ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

बुधवार, 19 दिसंबर 2012

अनन्त जीवन


   आयरलैंड में न्यूग्रैन्ज एक ५००० वर्ष पुराना समाधि-स्थल है जो बोएने घाटी के किसानों द्वारा बनाया गया था। यह अद्भुत स्थल एक एकड़ से भी अधिक ज़मीन पर बना हुआ है, और लोग यहां पर मृत्यु से संबंधित बातों पर चिंतन और मनन के लिए जाया करते थे। यह स्थल साल में एक बार दिसंबर १९-२३ के दिनों में, जब दिन सबसे छोटे होते हैं, १७ मिनिटों के लिए सूर्य की एक किरण के इसके कमरों से होकर निकलने के लिए भी विख्यात है। कुछ लोगों का कहना है कि यह बात मृत्यु पर जीवन की विजय का सामर्थी प्रतीक है।

   परमेश्वर के वचन बाइबल के उत्पत्ति ३ अध्याय में दिए गए पाप के कारण मानव जीवन में आए मृत्यु के अनुभव के बाद से ही मृत्यु मानव जीवन का अवश्यंभावी सत्य और अधिकांश लोगों के लिए एक प्रमुख भय रही है। लेकिन ऐसा होना नहीं चाहिए। प्रेरित पौलुस ने लिखा: "क्‍योंकि जब एक मनुष्य के अपराध के कराण मृत्यु ने उस एक ही के द्वारा राज्य किया, तो जो लोग अनुग्रह और धर्मरूपी वरदान बहुतायत से पाते हैं वे एक मनुष्य के, अर्थात यीशु मसीह के द्वारा अवश्य ही अनन्‍त जीवन में राज्य करेंगे" (रोमियों ५:१७)।

   अदन की वाटिका के उस क्षण से, हमारे आदि माता-पिता के पाप के कारण मृत्यु ने प्रवेश किया और पाप के साथ हम पर प्रभुता करी है। किंतु अब हमें मृत्यु और उसके परिणामों से भयभीत होने की कोई आवश्यकता नहीं है। मसीह यीशु में होकर हम अनन्त जीवन की दृढ़ आशा रख सकते हैं क्योंकि मृत्यु पर उसकी जय ने प्रभु यीशु के प्रत्येक विश्वासी को भी यही आशा और अनन्त जीवन प्रदान कर दिया है।

   मसीह यीशु को अपने उद्धारकर्ता के रूप में ग्रहण कीजिए, और मृत्यु के भय से छुटकारा तथा अनन्त जीवन भी आपको मिल जाएगा। - बिल क्राउडर


मसीह की खाली कब्र हमारे अनन्त जीवन तथा म्रुत्यु पर विजय का निश्चय है।

क्‍योंकि जब एक मनुष्य के अपराध के कारण मृत्यु ने उस एक ही के द्वारा राज्य किया, तो जो लोग अनुग्रह और धर्मरूपी वरदान बहुतायत से पाते हैं वे एक मनुष्य के, अर्थात यीशु मसीह के द्वारा अवश्य ही अनन्‍त जीवन में राज्य करेंगे। - रोमियों ५:१७

बाइबल पाठ: रोमियों ५:१५-२१
Rom 5:15  पर जैसा अपराध की दशा है, वैसी अनुग्रह के वरदान की नहीं, क्‍योंकि जब एक मनुष्य के अपराध से बहुत लोग मरे, तो परमेश्वर का अनुग्रह और उसका जो दान एक मनुष्य के, अर्थात यीशु मसीह के अनुग्रह से हुआ बहुतेरे लागों पर अवश्य ही अधिकाई से हुआ। 
Rom 5:16  और जैसा एक मनुष्य के पाप करने का फल हुआ, वैसा ही दान की दशा नहीं, क्‍योंकि एक ही के कारण दण्‍ड की आज्ञा का फैसला हुआ, परन्‍तु बहुतेरे अपराधों से ऐसा वरदान उत्‍पन्न हुआ, कि लोग धर्मी ठहरे। 
Rom 5:17  क्‍योंकि जब एक मनुष्य के अपराध के कराण मृत्यु ने उस एक ही के द्वारा राज्य किया, तो जो लोग अनुग्रह और धर्मरूपी वरदान बहुतायत से पाते हैं वे एक मनुष्य के, अर्थात यीशु मसीह के द्वारा अवश्य ही अनन्‍त जीवन में राज्य करेंगे। 
Rom 5:18  इसलिये जैसा एक अपराध सब मनुष्यों के लिये दण्‍ड की आज्ञा का कारण हुआ, वेसा ही एक धर्म का काम भी सब मनुष्यों के लिये जीवन के निमित्त धर्मी ठहराए जाने का कारण हुआ। 
Rom 5:19  क्‍योंकि जैसा एक मनुष्य के आज्ञा न मानने से बहुत लोग पापी ठहरे, वैसे ही एक मनुष्य के आज्ञा मानने से बहुत लोग धर्मी ठहरेंगे। 
Rom 5:20  और व्यवस्था बीच में आ गई, कि अपराध बहुत हो, परन्‍तु जहां पाप बहुत हुआ, वहां अनुग्रह उस से भी कहीं अधिक हुआ। 
Rom 5:21  कि जैसा पाप ने मृत्यु फैलाते हुए राज्य किया, वैसा ही हमारे प्रभु यीशु मसीह के द्वारा अनुग्रह भी अनन्‍त जीवन के लिये धर्मी ठहराते हुए राज्य करे।

एक साल में बाइबल: 
  • योना १-४ 
  • प्रकाशितवाक्य १०