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गुरुवार, 20 सितंबर 2012

दृढ़ भक्ति


   मैग्गी को टेलिविज़न में कोई रुचि नहीं है; उसकी अपेक्षा उसे खिड़की से बाहर देखना ज़्यादा पसन्द है। ना ही उसे पढ़ने का शौक है, उसे किताबें चबाते हुए तो देखा गया है, पर पढ़ते हुए कभी नहीं। किंतु फिर भी जब मैं और मेरे पति टेलिविज़न देखने बैठते हैं या बैठकर कुछ पढ़ रहे होते हैं तो मैग्गी भी साथ ही रहती है। जो हम कर रहे हैं वह चाहे उसे बिलकुल पसन्द नहीं है, लेकिन बस हमारे साथ और आस-पास रहना उसे अच्छा लगता है, इसलिए वह पास बनी रहती है। मैग्गी हमारी पालतु कुतिया है और उसे जीवन में एक ही बात प्रीय है - हमारे साथ रहना, चाहे हमारी बातें उसे समझ आएं या ना आएं, उसे पसन्द हों या ना हों। अपने स्वामी के प्रति दृढ़ वफादारी - हर बात में और हर परिस्थिति में एक पालतु कुत्ते का गुण है और मैग्गी में भी यही पाया जाता है।

   परमेश्वर भी हमसे, जो उसकी सन्तान हैं एक दृढ़ वफादारी और भक्ति की आशा रखता है। यदि हम वास्तव में परमेश्वर को समर्पित हैं, उसके भक्त हैं, तो हम भी हर समय उसके साथ रहना चाहेंगे, चाहे उसकी बातें हमारी समझ में आएं या ना आएं। जब वह हमसे नाराज़ प्रतीत हो (भजन ८८:१४); जब लगे कि वह सो गया है (भजन ४४:२३) या जब दुष्ट लोग फलते-फूलते दिखाई दें तब हो सकता है कि हम उससे सवाल करें कि "ऐसा क्यों प्रभु?" लेकिन मन में प्रश्न होने के बावजूद भी जब हम उसके प्रति वफादारी और भक्ति में दृढ़ बने रहते हैं तो उसकी उपस्थिति में हमें आनन्द की भरपूरी मिलती है (भजन १६:११)।

   प्रभु यीशु जानते थे कि हमारे पास कई प्रश्न होंगे। उनके लिए हमें तैयार करने के लिए उसने कहा कि हम उसके प्रेम में बने रहें (युहन्ना १५:११)। चाहे परमेश्वर के मार्ग हमारी समझ से परे हों, किंतु उसका प्रेम सदा ही विश्वसनीय रहता है। इसलिए उस प्रेम में होकर उसके प्रति अपनी भक्ति में दृढ़ रहें। उसका साथ ही सबसे भला साथ है। - जूली ऐकैरमैन लिंक


जब हम प्रभु यीशु के प्रेम में बने रहते हैं तो आनन्द की भरपूरी में भी बने रहते हैं।

तू मुझे जीवन का रास्ता दिखाएगा; तेरे निकट आनन्द की भरपूरी है, तेरे दाहिने हाथ में सुख सर्वदा बना रहता है। - भजन १६:११

बाइबल पाठ: यूहन्ना १५:९-१७
Joh 15:9  जैसा पिता ने मुझ से प्रेम रखा, मेरे प्रेम में बने रहो। 
Joh 15:10  यदि तुम मेरी आज्ञाओं को मानोगे, तो मेरे प्रेम में बने रहोगे: जैसा कि मैं ने अपने पिता की आज्ञाओं को माना है, और उसके प्रेम में बना रहता हूं। 
Joh 15:11 मैं ने ये बातें तुम से इसलिये कही हैं, कि मेरा आनन्‍द तुम में बना रहे, और तुम्हारा आनन्‍द पूरा हो जाए। 
Joh 15:12  मेरी आज्ञा यह है, कि जैसा मैं ने तुम से प्रेम रखा, वैसा ही तुम भी एक दूसरे से प्रेम रखो। 
Joh 15:13  इस से बड़ा प्रेम किसी का नहीं, कि कोई अपने मित्रों के लिये अपना प्राण दे। 
Joh 15:14  जो कुछ मैं तुम्हें आज्ञा देता हूं, यदि उसे करो, तो तुम मेरे मित्र हो। 
Joh 15:15 अब से मैं तुम्हें दास न कहूंगा, क्‍योंकि दास नहीं जानता, कि उसका स्‍वामी क्‍या करता है: परन्‍तु मैं ने तुम्हें मित्र कहा है, क्‍योंकि मैं ने जो बातें अपने पिता से सुनीं, वे सब तुम्हें बता दीं। 
Joh 15:16 तुम ने मुझे नहीं चुना परन्‍तु मैं ने तुम्हें चुना है और तुम्हें ठहराया ताकि तुम जाकर फल लाओ, और तुम्हारा फल बना रहे, कि तुम मेरे नाम से जो कुछ पिता से मांगो, वह तुम्हें दे। 
Joh 15:17  इन बातें की आज्ञा मैं तुम्हें इसलिये देता हूं, कि तुम एक दूसरे से प्रेम रखो।

एक साल में बाइबल: 
  • सभोपदेशक ४-६ 
  • २ कुरिन्थियों १२