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गुरुवार, 19 जनवरी 2012

आवश्यक विश्वासयोग्य सहायक

जब मैं और मेरी पत्नि किसी यात्रा की तैयारी कर रहे होते हैं, तो हमारे प्रथामिक कार्यों में से एक होता है उस इलाके के सड़कों के मानचित्र का अध्ययन करना। सड़कों के उस मार्गदर्शक मानचित्र को हम बड़े ध्यान से अध्ययन करते हैं, सबसे अच्छे मार्ग खोजते हैं, मार्गों के विकल्प खोजते हैं, कितनी दूरी हमें तय करनी होगी पता करते हैं, एक दिन में हम कितनी दूरी तय कर पाएंगे इसका अंदाज़ा लेते हैं, उस इलाके में देखने लायक रोचक स्थान और पर्यटल स्थल पता करते हैं और इस सारी जानकारी के आधार पर हहोने वाले अपने खर्चे का अंदाज़ा लगाते हैं। सारी यात्रा में यह मार्गदर्शक मानचित्र हमारे साथ रहता है, और हम बार बार उसे देखते रहते हैं, उसके अनुसार अपनी स्थिति का आंकलन करते रहते हैं और अपने विकल्प तैयार रखते हैं। हमारी यात्रा में वह हमारा ऐसा सहायक होता है जिसके बिना सुरक्षित और भली भांति यात्रा कर पाना संभव नहीं है।

   मसीही विश्वासियों के लिए, उनकी मसीही जीवन यात्रा में परमेश्वर का वचन बाइबल भी यही भूमिका निभाती है। उनकी जीवन यात्रा में ना केवल वह उनका मार्गदर्शन करती है, सही निर्णय लेने में सहायता करती है, वरन वह इससे भी कहीं बढ़कर है। परमेश्वर के वचन बाइबल को अनेक प्रकार से संबोधित किया गया है, जो उसके गुणों को दिखाता है; जैसे: 
  • मधु से मीठा (भजन १९:१०; ११९:१०३) 
  • मार्ग का दीपक और उजियाला (भजन ११९:१०५) 
  • वर्षा एवं हिम (यशायह ५५:१०, ११) 
  • आग (यर्मियाह २३:२९) 
  • हथौड़ा (यर्मियाह २३:२९) 
  • जल (इफिसियों ५:२६) 
  • तलवार (इफिसियों ६:१७) 
  • ठोस आहार (इब्रानियों ५:१२) 
  • दर्पण (याकूब १:२३) 
  • दूध (१ पतरस २:२)

   राजमार्ग के यात्रियों के समान, हम मसीही विश्वासी भी एक लंबी यात्रा पर हैं, जो जोखिम भरी भी हो सकती है। अपनी इस यात्रा में हमें कई निर्णय लेने होंगे, कई आवश्यक्ताएं हमारे सामने आएंगी, कई परिस्थितियों का सामना करना होगा। यह वचन हमें इन निर्णयों, आवश्यक्ताओं और परिस्थितियों को सही रीति से समझने और निभाने के लिए दिया गया है। हमारी जीवन यात्रा में यह हमारा आवश्यक तथा विश्वासयोग्य सहायक है, जिसे हमें अपने साथ सदा रखना चाहिए तथा जिसका ध्यानपूर्वक अध्ययन और परामर्श हमें करते रहना चाहिए। मसीही जीवन यात्रा इसके बिना संभव नहीं है। - डेव एग्नर


बाइबल एक कुतुबनुमा (कम्पास) के समान सदा सही दिशा दिखाती रहती है।

हे यहोवा, मुझे अपनी विधियों का मार्ग दिखा दे; तब मैं उसे अन्त तक पकड़े रहूंगा। - भजन ११९:३३

बाइबल पाठ: भजन ११९:१२९-१३६
Psa 119:129  तेरी चितौनियां अनूप हैं, इस कारण मैं उन्हें अपने जी से पकड़े हुए हूं।
Psa 119:130  तेरी बातों के खुलने से प्रकाश होता है; उस से भोले लोग समझ प्राप्त करते हैं।
Psa 119:131  मैं मुंह खोलकर हांफने लगा, क्योंकि मैं तेरी आज्ञाओं का प्यासा था।
Psa 119:132  जैसी तेरी रीति अपने नाम की प्रीति रखने वालों से है, वैसे ही मेरी ओर भी फिरकर मुझ पर अनुग्रह कर।
Psa 119:133  मेरे पैरों को अपने वचन के मार्ग पर स्थिर कर, और किसी अनर्थ बात को मुझ पर प्रभुता न करने दे।
Psa 119:134  मुझे मनुष्यों के अन्धेर से छुड़ा ले, तब मैं तेरे उपदेशों को मानूंगा।
Psa 119:135  अपने दास पर अपने मुख का प्रकाश चमका दे, और अपनी विधियां मुझे सिखा।
Psa 119:136  मेरी आंखों से जल की धारा बहती रहती है, क्योंकि लोग तेरी व्यवस्था को नहीं मानते।
एक साल में बाइबल: 
  • उत्पत्ति ४६-४८ 
  • मत्ती १३:१-३०