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रविवार, 6 फ़रवरी 2011

प्रभु संगति का भोज

एक बुज़ुर्ग दम्पति के पास आमदनी का कोई साधन नहीं था। उनका गुज़रा हर सप्ताह उनके चर्च में आने वाले एक व्यक्ति से मिलने वाली पैसों कि मदद से चलता था। एक इतवार की दोपहर को उस मददगार व्यक्ति को, जो वहां से कहीं दूर रहता था, उसी स्थान पर रहने की आवश्यक्ता हुई। उसने उस बुज़ुर्ग दम्पति से पूछा, "क्या आज प्रातः की आराधना सभा के बाद मैं आपके साथ भोजन के लिये आ सकता हूँ?" उस दम्पति ने अपने पास उस दोपहर के भोजन के लिये घर में बची सामग्री के बारे में सोचा - थोड़ी सी बासी ब्रेड, थोड़ा सा मक्खन और एक ज़रा सा पनीर का टुकड़ा। लेकिन उस व्यक्ति ने तुरंत ही उनसे कहा, "चिंता मत कीजिए, मैं अपने साथ भोजन लाया हूँ और वह हम तीनों के लिये काफी होगा।" उस दोपहर उन तीनो ने मिलकर घर की बनी ताज़ी रोटी और मक्खन और कई प्रकार की उत्तम भोजन सामग्री, जो काफी मात्रा में थी, का आनन्द लिया। यह व्यक्ति न केवल उनके साथ भोजन करने आया था, वरन अपने साथ उत्तम भोजन भी लेकर आया था।

यह दर्शाता है हमारे साथ हमारे उद्धरकर्ता प्रभु यीशु के संबंध को। प्रभु यीशु न केवल हमारे संग संगति रखना चाहता है, परन्तु हमारी हर आवश्यक्ता को भी पूरा करना चाहता है। जब हम उसे अपने हृदय में आमंत्रित करके उसके साथ हो जाते हैं तो वह अपनी आशीशें भी हमारे जीवन में भर देता है।

हमारे पास तो सिवाय अपनी आत्मिक बदहाली के, उसके समने रखने को और कुछ भी नहीं है, लेकिन वह अपने अनुग्रह की बहुतायत साथ लेकर आना चाहता है।

कैसा धन्य है उसके साथ हमें संगति करने का सौभाग्य, कितनी धन्य हैं वे बहुतायत की आशीशें जो वह हमारे लिये लेकर हमारे निमंत्रण की प्रतीक्षा में खड़ा है। - पौल वैन गोर्डर


अनुग्रह परमेश्वर की वह बहुतायत है जो वह सर्वथा अयोग्य व्यक्तियों को भी अपने बड़े प्रेम में होकर सेंतमेंत देता है।

...मैं उसके पास भीतर आकर उसके साथ भोजन करूंगा, और वह मेरे साथ। - प्रकाशितवाक्य ३:२०


बाइबल पाठ: प्रकाशितवाक्य ३:१४-२२

और लौदीकिया की कलीसिया के दूत को यह लिख, कि, जो आमीन, और विश्वासयोग्य, और सच्‍चा गवाह है, और परमेश्वर की सृष्‍टि का मूल कारण है, वह यह कहता है।
कि मैं तेरे कामों को जानता हूं कि तू न तो ठंडा है और न गर्म: भला होता कि तू ठंडा या गर्म होता।
सो इसलिये कि तू गुनगुना है, और न ठंडा है और न गर्म, मैं तुझे अपने मुंह से उगलने पर हूं।
तू जो कहता है, कि मैं धनी हूं, और धनवान हो गया हूं, और मुझे किसी वस्‍तु की घटी नहीं, और यह नहीं जानता, कि तू अभागा और तुच्‍छ और कंगाल और अन्‍धा, और नंगा है।
इसी लिये मैं तुझे सम्मति देता हूं, कि आग में ताया हुआ सोना मुझ से मोल ले, कि धनी हो जाए; और श्वेत वस्‍त्र ले ले कि पहिनकर तुझे अपने नंगेपन की लज्ज़ा न हो; और अपनी आंखों में लगाने के लिये सुर्मा ले, कि तू देखने लगे।
मैं जिन जिन से प्रीति रखता हूं, उन सब को उलाहना और ताड़ना देता हूं, इसलिये सरगर्म हो, और मन फिरा।
देख, मैं द्वार पर खड़ा हुआ खटखटाता हूं, यदि कोई मेरा शब्‍द सुन कर द्वार खोलेगा, तो मैं उसके पास भीतर आकर उसके साथ भोजन करूंगा, और वह मेरे साथ।
जो जय पाए, मैं उसे अपने साथ अपने सिंहासन पर बैठाऊंगा, जैसा मैं भी जय पाकर अपने पिता के साथ उसके सिंहासन पर बैठ गया।
जिस के कान हों वह सुन ले कि आत्मा कलीसियाओं से क्‍या कहता है।

एक साल में बाइबल:
  • निर्गमन ३९-४०
  • मत्ती २३:२३-३९