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शनिवार, 15 अक्तूबर 2011

योगदान

   सर माइकिल कोस्टा द्वारा संचालित वाद्यवृन्द का अभ्यास चल रहा था; पूरे ज़ोर से नगाड़े बज रहे थे, तुरहियाँ फूँकी जा रही थीं और वायलिन भी ऊँची ध्वनि से अपनी मधुर आवाज़ बिखेर रहे थे। ऐसे में एकमात्र बाँसुरी बजाने वाले को लगा कि उसकी बाँसुरी की आवाज़ किसे सुनाई देगी, उसकी कोई उपयोगिता नहीं है और उसने बाँसुरी केवल होठों से लगा कर रखी लेकिन बजाना बन्द कर दिया। कुछ ही क्षणों में कोस्टा चिल्ला उठे, "रुको, रुको; बाँसुरी कहाँ है?" वाद्यवृन्द के सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति ने तुरंत उस भव्य संगीत में बाँसुरी के योगदान की कमी को भाँप लिया और संगीत रोक दिया।

   हम सबके जीवनों में वे क्षण आते हैं जब हम अपने आप को बेकार और हीन महसूस करते हैं। अपने आस-पास अपने गुणों से बेहतर गुणों से भरे लोगों को कार्य करते देख कर हमें ऐसा लगता है कि हमारी कोई कीमत नहीं है, हमारे योगदान की कोई पहचान या आवश्यक्ता नहीं है, इसलिए इन गुणी लोगों को ही कर लेने दो, हम शान्त हो जाते हैं।

   हम यह भूल जाते हैं कि प्रभु यीशु मसीह ने पाँच रोटी और दो मछलियों से हज़ारों की भीड़ को खिला कर तृप्त किया। उस छोटे बालक के समान जिस के पास वे रोटी और मछलियाँ थीं, हम में से प्रत्येक के पास प्रभु के हाथों में सौंपने और प्रभु के उपयोग के लिए कुछ-न-कुछ अवश्य है; यदि हम अपने योगदान को तुच्छ जान कर उसे प्रभु को समर्पित नहीं करते तो यह हमारी मूर्खता है।

   चाहे हमारा योगदान छोटा हो या बड़ा, मसीही सेवकाई के वाद्यवृन्द का भव्य संगीत हमारे उस योगदान के बिना अधूरा है। अपने योगदान को प्रभु के हाथों में सौंप दें, वह उसे अपनी महीमा के लिए उपयोग करने में सक्षम है। - रिचर्ड डी हॉन

परमेश्वर की नज़रों में किसी छोटे से कार्य को भी भली-भांति करना बहुत महान कार्य है।

यहां एक लड़का है जिस के पास जौ की पांच रोटी और दो मछिलयां हैं परन्‍तु इतने लोगों के लिये वे क्‍या हैं? - युहन्ना ६:९

बाइबल पाठ: युहन्ना ६:१-१४
    Joh 6:1  इन बातों के बाद यीशु गलील की झील अर्थात तिबिरियास की झील के पास गया।
    Joh 6:2  और एक बड़ी भीड़ उसके पीछे हो ली क्योंकि जो आश्‍चर्य कर्म वह बीमारों पर दिखाता था वे उन को देखते थे।
    Joh 6:3  तब यीशु पहाड़ पर चढ़ कर अपने चेलों के साथ वहां बैठा।
    Joh 6:4  और यहूदियों के फसह के पर्ब्‍ब निकट था।
    Joh 6:5  तब यीशु ने अपनी आंखे उठा कर एक बड़ी भीड़ को अपने पास आते देखा, और फिलप्‍पुस से कहा, कि हम इन के भोजन के लिये कहां से रोटी मोल लाएं?
    Joh 6:6  परन्‍तु उस ने यह बात उसे परखने के लिये कही; क्‍योंकि वह आप जानता था कि मैं क्‍या करूंगा।
    Joh 6:7  फिलप्‍पुस ने उस को उत्तर दिया, कि दो सौ दीनार की रोटी उन के लिये पूरी भी न होंगी कि उन में से हर एक को थोड़ी थोड़ी मिल जाए।
    Joh 6:8  उसके चेलों में से शमौन पतरस के भाई अन्‍द्रियास ने उस से कहा।
    Joh 6:9  यहां एक लड़का है जिस के पास जौ की पांच रोटी और दो मछिलयां हैं परन्‍तु इतने लोगों के लिये वे क्‍या हैं।
    Joh 6:10  यीशु ने कहा, कि लोगों को बैठा दो। उस जगह बहुत घास थी: तब वे लोग जो गिनती में लगभग पांच हजार के थे, बैठ गए:
    Joh 6:11  तब यीशु ने रोटियां लीं, और धन्यवाद करके बैठने वालों को बांट दी: और वैसे ही मछिलयों में से जितनी वे चाहते थे बांट दिया।
    Joh 6:12  जब वे खाकर तृप्‍त हो गए तो उस ने अपने चेलों से कहा, कि बचे हुए टुकड़े बटोर लो, कि कुछ फेंका न जाए।
    Joh 6:13  सो उन्‍होंने बटोरा, और जौ की पांच रोटियों के टुकड़े जो खाने वालों से बच रहे थे उन की बारह टोकिरयां भरीं।
    Joh 6:14  तब जो आश्‍चर्य कर्म उस ने कर दिखाया उसे वे लोग देख कर कहने लगे कि वह भविष्यद्वक्ता जो जगत में आने वाला था निश्‍चय यही है।
 
एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह ४५-४६ 
  • १ थिस्सलुनिकियों ३