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मंगलवार, 28 फ़रवरी 2012

वृद्धावस्था का देश

   लेखिका मेरी पाईफर ने अपनी पुस्तक Another Country कई वृद्ध लोगों से जो सत्तर, अस्सी, नव्वे की अवस्थाओं में थे और जीवन की कई परिस्थितियों का सामना कर रहे थे, मुलाकात करके उन अनुभवों के आधार पर लिखी। पाईफर ने बताया कि वे "वृद्धावस्था के देश को समझना चाहतीं थीं।" उन्होंने यह भी कहा कि "हमारा सामाजिक संगठन वृद्ध होने को आसान और आरामदायक होने के लिए प्रबन्धित नहीं है।" उनका निषकर्ष था कि इसका मूल कारण है कि जवान और वृद्ध एक दुसरे से पृथक और दूर हो गए हैं और इससे दोनो ही की हानि हुई है।

   यह सामाजिक प्रवृति जानबूझकर बनाई हुई नहीं है, लेकिन यह भी सत्य है कि बहुत से लोग वृद्धों के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी को नज़रंदाज़ करते हैं, उसे टालते हैं, उससे जी चुराते हैं। यह आज के समाज की प्रवृति भी नहीं है; लगभग २००० वर्ष पूर्व, प्रभु यीशु के दिनों में भी यह प्रवृति उस समय के समाज में देखी जा सकती थी।

   परमेश्वर के वचन में मरकुस ७:९-१३ में प्रभु यीशु द्वारा धर्म के अगुवे फरीसियों द्वारा अपने पारिवारिक दायित्व से बचने के अनूठे तरीके के लिए उनकी भर्त्सना करी। ये फरीसी अपनी सांसारिक संपत्ति परमेश्वर के मन्दिर के नाम "कुर्बान" कर देते थे। अब जो परमेश्वर को दिया गया है, वह परिवार के वृद्धों के लिए कैसे प्रयोग हो सकता था? किंतु क्योंकि ये धर्म के अगुवे परमेश्वर के मंदिर से सम्बंधित थे और उसके लिए कार्य करते थे, इसलिए मंदिर की वस्तुओं का अपने लिए प्रयोग करना उनके लिए "जायज़" माना जाता था। इस प्रकार वे अपने धन को अपने लिए तो प्रयोग करने पाते थे किंतु अपने माता-पिता को उस धन से वंचित कर देते थे। उन लोगों ने अपनी इस परंपरा के मानने से परमेश्वर के वचन में माता-पिता का आदर करने की आज्ञा को तुच्छ किया और उसका उल्लंघन किया।

   हमारे बच्चे, हमारा कार्य, चर्च में हमारे कार्य हमें कई ओर खेंच सकते हैं, कई बातों में व्यस्त कर सकते हैं, लेकिन यह माता-पिता की देखभाल करने और उनका आदर करने के हमारे कर्त्वय और परमेश्वर की आज्ञा को अन्देखा करने के बहाने नहीं हो सकते। अपने वृद्ध जनों की यथासम्भव देखभाल करना और उनकी आवश्यक्ताओं को पूरा करने की जवाबदेही से हम बच नहीं सकते; परमेश्वर का वचन हमें चिताता है "पर यदि कोई अपनों की और निज करके अपने घराने की चिन्‍ता न करे, तो वह विश्वास से मुकर गया है, और अविश्वासी से भी बुरा बन गया है" (१ तिमुथियुस ५:८)।

   जब वह समय आए कि हमें "वृद्धावस्था के देश" में पदार्पण करना हो तो ध्यान रहे कि हमने अपने जीवन और अपने कार्यों से अपनी सन्तान के सम्मुख वह श्रेष्ठ उदाहरण रखा है जिसका अब वह अनुसरण करने वाले बनने वाले हैं। - डेनिस फिशर

माता-पिता का आदर करना हम उदाहरण से ही सीखते हैं।
पर यदि कोई अपनों की और निज करके अपने घराने की चिन्‍ता न करे, तो वह विश्वास से मुकर गया है, और अविश्वासी से भी बुरा बन गया है। - १ तिमुथियुस ५:८
 
बाइबल पाठ: मरकुस ७:१-१३
Mar 7:1  तब फरीसी और कई एक शास्त्री जो यरूशलेम से आए थे, उसके पास इकट्ठे हुए।
Mar 7:2  और उन्‍होंने उसके कई चेलों को अशुद्ध अर्थात बिना हाथ धोए रोटी खाते देखा।
Mar 7:3  क्‍योंकि फरीसी और सब यहूदी, पुरिनयों की रीति पर चलते हैं और जब तक भली भांति हाथ नहीं धो लेते तब तक नहीं खाते।
Mar 7:4  और बाजार से आकर, जब तक स्‍नान नहीं कर लेते, तब तक नहीं खाते; और बहुत सी और बातें हैं, जो उन के पास मानने के लिये पहुंचाई गई हैं, जैसे कटोरों, और लोटों, और तांबे के बरतनों को धोना-मांजना।
Mar 7:5  इसलिये उन फरीसियों और शास्‍त्रियों ने उस से पूछा, कि तेरे चेले क्‍यों पुरिनयों की रीतों पर नहीं चलते, और बिना हाथ धोए रोटी खाते हैं?
Mar 7:6  उस ने उन से कहा;. कि यशायाह ने तुम कपटियों के विषय में बहुत ठीक भविष्यद्ववाणी की, जैसा लिखा है, कि ये लोग होठों से तो मेरा आदर करते हैं, पर उन का मन मुझ से दूर रहता है।
Mar 7:7  और ये व्यर्थ मेरी उपासना करते हैं, क्‍योंकि मनुष्यों की आज्ञाओं को धर्मोपदेश करके सिखाते हैं।
Mar 7:8  क्‍योंकि तुम परमेश्वर की आज्ञा को टालकर मनुष्यों की रीतियों को मानते हो।
Mar 7:9  और उस ने उन से कहा, तुम अपनी रीतियों को मानने के लिये परमेश्वर आज्ञा कैसी अच्‍छी तरह टाल देते हो!
Mar 7:10  क्‍योंकि मूसा ने कहा है कि अपने पिता और अपनी माता का आदर कर; ओर जो कोई पिता वा माता को बुरा कहे, वह अवश्य मार डाला जाए।
Mar 7:11  परन्‍तु तुम कहते हो कि यदि कोई अपने पिता वा माता से कहे, कि जो कुछ तुझे मुझ से लाभ पहुंच सकता था, वह कुरबान अर्थात संकल्प हो चुका।
Mar 7:12  तो तुम उस को उसके पिता वा उस की माता की कुछ सेवा करने नहीं देते।
Mar 7:13  इस प्रकार तुम अपनी रीतियों से, जिन्‍हें तुम ने ठहराया है, परमेश्वर का वचन टाल देते हो; और ऐसे ऐसे बहुत से काम करते हो।
एक साल में बाइबल: 
  • गिनती २०-२२ 
  • मरकुस ७:१-१३