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बुधवार, 27 जून 2012

प्यास

   क्या आप कभी वास्तव में प्यासे, बहुत प्यासे हुए हैं? बहुत वर्ष पहले की बात है, मैं पश्चिमी अफ्रीका के माली देश में अपनी बहन कैथी से मिलने गई। एक दिन घूमने फिरने के बाद जब दोपहर में तापमान १००  डिगरी फैरन्हाइट से भी अधिक हो गया था, मुझे बहुत प्यास लगी और मैंने अपनी बहन से पानी मांगा। तब कैथी ने उत्तर दिया कि वह फिलटर किया हुआ पानी तो लाना भूल ही गई। मैं प्यास से परेशान होने लगी, और घर पहुंचने में जितना समय बीतता जा रहा था, प्यास के कारण मुझे मर जाने का भय और मेरी बेचैनी बढ़ते जा रहे थे।

   अचानक कैथी ने कहा, "मुझे पता है कि हमें कहां जाना चाहिए" और एक दूतावास में गाड़ी मोड़ ली। उस दूतावास के अन्दर आते ही मेरे सामने एक अति सुन्दर दृश्य था - पीने के पानी का एक कूलर। मैंने वहां रखे छोटे प्याले को लिया और कूलर से उसे भर भर के स्वच्छ ठंडा पानी पीने लगी, और पीती रही जब तक मेरी प्यास बुझ नहीं गई। मेरा शरीर बहुत देर से पानी के बिना था, और अब पानी की कमी को पूरी करने के लिए उसे बहुत पानी की आवश्यक्ता पड़ी।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में भजनकार ने परमेश्वर के लिए अपनी आत्मिक प्यास को शारीरिक प्यास से समझाया है: "जैसे हरिणी नदी के जल के लिये हांफती है, वैसे ही, हे परमेश्वर, मैं तेरे लिये हांफता हूं। जीवते ईश्वर परमेश्वर का मैं प्यासा हूं, मैं कब जाकर परमेश्वर को अपना मुंह दिखाऊंगा?" (भजन ४२:१-२)। उसकी परमेश्वर के लिए लालसा एक तीव्र प्यास के समान था जिसका निवारण केवल परमेश्वर की उपस्थिति में होने के द्वारा ही संभव था।

   क्या आप में भी कोई ऐसी कोई प्यास है जो यह संसार और संसार की बातें बुझा नहीं पा रहे हैं? यदि हां, तो परमेश्वर के लिए यह आपकी आत्मा की प्यास है। केवल परमेश्वर ही है जो इस आत्मा की प्यास को बुझा सकता है, "क्योंकि वह अभिलाषी जीव को सन्तुष्ट करता है, और भूखे को उत्तम पदार्थों से तृप्त करता है" (भजन १०७:९); उसी के पास जाईए, संतुष्टि केवल उसी के पास मिलेगी। - सिंडी हैस कैस्पर


केवल जीवन का जल, प्रभु यीशु, ही आत्मा की प्यास बुझा सकता है।

जैसे हरिणी नदी के जल के लिये हांफती है, वैसे ही, हे परमेश्वर, मैं तेरे लिये हांफता हूं। - भजन ४२:१

बाइबल पाठ: भजन ४२:१-११
Psa 42:1  जैसे हरिणी नदी के जल के लिये हांफती है, वैसे ही, हे परमेश्वर, मैं तेरे लिये हांफता हूं।
Psa 42:2  जीवते ईश्वर परमेश्वर का मैं प्यासा हूं, मैं कब जाकर परमेश्वर को अपना मुंह दिखाऊंगा?
Psa 42:3  मेरे आंसू दिन और रात मेरा आहार हुए हैं, और लोग दिन भर मुझ से कहते रहते हैं, तेरा परमेश्वर कहां है?
Psa 42:4  मैं भीड़ के संग जाया करता था, मैं जयजयकार और धन्यवाद के साथ उत्सव करने वाली भीड़ के बीच में परमेश्वर के भवन को धीरे धीरे जाया करता था; यह स्मरण करके मेरा प्राण शोकित हो जाता है।
Psa 42:5  हे मेरे प्राण, तू क्यों गिरा जाता है? और तू अन्दर ही अन्दर क्यों व्याकुल है? परमेश्वर पर आशा लगाए रह; क्योंकि मैं उसके दर्शन से उद्धार पाकर फिर उसका धन्यवाद करूंगा।
Psa 42:6  हे मेरे परमेश्वर, मेरा प्राण मेरे भीतर गिरा जाता है, इसलिये मैं यर्दन के पास के देश से और हर्मोन के पहाड़ों और मिसगार की पहाड़ी के ऊपर से तुझे स्मरण करता हूं।
Psa 42:7  तेरी जलधाराओं का शब्द सुनकर जल, जल को पुकारता है; तेरी सारी तरंगों और लहरों में मैं डूब गया हूं।
Psa 42:8  तौभी दिन को यहोवा अपनी शक्ति और करूणा प्रगट करेगा, और रात को भी मैं उसका गीत गाऊंगा, और अपने जीवनदाता ईश्वर से प्रार्थना करूंगा।
Psa 42:9  मैं ईश्वर से जो मेरी चट्टान है कहूंगा, तू मुझे क्यों भूल गया? मैं शत्रु के अन्धेर के मारे क्यों शोक का पहिरावा पहिने हुए चलता फिरता हूं?
Psa 42:10  मेरे सताने वाले जो मेरी निन्दा करते हैं मानो उस में मेरी हडि्डयां चूर चूर होती हैं, मानो कटार से छिदी जाती हैं, क्योंकि वे दिन भर मुझ से कहते रहते हैं, तेरा परमेश्वर कहां है?
Psa 42:11  हे मेरे प्राण तू क्यों गिरा जाता है? तू अन्दर ही अन्दर क्यों व्याकुल है? परमेश्वर पर भरोसा रख; क्योंकि वह मेरे मुख की चमक और मेरा परमेश्वर है, मैं फिर उसका धन्यवाद करूंगा।


एक साल में बाइबल: 

  • अय्युब ८-१० 
  • प्रेरितों ८:२६-४०