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सोमवार, 6 अगस्त 2012

पहुनाई


   जनवरी के महीने में मुझे एक शोध कार्य के लिए जर्मनी जाना था। मुझे यह जान कर बड़ा विसमय हुआ कि हमारे ठहरने और रहने का प्रबंध एक मठ में किया गया है। ठंड और बर्फ के उस मौसम में अपने रहने के स्थान के बारे में मेरी कलपना एक बहुत एकाकी स्थान की थी जहां कमरा गर्म करने का कोई साधन नहीं होगा और पत्थर के ठंडे फर्श तथा कठोर बेआराम बिसतरों पर सोना पड़ेगा। किंतु जब मैं वहां पहुँचा तो अपनी कलपना के विपरीत मेरा स्वागत एक गर्म और अच्छे आरामदेह कमरे से हुआ। मेरे सहकर्मी ने समझाया, "मठ में रहने वाले ये मसीही सन्यासी अपने मेहमानों का वैसे ही स्वागत करने में विश्वास रखते हैं जैसा वे मसीह यीशु का करना चाहते हैं" यद्यपि वे सन्यासी स्वयं उन आराम की बातों का प्रयोग नहीं करते।

   रोबर्ट हेरिक नामक एक १७वीं शताब्दी के कवि ने लिखा: "मसीह, वह जिसके पास भी जाता, खाता और रहता है, उससे सर्वोत्तम की आशा करता है; अपनी प्रत्येक वस्तु और बात का सर्वोत्तम उसे दीजिए, रहने के लिए भी; आपका दिल ही उसके लिए रहने का सर्वोत्तम स्थान है।"

    जब लोग हमारे समय या स्थान का थोड़ी देर के लिए थोड़ा सा प्रयोग करना चाहते हैं तब उनके प्रति हमार व्यवहार कैसा होता है - एक आदरणीय मेहमान के समान या किसी घुसपैठिये के समान? मसीह यीशु के लिए अपने दिल को खोलना अपने जीवन का दूसरों के लिए खोले जाने से आसान प्रतीत हो सकता है; लेकिन जिसने वास्तव में मसीह के लिए अपना दिल खोला है, वह दुसरों के लिए भी खोलेगा।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पतरस ने लिखा: "और सब में श्रेष्‍ठ बात यह है कि एक दूसरे से अधिक प्रेम रखो, क्‍योंकि प्रेम अनेक पापों को ढ़ांप देता है। बिना कुड़कुड़ाए एक दूसरे की पहुनाई करो" (१ पतरस ४:८-९); और प्रभु यीशु ने कहा: "...तुम ने जो मेरे इन छोटे से छोटे भाइयों में से किसी एक के साथ किया, वह मेरे ही साथ किया" (मत्ती २५:४०)।

   जब हम मसीह के प्रेम के अन्तर्गत दूसरों को अपने घर का सर्वोत्तम स्थान, प्रेम से और स्वेच्छा से उनकी पहुनाई और अपने मनों में उन्हें स्थान देते हैं तो मसीह यीशु को आदर देते हैं। - डेविड मैक्कैसलैंड


प्रेम जानने के लिए अपने मन को प्रभु यीशु के लिए खोलिए; प्रेम दिखाने के लिए अपने मन को दूसरों के लिए खोलिए।

बिना कुड़कुड़ाए एक दूसरे की पहुनाई करो। - १ पतरस ४:९

बाइबल पाठ: मत्ती २५:३१-४३
Mat 25:31  जब मनुष्य का पुत्र अपनी महिमा में आएगा, और सब स्‍वर्ग दूत उसके साथ आएंगे तो वह अपनी महिमा के सिहांसन पर विराजमान होगा। 
Mat 25:32  और सब जातियां उसके साम्हने इकट्ठी की जाएंगी; और जैसा चरवाहा भेड़ों को बकिरयों से अलग कर देता है, वैसा ही वह उन्‍हें एक दूसरे से अलग करेगा। 
Mat 25:33   और वह भेड़ों को अपनी दाहिनी ओर और बकिरयों को बाईं और खड़ी करेगा। 
Mat 25:34   तब राजा अपनी दाहिनी ओर वालों से कहेगा, हे मेरे पिता के धन्य लोगों, आओ, उस राज्य के अधिकारी हो जाओ, जो जगत के आदि से तुम्हारे लिये तैयार किया हुआ है। 
Mat 25:35   क्योंकि मैं भूखा था, और तुम ने मुझे खाने को दिया; मैं प्यासा था, और तुम ने मुझे पानी पिलाया, मैं परदेशी था, तुम ने मुझे अपने घर में ठहराया। 
Mat 25:36  मैं नंगा था, तुम ने मुझे कपड़े पहिनाए; मैं बीमार था, तुम ने मेरी सुधि ली, मैं बन्‍दीगृह में था, तुम मुझ से मिलने आए। 
Mat 25:37   तब धर्मी उस को उत्तर देंगे कि हे प्रभु, हम ने कब तुझे भूखा देखा और खिलाया? या प्यासा देखा, और पिलाया? 
Mat 25:38   हम ने कब तुझे परदेशी देखा और अपने घर में ठहराया? या नंगा देखा, और कपड़े पहिनाए?
Mat 25:39  हम ने कब तुझे बीमार या बन्‍दीगृह में देखा और तुझ से मिलने आए? 
Mat 25:40  तब राजा उन्‍हें उत्तर देगा; मैं तुम से सच कहता हूं, कि तुम ने जो मेरे इन छोटे से छोटे भाइयों में से किसी एक के साथ किया, वह मेरे ही साथ किया। 
Mat 25:41  तब वह बाईं ओर वालों से कहेगा, हे श्रापित लोगो, मेरे साम्हने से उस अनन्‍त आग में चले जाओ, जो शैतान और उसके दूतों के लिये तैयार की गई है। 
Mat 25:42  क्‍योंकि मैं भूखा था, और तुम ने मुझे खाने को नहीं दिया, मैं प्यासा था, और तुम ने मुझे पानी नहीं पिलाया। 
Mat 25:43  मैं परदेशी था, और तुम ने मुझे अपने घर में नहीं ठहराया; मैं नंगा था, और तुम ने मुझे कपड़े नहीं पहिनाए; बीमार और बन्‍दीगृह में था, और तुम ने मेरी सुधि न ली। 
Mat 25:44  तब वे उत्तर देंगे, कि हे प्रभु, हम ने तुझे कब भूखा, या प्यासा, या परदेशी, या नंगा, या बीमार, या बन्‍दीगृह में देखा, और तेरी सेवा टहल न की? 
Mat 25:45  तब वह उन्‍हें उत्तर देगा, मैं तुम से सच कहता हूं कि तुम ने जो इन छोटे से छोटों में से किसी एक के साथ नहीं किया, वह मेरे साथ भी नहीं किया।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन ७०-७१ 
  • रोमियों ८:२२-३९