियमों के अनुसार चलूंगा।
Ps 119:107  मैं अत्यन्त दु:ख में पड़ा हूं; हे यहोवा, अपने वचन के अनुसार मुझे जिला।
Ps 119:108  हे यहोवा, मेरे वचनों को स्वेच्छाबलि जान कर ग्रहण कर, और अपने नियमों को मुझे सिखा।
Ps 119:109  मेरा प्राण निरन्तर मेरी हथेली पर रहता है, तौभी मैं तेरी व्यवस्था को भूल नहीं गया।
Ps 119:110  दुष्टों ने मेरे लिये फन्दा लगाया है, परन्तु मैं तेरे उपदेशों के मार्ग से नहीं भटका।
Ps 119:111  मैं ने तेरी चितौनियों को सदा के लिये अपना निज भाग कर लिया है, क्योंकि वे मेरे हृदय के हर्ष का कारण हैं।
Ps 119:112  मैं ने अपने मन को इस बात पर लगाया है, कि अन्त तक तेरी विधियों पर सदा चलता रहूं।

एक साल में बाइबल: उत्पत्ति ४१-४२ मत्ती १२:१-२३