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बुधवार, 4 अप्रैल 2012

महत्वता

   विभिन्न खेल-कूद के दल अपने नाम विभिन्न सोच के साथ रखते हैं। कुछ इतिहास और इतिहास बनाने वाले नायकों से नाम लेते हैं, तो कोई प्रकृति और प्रकृति की सुन्दरता को नाम का आधार बनाते हैं। कुछ तो आकर्षक और चटक रंगों के नाम अपने दल पर ले लेते हैं। एक दल ने तो एक नाचीज़ घोंघे के नाम को ही अपना लिया!

   हुआ यों कि १९८० के दशक में सैंटा क्रूज़ में स्थित कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय ने खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेना आरंभ ही किया था। इस विश्वविद्यालय के लोग, कुछ अन्य बड़े और नामी शिक्षण संस्थाओं द्वारा, खेल-कूद पर दिए जाने वाले अत्याधिक महत्व को इतना महत्वपूर्ण नहीं आँकते थे। इसलिए कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय की छात्र परिषद ने निर्णय लिया कि वे अपने दल का ऐसा नाम रखेंगे जो उनकी इस विचारधारा को भी दर्शाए और अन्य नामों से बिलकुल भिन्न भी हो। अपनी इसी सोच के अन्तर्गत उन्होंने अपने दल का नाम रखा "Banana Slug" जो एक पीला, लसलसा, धीमी गति से चलने वाला ऐसा घोंघा होता है जिसके ऊपर अन्य घोंघों की तरह कोई कठोर खोल नहीं होता। खेल कूद को दिए जाने वाले अत्याधिक महत्व पर, कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, द्वारा यह एक रोचक कटाक्ष था।

   मुझे खेल-कूद से सदा ही लगाव रहा है, इसलिए मैं यह भी जानता हूँ कि ये बहुत आसानी से और अनजाने ही आवश्यक्ता से अधिक महत्वपूर्ण बन सकते हैं। खेल-कूद का जीवन में अपना स्थान है, उनकी उपयोगिता है, किंतु उस स्थान और उपयोगिता के बाहर यदि वे जीवन के लिए अन्य आवश्यक बातों के समय और प्रयास में आड़े आने लगें तो भली बात बुरी बन जाती है। हमें अपने जीवनों में उनकी महत्वता को आँकने और उस के अनुसार अपने जीवन के लिए आवश्यक बातों की प्राथमिकता को निर्धारित करने की आवश्यकता है जिससे सब कार्य सुचारू रूप से चले, और एक के कारण दूसरे का नुकसान ना हो।

   प्रत्येक मसीही विश्वासी के लिए एक और बात है जिसका उसे सदा ध्यान रखना चाहिए - संसार के कार्य और परमेश्वर की बातों के बीच का तालमेल। जैसा हमारे प्रभु यीशु ने बताया था: "तू परमेश्वर अपने प्रभु से अपने सारे मन और अपने सारे प्राण और अपनी सारी बुद्धि के साथ प्रेम रख। बड़ी और मुख्य आज्ञा तो यही है। और उसी के समान यह दूसरी भी है, कि तू अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रख" (मत्ती २२:३७-३९), यही जीवन में हमारी प्राथमिकता रहनी चाहिए। परमेश्वर के वचन बाइबल में परमेश्वर के भविष्यद्वक्ता मीका के द्वारा परमेश्वर ने अपनी प्रजा को समझाया था कि वे कैसे उसे प्रसन्न करने वाला जीवन जी सकते हैं; मीका ने परमेश्वर की ओर से कहा: "हे मनुष्य, वह तुझे बता चुका है कि अच्छा क्या है, और यहोवा तुझ से इसे छोड़ और क्या चाहता है, कि तू न्याय से काम करे, और कृपा से प्रीति रखे, और अपने परमेश्वर के साथ नम्रता से चले?" (मीका ६:८)।

   प्रत्येक मसीही विश्वासी के लिए यह अनिवार्य है कि उसके जीवन में परमेश्वर की जो उस से उम्मीदें हैं उन्हें छोड़ और कोई बात प्राथमिकता ना लेने पाए। यदि प्राथमिकताओं के सही आँकलन और निर्वाह में गलती हुई और संसार तथा संसार के कार्यों एवं बातों ने परमेश्वर का स्थान ले लिया तो इसके परिणाम उन के मसीही विश्वास और विश्वास के जीवन तथा आशीषों के लिए अति हानिकारक होंगे।

   आप के जीवन की महत्वता किस के लिए है - परमेश्वर या संसार? - बिल क्राउडर


अपनी प्राथमिकताएं निर्धारित करें; कम महत्व की बातों पर अधिक समय गँवाने से सावधान रहें।
हे मनुष्य, वह तुझे बता चुका है कि अच्छा क्या है, और यहोवा तुझ से इसे छोड़ और क्या चाहता है, कि तू न्याय से काम करे, और कृपा से प्रीति रखे, और अपने परमेश्वर के साथ नम्रता से चले? - मीका ६:८
बाइबल पाठ: मीका ६:१-८
Mic 6:1  जो बात यहोवा कहता है, उसे सुनो: उठकर, पहाड़ों के साम्हने वादविवाद कर, और टीले भी तेरी सुनने पाएं।
Mic 6:2  हे पहाड़ों, और हे पृथ्वी की अटल नेव, यहोवा का वादविवाद सुनो, क्योंकि यहोवा का अपनी प्रजा के साथ मुकद्दमा है, और वह इस्राएल से वादविवाद करता है।
Mic 6:3  हे मेरी प्रजा, मैं ने तेरा क्या किया, और क्या करके मैं ने तुझे उकता दिया है?
Mic 6:4  मेरे विरूद्ध साक्षी दे! मैं तो तुझे मिस्र देश से निकाल ले आया, और दासत्व के घर में से तुझे छुड़ा लाया, और तेरी अगुवाई करने को मूसा, हारून और मरियम को भेज दिया।
Mic 6:5  हे मेरी प्रजा, स्मरण कर, कि मोआब के राजा बालाक ने तेरे विरूद्ध कौन सी युक्ति की, और बोर के पुत्र बिलाम ने उसको क्या सम्मति दी? और शित्तीम से गिल्गाल तक की बातों का स्मरण कर, जिस से तू यहोवा के धर्म के काम समझ सके।
Mic 6:6  मैं क्या लेकर यहोवा के सम्मुख आऊं, और ऊपर रहने वाले परमेश्वर के साम्हने झुकूं? क्या मैं होमबलि के लिये एक एक वर्ष के बछड़े लेकर उसके सम्मुख आऊं?
Mic 6:7  क्या यहोवा हजारों मेढ़ों से, वा तेल की लाखों नदियों से प्रसन्न होगा? क्या मैं अपने अपराध के प्रायश्चित्त में अपने पहिलौठे को वा अपने पाप के बदले में अपने जन्माए हुए किसी को दूं?
Mic 6:8  हे मनुष्य, वह तुझे बता चुका है कि अच्छा क्या है, और यहोवा तुझ से इसे छोड़ और क्या चाहता है, कि तू न्याय से काम करे, और कृपा से प्रीति रखे, और अपके परमेश्वर के साथ नम्रता से चले?
एक साल में बाइबल: 
  • रूथ १-४ 
  • लूका ८:१-२५