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शनिवार, 20 अगस्त 2011

धीरज का प्रतिफल

मेरी एक मित्र के लिए अपने अस्पताल में इलाज के लिये भरती रहने के समय को काटना भारी हो रहा था। वह मसीही विश्वासिनी थी और उसे लग रहा था कि उस के बीते दिनों के कोई पाप क्षमा होने के लायक नहीं थे इसलिए उसे दण्ड भोगना पड़ रहा है। मैंने उसे समझाया और विश्वास दिलाया कि जिस क्षण उसने परमेश्वर के आगे अपने पाप मान लिए, उसी क्षण परमेश्वर ने उन्हें क्षमा भी कर दिया। लेकिन फिर भी उसे शरीर और मन की शांति प्राप्त होने की प्रतीक्षा भारी पड़ रही थी।

परमेश्वर के वचन में हबक्कूक नबी भी परेशान और अधीर था। पहले उसने परमेश्वर से इस्त्राएलियों के पापों की शिकायत करी (हबाक्कूक १:२-४); परमेश्वर ने उसे उत्तर दिया कि वह कसदी जाति के लोगों के द्वारा इस्त्राएलियों पर भारी दण्ड लाने पर है। अब नबी ने एक और समस्या उठाई - कसदी तो इस्त्राएल से भी अधिक बुरे और निर्दयी थे (हबाक्कूक १:१२-१७)। लेकिन चाहे हबक्कूक नबी परेशान था, तो भी उसने परमेश्वर के प्रति अपनी श्रद्धा को छोड़ा नहीं, उसने जल्दबाज़ी में कुछ नहीं किया; उसने परमेश्वर का बात को समझाने और स्पष्ट करने की प्रतीक्षा करी। जब परमेश्वर ने फिर हबक्कूक से बात करी तो उसे आश्वस्त किया कि वह उसे सारे उत्तर देगा। परमेश्वर ने उसे कहा कि वह परमेश्वर की बात को शीघ्रता के साथ समस्त इस्त्राएल में बता दे; लेकिन साथ ही यह भी कहा कि सभी गलतियों को सुधरता देखने में उसे कुछ समय लगेगा। उत्तर पाने में यह विलंब हबक्कूक के लिए बड़ा कठिन अनुभव था, लेकिन परमेश्वर का उत्तर अवश्य आया और बिलकुल सही समय पर आया।

जब हम परमेश्वर के किसी कार्य को होते देखना चाहते हैं तो हमें सब बातों को उस के हाथों में सौंप कर बस अपने धीरज और विश्वास को बनाए रखना अनिवार्य है। परमेश्वर अपने समय और अपने तरीके से हमारे धीरज का प्रतिफल अवश्य देगा। - हर्ब वैण्डर लुग्ट


धीरज वह उत्तम सदगुण है जो हर बात के लिए परमेश्वर के समय की प्रतीक्षा करता है।

परन्तु वे झट उस के कामों को भूल गए; और उसकी युक्ति के लिये न ठहरे। - भजन १०६:१३

बाइबल पाठ: हबक्कूक १:१२-२:४

Hab 1:12 हे मेरे प्रभु यहोवा, हे मेरे पवित्र परमेश्वर, क्या तू अनादि काल से नहीं है? इस कारण हम लोग नहीं मरने के। हे यहोवा, तू ने उनको न्याय करने के लिये ठहराया है; हे चट्टान, तू ने उलाहना देने के लिये उनको बैठाया है।
Hab 1:13 तेरी आंखें ऐसी शुद्ध हैं कि तू बुराई को देख ही नहीं सकता, और उत्पात को देख कर चुप नहीं रह सकता; फिर तू विश्वासघातियों को क्यों देखता रहता, और जब दुष्ट निर्दोष को निगल जाता है, तब तू क्यों चुप रहता है?
Hab 1:14 तू क्यों मनुष्यों को समुद्र की मछलियों के समान और उन रेंगने वाले जन्तुओं के समान बनाता है जिन पर कोई शासन करने वाला नहीं है।
Hab 1:15 वह उन सब मनुष्यों को बन्सी से पकड़ कर उठा लेता और जाल में घसीटता और महाजाल में फंसा लेता है; इस कारण वह आनन्दित और मगन है।
Hab 1:16 इसीलिये वह अपने जाल के साम्हने बलि चढ़ाता और अपने महाजाल के आगे धूप जलाता है क्योंकि इन्हीं के द्वारा उसका भाग पुष्ट होता, और उसका भोजन चिकना होता है।
Hab 1:17 परन्तु क्या वह जाल को खाली करने और जाति जाति के लोगों को लगातार निर्दयता से घात करने से हाथ न रोकेगा?
Hab 2:1 मैं अपने पहरे पर खड़ा रहूंगा, और गुम्मट पर चढ़ कर ठहरा रहूंगा, और ताकता रहूंगा कि मुझ से वह क्या कहेगा; और मैं अपने दिए हुए उलाहने के विषय में उत्तर दूं;
Hab 2:2 यहोवा ने मुझ से कहा, दर्शन की बातें लिख दे वरन पटियाओं पर साफ साफ लिख दे कि दौड़ते हुए भी वे सहज से पढ़ी जाएं।
Hab 2:3 क्योंकि इस दर्शन की बात नियत समय में पूरी होने वाली है, वरन इसके पूरे होने का समय वेग से आता है; इस में धोखा न होगा। चाहे इस में विलम्ब भी हो, तौभी उसकी बाट जाहते रहना क्योंकि वह निश्चय पूरी होगी और उस में देर न होगी।
Hab 2:4 देख, उसका मन फूला हुआ है, उसका मन सीधा नहीं है परन्तु धर्मी जन अपने विश्वास के द्वारा जीवित रहेगा।

एक साल में बाइबल:
  • भजन १०५-१०६
  • १ कुरिन्थियों ३