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बुधवार, 5 अक्तूबर 2011

तूफानों का सामना

   एक बुज़ुर्ग नाविक ने कहा, "जब भीष्ण समुद्री तूफान उठते हैं तो बचने के लिए हम केवल एक ही काम कर सकते हैं; बचने का केवल एक ही मार्ग होता है - जहाज़ को एक विशेष स्थिति में लाकर उसे वैसे ही बनाए रखने के प्रयास में लगे रहें, जब तक तूफान थम न जाए।"

   इस विचार पर टिप्पणी करते हुए रिचर्ड फुलर ने लिखा, "यही बात मसीही विश्वासी को भी करनी चाहिए। जैसे पौलुस प्रेरित की एक समुद्री यात्रा में हुआ, घने बादलों और तूफान की भीषणता के कारण न सूर्य दिखता था और न चाँद सितारे, बस तूफान के भयानक हिचकोले जहाज़ को झकझोर रहे थे (प्रेरितों २७:९-२५), वैसे ही कई बार जीवन के तूफान मसीही विश्वासी को भी झकझोरते रहते हैं। ऐसे में कोई युक्ति काम नहीं आती, कोई पिछला अनुभव मार्ग नहीं दिखाता, केवल एक ही मार्ग रह जाता है - अपनी जीवन नैया को एक विशेष स्थिति में लाकर, उसे वैसे ही बनाए रखें। अपने आप को परमेश्वर में अपने विश्वास में स्थिर कर लें और उसकी विश्वासयोग्यता तथा मसीह यीशु के अनन्त प्रेम को दृढ़ता से थामे रहें।"

   ज़िन्दगी के तूफानों और झकझोरों का सामना परमेश्वर के वचन की अडिग प्रतिज्ञाओं तथा परमेश्वर की विश्वासयोग्यता को दृढ़ता से थामे रह कर ही किया जा सकता है। हमारा विश्वास इतना दृढ़ होना चाहिए कि अय्युब के समान हम कह सकें कि चाहे वह मुझे घात भी करे तो भी मैं उस पर विश्वास बनाए रखूँगा (अय्युब १३:१५)। जो उस पर ऐसा विश्वास बनाए रखते हैं, उन्हें वह अपनी सिद्ध शांति प्रदान करता है - "जिसका मन तुझ में धीरज धरे हुए हैं, उसकी तू पूर्ण शान्ति के साथ रक्षा करता है, क्योंकि वह तुझ पर भरोसा रखता है" (यशायाह २६:३)।

   भजनकार के समान हमारे भी दिल की पुकार होनी चाहिए, "हे परमेश्वर, मुझ पर अनुग्रह कर, मुझ पर अनुग्रह कर, क्योंकि मैं तेरा शरणागत हूं; और जब तक ये विपत्तियां निकल न जाएं, तब तक मैं तेरे पंखों के तले शरण लिए रहूंगा" (भजन ५७:१)। - रिचर्ड डी हॉन


तूफान की प्रचण्डता ही लंगर की सामर्थ दिखाती है।

परमेश्वर मेरा उद्धार है, मैं भरोसा रखूंगा और न थरथराऊंगा; क्योंकि प्रभु यहोवा मेरा बल और मेरे भजन का विषय है, और वह मेरा उद्धारकर्ता हो गया है। - यशायाह १२:२
 
बाइबल पाठ: भजन ५७:१-११
    Psa 57:1  हे परमेश्वर, मुझ पर अनुग्रह कर, मुझ पर अनुग्रह कर, क्योंकि मैं तेरा शरणागत हूं; और जब तक ये विपत्तियां निकल न जाएं, तब तक मैं तेरे पंखों के तले शरण लिए रहूंगा।
    Psa 57:2  मैं परम प्रधान परमेश्वर को पुकारूंगा, ईश्वर को जो मेरे लिये सब कुछ सिद्ध करता है।
    Psa 57:3  ईश्वर स्वर्ग से भेज कर मुझे बचा लेगा, जब मेरा निगलने वाला निन्दा कर रहा हो। परमेश्वर अपनी करूणा और सच्चाई प्रगट करेगा।
    Psa 57:4  मेरा प्राण सिंहों के बीच में है, मुझे जलते हुओं के बीच में लेटना पड़ता है, अर्थात ऐसे मनुष्यों के बीच में जिन के दांत बर्छी और तीर हैं, और जिनकी जीभ तेज तलवार हैं।
    Psa 57:5  हे परमेश्वर तू स्वर्ग के ऊपर अति महान और तेजोमय है, तेरी महिमा सारी पृथ्वी के ऊपर फैल जाए!
    Psa 57:6  उन्होंने मेरे पैरों के लिये जाल लगाया है; मेरा प्राण ढला जाता है। उन्होंने मेरे आगे गड़हा खोदा, परन्तु आप ही उस में गिर पड़े।
    Psa 57:7  हे परमेश्वर, मेरा मन स्थिर है, मेरा मन स्थिर है; मैं गाऊंगा वरन भजन कीर्तन करूंगा।
    Psa 57:8  हे मेरी आत्मा जाग जा! हे सारंगी और वीणा जाग जाओ। मैं भी पौ फटते ही जाग उठूंगा।
    Psa 57:9  हे प्रभु, मैं देश के लोगों के बीच तेरा धन्यवाद करूंगा; मैं राज्य राज्य के लोगों के बीच में तेरा भजन गाऊंगा।
    Psa 57:10  क्योंकि तेरी करूणा स्वर्ग तक बड़ी है, और तेरी सच्चाई आकाशमण्डल तक पहुंची है।
    Psa 57:11  हे परमेश्वर, तू स्वर्ग के ऊपर अति महान है! तेरी महिमा सारी पृथ्वी के ऊपर फैल जाए!
 
एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह २३-२५ 
  • फिलिप्पियों १