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सोमवार, 4 जून 2012

कपट और खण्डन

   जब उस दोषी राजनितज्ञ को अपने अनुचित और निन्दनीय व्यवहार के लिए पत्रकारों का सामना करना पड़ा, तो उसने बड़े भोलेपन से उत्तर दिया, "मुझे ऐसी कोई बात स्मरण नहीं आती।" एक सार्वजनिक व्यक्ति द्वारा कपट और खण्डन के प्रयोग से अपने काले कारनामों के उत्तरदायित्व से बच निकलने का यह एक और उदाहरण था। जब किसी को अपने दुषकर्मों के दायित्व से बचने के लिए कोई मार्ग चाहिए होता है, तो वे अकसर इसी बात का उपयोग करते हैं - कपट और खण्डन द्वारा ध्यान अपने से हटा कर किसी दूसरे पर कर देना; किसी दूसरे को ज़िम्मेदार ठहरा कर उसे फंसा देना और आप बच निकलना।

   मसीही विश्वासी भी इस से अछूते नहीं हैं। यह भी देखने में आता है कि हम मसीही विश्वासी भी कभी कभी अपने गलत व्यवहार के लिए अनजान होने का बहाना बनाते हैं, या फिर अन्य किसी को उसके लिए ज़िम्मेदार ठहराने का प्रयास करते हैं, नहीं तो किसी न किसी बात के कारण उस व्यवहार को उचित ठहराना चाहते हैं - परन्तु हम भूल जाते हैं कि हमारा परमेश्वर सच्चाई को जानता है। परमेश्वर का वचन बाइबल हमें बताती है कि "...क्योंकि यहोवा का देखना मनुष्य का सा नहीं है; मनुष्य तो बाहर का रूप देखता है, परन्तु यहोवा की दृष्टि मन पर रहती है" (१ शमूएल १६:७)। यह बात हर हाल में सच है, चाहे मन स्वच्छ हो या मलिन। हम मनुष्यों को धोखा दे सकते हैं जो केवल बाहरी रूप ही को देख पाते हैं; चाहे हम बाहर से कितने भी मासूम क्यों ना दिखें, परमेश्वर हमारे हृदय कि हर दशा को जानता है; उस से कुछ भी छुपा हुआ नहीं है, और वह अपने इसी ज्ञान के आधार पर हम से लेखा लेगा और हमें प्रतिफल देगा।

   इसलिए बुद्धिमानी इसी में है कि हम विनम्रता के साथ अपने पाप परमेश्वर के सामने मान लें और उससे क्षमा मांग लें, क्योंकि वह चाहता है कि हम सत्य को स्वीकार करें (भजन ५१:६)। पाप के दुषपरिणामों से बचने का एकमात्र मार्ग है उन्हें मान लेना, उनके लिए पश्चाताप कर लेना और परमेश्वर से उनकी क्षमा मांगे लेना; इसी के द्वारा परमेश्वर के साथ हमारि संगति फिर से बहाल हो सकती है। - बिल क्राउडर


हम दुसरे मनुष्यों को धोखा दे सकते हैं, परन्तु परमेश्वर को नहीं, जो हमारे वास्तविक दशा भली भांति जानता है।


...क्योंकि यहोवा का देखना मनुष्य का सा नहीं है; मनुष्य तो बाहर का रूप देखता है, परन्तु यहोवा की दृष्टि मन पर रहती है। - १ शमूएल १६:७

बाइबल पाठ: भजन ५१:१-१०
Psa 51:1  हे परमेश्वर, अपनी करूणा के अनुसार मुझ पर अनुग्रह कर; अपनी बड़ी दया के अनुसार मेरे अपराधों को मिटा दे।
Psa 51:2  मुझे भलीं भांति धोकर मेरा अधर्म दूर कर, और मेरा पाप छुड़ा कर मुझे शुद्ध कर!
Psa 51:3  मैं तो अपने अपराधों को जानता हूं, और मेरा पाप निरन्तर मेरी दृष्टि में रहता है।
Psa 51:4  मैं ने केवल तेरे ही विरूद्ध पाप किया, और जो तेरी दृष्टि में बुरा है, वही किया है, ताकि तू बोलने में धर्मी और न्याय करने में निष्कलंक ठहरे।
Psa 51:5  देख, मैं अधर्म के साथ उत्पन्न हुआ, और पाप के साथ अपनी माता के गर्भ में पड़ा।
Psa 51:6  देख, तू हृदय की सच्चाई से प्रसन्न होता है; और मेरे मन ही में ज्ञान सिखाएगा।
Psa 51:7  जूफा से मुझे शुद्ध कर, तो मैं पवित्र हो जाऊंगा; मुझे धो, और मैं हिम से भी अधिक श्वेत बनूंगा।
Psa 51:8  मुझे हर्ष और आनन्द की बातें सुना, जिस से जो हडि्डयां तू ने तोड़ डाली हैं वह मगन हो जाएं।
Psa 51:9  अपना मुख मेरे पापों की ओर से फेर ले, और मेरे सारे अधर्म के कामों को मिटा डाल।
Psa 51:10  हे परमेश्वर, मेरे अन्दर शुद्ध मन उत्पन्न कर, और मेरे भीतर स्थिर आत्मा नये सिरे से उत्पन्न कर।


एक साल में बाइबल: 

  • २ इतिहास २१-२२ 
  • यूहन्ना १४