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रविवार, 31 जुलाई 2011

दोषारोपण

प्रभु यीशु मसीह के अनुयायी फ्रैड ग्रिम ने, जो नियमों के पालन पर नज़र रखने वाले विभाग में कार्य करता था, अपना एक अनुभव बताया: एक परिवार कलह में पड़ा हुआ था, जिसके लिए पिता अपने पुत्र को दोषी ठहराता रहता था। यद्यपि वे पति पत्नि वर्षों से आपस में लड़ रहे थे, फिर भी पिता अपने पुत्र से यही कहता रहता था कि यदि किसी दिन मैं तुम्हें और तुम्हारी माँ को छोड़ कर चला गया तो यह तुम्हारी गलती के कारण होगा। एक दिन अचानक पति को अधरंग का दौरा पड़ा और वह मर गया। अब माँ ने भी अपने बेटे को ही अपनी पिता की मृत्यु के लिए दोषी ठहराया। वह लड़का बिलकुल टूट गया।

दूसरों को अपनी परेशानियों के लिए दोषी ठहराना न केवल अनन्यायपूर्ण है वरन क्रूर भी है और परमेश्वर को अति नापसन्द है। मिस्त्र से कनान देश की अपनी यात्रा के समय इस्त्राएल के लोगों ने भी यह किया। जब उन्हें पानी और भोजन की घटी हुई तो वे हड़बड़ा गए और उन्होंने अपनी परिस्थितियों के लिए अपने अगुवे मूसा और उसके भाई हारून को दोषी ठहराया। परमेश्वर ने दो बार तो उन्हें इस बात के लिए माफ कर दिया, लेकिन जब इस्त्राएलियों ने दोषारोपण को अपनी प्रवृति ही बना लिया तो परमेश्वर को उनके विरुद्ध कार्य करना पड़ा और उन्हें परमेश्वर से कठोर दण्ड का सामना करना पड़ा।

दोषारोपण बहुत हानिकारक हो सकता है। अकसर समस्या का कारण और समाधान दोनो ही हमारे पास ही होते हैं लेकिन हमारा अहम हमें इसे स्वीकार करने नहीं देता और हम दूसरों को अपनी परिस्थितियों के लिए ज़िम्मेदार ठहरा कर अपनी कमज़ोरी को छुपाना या अपने दायित्व से बचना चाहते हैं। ऐसा करके हम कुछ समय के लिए शायद समस्या से बच जाएं या उसके प्रभावों को टाल दें लेकिन यह कोई दीर्घ कालीन अथवा समुचित उपाय नहीं है। लोगों को हमारी प्रवृति पहचानने में अधिक समय नहीं लगेगा, और फिर हम और भी अधिक गंभीर समस्या में पड़ने से बच नहीं सकते।

दोषारोपण के स्थान पर हमें अपनी परिस्थिति का विशलेषण करने, अपनी कमियों और गलतियों को स्वीकार करने और परमेश्वर की सहायता से उन्हें सुधारने की आवश्यक्ता है। इसी मार्ग का अनुसरण कर के हम अपनी गलतियों से सीख भी सकेंगे, अपने आप को सुधार भी सकेंगे और और लोगों में अपनी विश्वासयोग्यता को बना भी सकेंगे। - हर्ब वैण्डर लुग्ट


दूसरों को दोषी ठहराकर हम परमेश्वर को प्रसन्न कभी नहीं कर सकेंगे।

जंगल में इस्राएलियों की सारी मण्डली मूसा और हारून के विरूद्ध बकझक करने लगी। - निर्गमन १६:२


बाइबल पाठ: निर्गमन १५:२२-१६:५

Exo 15:22 तब मूसा इस्राएलियों को लाल समुद्र से आगे ले गया, और वे शूर नाम जंगल में आए; और जंगल में जाते हुए तीन दिन तक पानी का सोता न मिला।
Exo 15:23 फिर मारा नाम एक स्थान पर पहुंचे, वहां का पानी खारा था, उसे वे न पी सके; इस कारण उस स्थान का नाम मारा पड़ा।
Exo 15:24 तब वे यह कह कर मूसा के विरूद्ध बकझक करने लगे, कि हम क्या पीएं ?
Exo 15:25 तब मूसा ने यहोवा की दोहाई दी, और यहोवा ने उसे एक पौधा बतला दिया, जिसे जब उस ने पानी में डाला, तब वह पानी मीठा हो गया। वहीं यहोवा ने उनके लिये एक विधि और नियम बनाया, और वहीं उस ने यह कह कर उनकी परीक्षा की,
Exo 15:26 कि यदि तू अपने परमेश्वर यहोवा का वचन तन मन से सुने, और जो उसकी दृष्टि में ठीक है वही करे, और उसकी सब विधियों को माने, तो जितने रोग मैं ने मिस्रियों पर भेजा है उन में से एक भी तुझ पर न भेजूंगा, क्योंकि मैं तुम्हारा चंगा करने वाला यहोवा हूं।
Exo 15:27 तब वे एलीम को आए, जहां पानी के बारह सोते और सत्तर खजूर के पेड़ थे और वहां उन्होंने जल के पास डेरे खड़े किए।
Exo 16:1 फिर एलीम से कूच करके इस्राएलियों की सारी मण्डली, मिस्र देश से निकलने के महीने के दूसरे महीने के पंद्रहवे दिन को, सीन नाम जंगल में, जो एलीम और सीनै पर्वत के बीच में है, आ पहुंची।
Exo 16:2 जंगल में इस्राएलियों की सारी मण्डली मूसा और हारून के विरूद्ध बकझक करने लगी।
Exo 16:3 और इस्राएली उन से कहने लगे, कि जब हम मिस्र देश में मांस की हांडियों के पास बैठ कर मनमाना भोजन खाते थे, तब यदि हम यहोवा के हाथ से मार डाले भी जाते तो उत्तम वही था, पर तुम हम को इस जंगल में इसलिये निकाल ले आए हो कि इस सारे समाज को भूखों मार डालो।
Exo 16:4 तब यहोवा ने मूसा से कहा, देखो, मैं तुम लोगों के लिये आकाश से भोजन वस्तु बरसाऊंगा और ये लोग प्रतिदिन बाहर जाकर प्रतिदिन का भोजन इकट्ठा करेंगे, इस से मैं उनकी परीक्षा करूंगा, कि ये मेरी व्यवस्था पर चलेंगे कि नहीं।
Exo 16:5 और ऐसा होगा कि छठवें दिन वह भोजन और दिनों से दूना होगा, इसलिये जो कुछ वे उस दिन बटोरें उसे तैयार कर रखें।

एक साल में बाइबल:
  • भजन ५४-५६
  • रोमियों ३

शनिवार, 30 जुलाई 2011

व्यक्तिगत ज़िम्मेदारी

सॉल्मन मछली की नैसर्गिक प्रवृति है कि जिस स्थान पर वह स्वयं पैदा हुई थी, समुंदर और नदियों मे सैंकड़ों मील का सफर तय कर के वे वहीं अपने अंडे देने भी आती हैं। एक तरह से वे एक अदृश्य शक्ति के वशीभूत होकर इस यात्रा और कार्य को पूरा करती हैं। लेकिन मनुष्य जानवरों से भिन्न है। हम अपने व्यवहार के लिए व्यक्तिगत रीति से ज़िम्मेदार हैं और अपने कार्यों के लिए किसी नैसर्गिक प्रक्रिया को दोषी नहीं ठहरा सकते।

अमेरिका में एक अपराधी, जिस पर अनेक हत्याओं का दोष था, मृत्यु दण्ड पाने से पहले बिलकुल अन्तिम समय में सर्वोच्च न्यायालय के एक फैसले से बचाया गया। उसका मानना है कि जानवरों का नैसर्गिक व्यवहार और मनुष्यों व्यवहार एक समान ही हैं। अपने द्वारा करी गई अनेक हत्याओं के विष्य में उसका कहना है कि "वे बस यों ही हो गईं"; उसकी धारणा है कि हत्याओं के लिए कोई अनजानी शक्ति ज़िम्मेदार है, जिसके आधीन उसने बन्दूक चलाई।

लगभग २५०० वर्ष पहले इस्त्राएलियों ने भी अपने अनुचित व्यवहार के लिए परमेश्वर से ऐसा ही बहाना बनाया। उन्होंने एक कहावत को उध्दरित करते हुए अपने व्यवहार का दोष अपने बाप-दादाओं के ऊपर मढ़ना चाहा। लेकिन अपने भविष्यद्वक्ता यहेजकेल द्वारा परमेश्वर ने उन्हें बताया कि वे इन बहानों द्वारा अपनी ज़िम्मेदारी से बच नहीं सकते। परमेश्वर ने उन्हें स्पष्ट कहा कि कोई भला आदमी अपनी दुष्ट सन्तान के कारण दोषी नहीं ठहरेगा और न ही कोई भली सन्तान अपने दुष्ट पिता के पापों के लिए दोषी ठहरेगी। सब को अपनी अपनी ज़िम्मेदारी उठानी पड़ेगी।

हमारी परिस्थिती चाहे कैसी भी क्यों न हो, हम अपने किये के लिए ज़िम्मेदार रहते हैं; संसार के कानून भी इस बात को मानते हैं, इसका पालन करते हैं और इसी आधार पर उन में दण्ड भी निर्धारित किए गए हैं। इसलिए हमारे लिए यही भला है कि हम अपने पापों के लिए परमेश्वर के सामने बहाने बनाने और परिस्थित्यों तथा अन्य लोगों को दोषी ठहराने के बजाए, अपने पापों का अंगीकार कर लें, परमेश्वर प्रभु यीशु से उनके लिए क्षमा माँग लें तथा समय रहते उनके दोष से मुक्त हो जाएं। - हर्ब वैन्डर लुग्ट


अकसर लोग अपनी मूर्खता को ’भाग्य’ कह कर अपनी ज़िम्मेदारी से बचना चाहते हैं।

देखो, सभों के प्राण तो मेरे हैं; जैसा पिता का प्राण, वैसा ही पुत्र का भी प्राण है; दोनों मेरे ही हैं। इसलिये जो प्राणी पाप करे वही मर जाएगा। - यहेजकेल १८:४


बाइबल पाठ: यहेजकेल १८:१-१८

Eze 18:1 फिर यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा,
Eze 18:2 तुम लोग जो इस्राएल के देश के विषय में यह कहावत कहते हो, कि जंगली अंगूर तो पुरखा लोग खाते, परन्तु दांत खट्टे होते हैं लड़के-बालों के, इसका क्या अर्थ है?
Eze 18:3 प्रभु यहोवा यों कहता है कि मेरे जीवन की शपथ, तुम को इस्राएल में फिर यह कहावत कहने का अवसर न मिलेगा।
Eze 18:4 देखो, सभों के प्राण तो मेरे हैं; जैसा पिता का प्राण, वैसा ही पुत्र का भी प्राण है; दोनों मेरे ही हैं। इसलिये जो प्राणी पाप करे वही मर जाएगा।
Eze 18:5 जो कोई धमीं हो, और न्याय और धर्म के काम करे,
Eze 18:6 और न तो पहाड़ों पर भोजन किया हो, न इस्राएल के घराने की मूरतों की ओर आंखें उठाई हों, न पराई स्त्री को बिगाड़ा हो, और न ऋतुमती के पास गया हो,
Eze 18:7 और न किसी पर अन्धेर किया हो वरन ऋणी को उसकी बन्धक फेर दी हो, न किसी को लूटा हो, वरन भूखे को अपनी रोटी दी हो और नंगे को कपड़ा ओढ़ाया हो,
Eze 18:8 न ब्याज पर रुपया दिया हो, न रुपए की बढ़ती ली हो, और अपना हाथ कुटिल काम से रोका हो, मनुष्य के बीच सच्चाई से न्याय किया हो,
Eze 18:9 और मेरी विधियों पर चलता और मेरे नियमों को मानता हुआ सच्चाई से काम किया हो, ऐसा मनुष्य धमीं है, वह निश्चय जीवित रहेगा, प्रभु यहोवा की यही वाणी है।
Eze 18:10 परन्तु यदि उसका पुत्र डाकू, हत्यारा, वा ऊपर कहे हुए पापों में से किसी का करने वाला हो,
Eze 18:11 और ऊपर कहे हुए उचित कामों का करने वाला न हो, और पहाड़ों पर भोजन किया हो, पराई स्त्री को बिगाड़ा हो,
Eze 18:12 दीन दरिद्र पर अन्धेर किया हो, औरों को लूटा हो, बन्धक न फेर दी हो, मूरतों की ओर आंख उठाई हो, घृणित काम किया हो,
Eze 18:13 ब्याज पर रुपया दिया हो, और बढ़ती ली हो, तो क्या वह जीवित रहेगा? वह जीवित न रहेगा? इसलिये कि उस ने ये सब घिनौने काम किए हैं वह निश्चय मरेगा और उसका खून उसी के सिर पड़ेगा।
Eze 18:14 फिर यदि ऐसे मनुष्य के पुत्र हों और वह अपने पिता के ये सब पाप देख कर भय के मारे उनके समान न करता हो।
Eze 18:15 अर्थात न तो पहाड़ों पर भोजन किया हो, न इस्राएल के घराने की मूरतों की ओर आंख उठाई हो, न पराई स्त्री को बिगाड़ा हो,
Eze 18:16 न किसी पर अन्धेर किया हो, न कुछ बन्धक लिया हो, न किसी को लूटा हो, वरन अपनी रोटी भूखे को दी हो, नंगे को कपड़ा ओढ़ाया हो,
Eze 18:17 दीन जन की हानि करने से हाथ रोका हो, ब्याज और बढ़ी न ली हो, मेरे नियमों को माना हो, और मेरी विधियों पर चला हो, तो वह अपने पिता के अधर्म के कारण न मरेगा, वरन जीवित ही रहेगा।
Eze 18:18 उसका पिता, जिस ने अन्धेर किया और लूटा, और अपने भाइयों के बीच अनुचित काम किया है, वही अपने अधर्म के कारण मर जाएगा।

एक साल में बाइबल:
  • भजन ५१-५३
  • रोमियों २

शुक्रवार, 29 जुलाई 2011

मुखौटे

हमारा समाज छल और दोगलेपन को प्रोत्साहन देता है। इससे पहले कि हमारे बच्चे स्कूल जाने लायक हों, वे छलावे और दिखावे के व्यवहार की आरंभिक शिक्षा प्राप्त कर चुके होते हैं, तथा कुछ समय और व्यतीत होते होते वे भी इस कला में अपने व्यसक जोड़ीदारों तथा अभिभावकों के समान ही निपुण भी हो जाते हैं।

समाज में इस बात का प्रचलन तो बुरा है ही, लेकिन इससे भी बुरा है जब यह बात और व्यवहार हमारे विश्वास के जीवन में भी दिखाई देने लगती है। जब इतवार को हमें चर्च में होते हैं, तो बड़ी कुशलता से वहाँ हम अपने आचरण को, दूसरे लोगों की अपेक्षा के अनुरूप, ’भले मसीही’ जैसा बना लेते हैं। अपने इस ’रविवारीय व्यवहार’ को बड़ी स्वभाविकता के साथ निभाते हुए हम सबसे अपने अन्दर के स्वार्थी, कंजूस और क्षमाविहीन व्यक्तित्व को सफलता पूर्वक छुपा लेते हैं और लोगों के सामने बड़े धर्मपरायण प्रतीत होते हैं।

प्रसिद्ध मसीही लेखक चार्लस स्विन्डौल ने अपनी एक पुस्तक Improving Your Serve में अपने एक अनुभव का उल्लेख किया। वे एक स्थान पर प्रचारक के रूप में आमंत्रित थे, और वे अपने साथ अपने बच्चों द्वारा उन्हें भेंट में कभी दिया गया रबर से बना एक मुखौटा ले गए। एक शाम जब उनके प्रचार का विष्य था वास्तविकता तथा विश्वसनियता, तो वह उस मुखौटे को लगाकर प्रचार करने लगे। जैसी कि उनकी उम्मीद थी, उपस्थित समूह उनके व्यवहार और प्रचार के विष्य के प्रतिकूल होने के कारण ज़ोर ज़ोर से हंसने लगे। फिर अपने मुखौटे को उतार कर उन्होंने टिप्पणी करी, "कितना विचित्र है कि लोग चेहरे पर लगे वास्तविक मुखौटों की असलियत को तुरंत पहचान लेते हैं, कोई उनसे छला नहीं जा सकता। लेकिन कितना आसान है चेहरों पर नकली तथा अदृश्य मुखौटे लगाए रखना, और लोग उन मुखौटों की वास्तविकता को नहीं पहचान पाते। मसीह के सेवक जिनके हृदय खरे हैं, उन्होंने अपने मुखौटे उतार फेंके हैं और समाज के सामने, अपने उद्धारकर्ता परमेश्वर के समान, अपनी वास्तविकता में जीवन व्यतीत करते हैं। ऐसे सेवकों पर परमेश्वर की विशेष आशीशें बनी रहती हैं।"

हम सब को अपने जीवनों में ढोंग तथा दोगलेपन के साथ संघर्ष करना पड़ता है। अदृश्य मुखौटे लगा कर हम संसार को छल सकते हैं, हृदयों को देखने तथा जाँचने वाले परमेश्वर को नहीं। लेकिन यदि हमारे हृदय खरे होंगे तो हमें अपने चेहरे मुखौटों के पीछे नहीं छुपाने की कोई आवश्यक्ता नहीं होगी। - डेव एग्नर


ढोंगी वह है जिसका ’रविवारीय व्यवहार’ उसके प्रतिदिन के वास्तविक व्यवहार से भिन्न होता है।

इसी रीति से तुम भी ऊपर से मनुष्यों को धर्मी दिखाई देते हो, परन्‍तु भीतर कपट और अधर्म से भरे हुए हो। - मत्ती २३:२८


बाइबल पाठ: मत्ती २३:२५-३३

Mat 23:25 हे कपटी शास्‍त्रियों, और फरीसियों, तुम पर हाय, तुम कटोरे और थाली को ऊपर ऊपर से तो मांजते हो परन्‍तु वे भीतर अन्‍धेर असंयम से भरे हुए हैं।
Mat 23:26 हे अन्‍धे फरीसी, पहिले कटोरे और थाली को भीतर से मांज कि वे बाहर से भी स्‍वच्‍छ हों।
Mat 23:27 हे कपटी शास्‍त्रियों, और फरीसियों, तुम पर हाय; तुम चूना फिरी हुई कब्रों के समान हो जो ऊपर से तो सुन्‍दर दिखाई देती हैं, परन्‍तु भीतर मुर्दों की हड्डियों और सब प्रकार की मलिनता से भरी हैं।
Mat 23:28 इसी रीति से तुम भी ऊपर से मनुष्यों को धर्मी दिखाई देते हो, परन्‍तु भीतर कपट और अधर्म से भरे हुए हो।
Mat 23:29 हे कपटी शास्‍त्रियों, और फरीसियों, तुम पर हाय; तुम भविष्यद्वक्ताओं की कब्रें संवारते और धमिर्यों की कब्रें बनाते हो।
Mat 23:30 और कहते हो, कि यदि हम अपके बाप-दादों के दिनों में होते तो भविष्यद्वक्ताओं की हत्या में उन के साझी न होते।
Mat 23:31 इस से तो तुम अपने पर आप ही गवाही देते हो, कि तुम भविष्यद्वक्ताओं के घातकों की सन्‍तान हो।
Mat 23:32 सो तुम अपने बाप-दादों के पाप का घड़ा भर दो।
Mat 23:33 हे सांपो, हे करैतों के बच्‍चो, तुम नरक के दण्‍ड से क्‍योंकर बचोगे?

एक साल में बाइबल:
  • भजन ४९-५०
  • रोमियों १

गुरुवार, 28 जुलाई 2011

धोखे का मार्ग

आजकल हर कोई अपनी इच्छापूर्ति के लिए अभिनय करने में कुशल है और कई बार सही व्यक्ति और छलावा करने वाले में फर्क बता पाना असंभव हो जाता है। मसीह की मण्डली में भी कई लोग ऐसे होते हैं जो बहुत भक्त और भले होने का व्यवहार करते हैं, इस धारणा में कि वे अपने इस व्यवहार से परमेश्वर को प्रसन्न कर लेंगे।

ऐसी धारणा रखने वाले, एक दन्तकथा वाले उस बकरे के समान हैं जिसे शेर होने का शौक चर्राया और अपनी इस इच्छा की पूर्ति के लिए उस ने अकड़ कर शेर के समान चलना, अपनी छोटी सी पूँछ को बड़ी अदा से हवा में लहराना आदि आरंभ कर दिया। अपनी मिमियाने की आवाज़ को भी उसने शेर की दहाड़ के समान करने का प्रयास किया। अब उसे लगने लगा कि वह भी शेर ही है। एक दिन अपनी इसी अकड़ में जंगल में घूमते हुए उसका सामना असली शेर से हो गया - आगे आप समझदार हैं।

अकसर वे लोग जिन्होंने मसीही विश्वासीयों के समान ही बोलना और व्यवहार करना सीख लिया है, यह मान लेते हैं कि वे भी मसीही विश्वासी हो गए हैं। लेकिन यदि उन्होंने कभी अपना व्यक्तिगत विश्वास मसीह यीशु में नहीं रखा, कभी अपने पापों का अंगीकार और उन से मसीह के नाम में पश्चाताप नहीं किया, कभी अपना जीवन मसीह यीशु को समर्पित नहीं किया, तो उनका विश्वासियों का सा व्यवहार अभिनय मात्र ही है, यथार्त नहीं। वे अभी उस ’निष्कपट विश्वास’ (२ तिमुथियुस १:५) से कोसों दूर हैं केवल जिसके द्वारा ही उद्धार संभव है।

यदि आप अपनी स्वयं निर्धारित धार्मिकता, अपने चर्च में हाज़िरी देने, भक्ति के हाव-भाव और बोलचाल, बाइबल की जानकारी, भले कार्यों आदि पर भरोसा रखकर परमेश्वर को प्रसन्न करने का अपना निश्चय बनाए हुए हैं, तो आप धोखे मे हैं। जैसे वास्तविक शेर का सामना होने पर ही बकरे ने अपनी सच्चाई को पहिचाना, लेकिन तब तक उसके लिए बहुत देर हो चुकी थी, वैसे ही बहुतेरे लोग जब मसीह के न्याय सिंहासन के सामने अपने आप को खड़ा पाएंगे तब ही उन्हें अपनी वास्तविकता का पता चलेगा, लेकिन उनके लिए भी तब बहुत देर हो चुकी होगी।

परमेश्वर के वचन बाइबल की स्पष्ट शिक्षा है कि केवल पापों के अंगीकार और मसीह के नाम में पापों से पश्चाताप और मसीह यीशु में विश्वास तथा समर्पण द्वारा ही हम उसके साथ स्वर्ग में होने के हकदार हो सकते हैं। - डेव एग्नर


अपनी वास्तविक्ता छुपाने के प्रयास में लगे रहने की बजाए, अपनी वास्तविक्ता को मान लेने और उद्धार के लिए परमेश्वर के मार्ग को स्वीकार कर लेने में ही बुद्धिमानी है।

अपने आप को परखो, कि विश्वास में हो कि नहीं; अपने आप को जांचो, क्‍या तुम अपने विषय में यह नहीं जानते, कि यीशु मसीह तुम में है? नहीं तो तुम निकम्मे निकले हो। पर मेरी आशा है, कि तुम जान लोगे, कि हम निकम्मे नहीं। - २ कुरिन्थियों १३:५, ६


बाइबल पाठ: २ कुरिन्थियों १३:१-१०

2Co 13:1 अब तीसरी बार तुम्हारे पास आता हूं: दो या तीन गवाहों के मुंह से हर एक बात ठहराई जाएगी।
2Co 13:2 जैसे मैं जब दूसरी बार तुम्हारे साथ था, सो वैसे ही अब दूर रहते हुए उन लोगों से जिन्‍होंने पहिले पाप किया, और और सब लोगों से अब पहिले से कहे देता हूं, कि यदि मैं फिर आऊंगा, तो नहीं छोडूंगा।
2Co 13:3 तुम तो इस का प्रमाण चाहते हो, कि मसीह मुझ में बोलता है, जो तुम्हारे लिये निर्बल नहीं परन्‍तु तुम में सामर्थी है।
2Co 13:4 वह निर्बलता के कारण क्रूस पर चढ़ाया तो गया, तौभी परमेश्वर की सामर्थ से जीवित है, हम भी तो उस में निर्बल हैं; परन्‍तु परमेश्वर की सामर्थ से जो तुम्हारे लिये है, उसके साथ जीएंगे।
2Co 13:5 अपने आप को परखो, कि विश्वास में हो कि नहीं; अपने आप को जांचो, क्‍या तुम अपने विषय में यह नहीं जानते, कि यीशु मसीह तुम में है? नहीं तो तुम निकम्मे निकले हो।
2Co 13:6 पर मेरी आशा है, कि तुम जान लोगे, कि हम निकम्मे नहीं।
2Co 13:7 और हम अपने परमेश्वर से प्रार्थना करते हैं, कि तुम कोई बुराई न करो; इसलिये नहीं, कि हम खरे देख पड़ें, पर इसलिये कि तुम भलाई करो, चाहे हम निकम्मे ही ठहरें।
2Co 13:8 क्‍योंकि हम सत्य के विरोध में कुछ नहीं कर सकते, पर सत्य के लिये कर सकते हैं।
2Co 13:9 जब हम निर्बल हैं, और तुम बलवन्‍त हो, तो हम आनन्‍दित होते हैं, और यह प्रार्थना भी करते हैं, कि तुम सिद्ध हो जाओ।
2Co 13:10 इस कारण मैं तुम्हारे पीठ पीछे ये बातें लिखता हूं, कि उपस्थित होकर मुझे उस अधिकार के अनुसार जिसे प्रभु ने बिगाड़ने के लिये नहीं पर बनाने के लिये मुझे दिया है, कड़ाई से कुछ करना न पड़े।

एक साल में बाइबल:
  • भजन ४६-४८
  • प्रेरितों २८

बुधवार, 27 जुलाई 2011

पहले जांचो-परखो, फिर मानो

नीचे दिया गया आज का बाइबल पद प्रभु यीशु के चेले और प्रेरित पतरस के जीवन से संबंधित एक प्रसंग से लिया गया है। पतरस दृढ़ भक्ति से प्रभु यीशु का अनुसरण करने वाला चेला था और गैर यहूदियों में भी प्रभु यीशु के नाम से सेवकाई करता था। उन दिनों में यहूदी समाज के लोग गैर यहूदियों तुच्छ जानते थे और उनसे कोई संबंध अथवा संपर्क नहीं रखते थे। एक समय जब कुछ यहूदी विश्वासी यरुशलेम से पतरस के पास आए तो अपने कुछ संकीर्ण मानसिकता वाले साथियों के कहने में आ कर वह अपने गैर यहूदी मित्रों से अलग हो गया, यह दिखाने को कि अन्य यहूदियों के समान वह भी गौर यहूदियों से कोई मेल-जोल नहीं रखता है। उन दिनों पौलुस प्रेरित भी वहीं पर था, उसे जब इस बात का पता चला तो उसने पतरस को उसके इस दोगलेपन के लिए आड़े हाथों लिया, क्योंकि पौलुस जानता था कि एक खरा और निष्कपट विश्वासी भी गलती कर सकता है और अपनी गलती से मसीह की सेवकाई को बहुत हानि पहुँचा सकता है, जिसे आरंभ में ही सुधारा जाना अनिवार्य है।

ऐसी गलती प्रत्येक मसीही विश्वासी के साथ घटित हो सकती है। आज भी कई मसीह के खरे और निष्कपट सेवक, अपनी कुछ अनुचित धारणाओं के कारण ऐसी ही गलती कर लेते हैं और उनकी इस असावधानी से मसीह के नाम के प्रसार में बाधा भी आ जाती है तथा लोगों का व्यक्तिगत नुकसान भी हो जाता है।

होबार्ट फ्रीमैन भी एक ऐसे ही बड़े समर्पित और खरे प्रचारक थे और उनकी सेवकाई द्वारा कई लोगों ने मसीह यीशु को अपना व्यक्तिगत उद्धारकर्ता ग्रहण किया। परमेश्वर और मसीह के प्रति उनके समर्पण तथा सेवाभाव में कोई कमी या कपट नहीं था और ना ही उनके जीवन मे कोई खोट थी। लेकिन उनकी एक गलत धारणा कई लोगों के लिए बहुत कष्ट का कारण भी बनी। वे चिकित्सकों को नापसन्द करते थे, उन्हें ’डाक्टरी देवता’ कहते थे और अपने अनुयायियों से डाक्टरों से चिकित्सा सेवा न ग्रहण करने के लिए कहते थे, जिस कारण उनके कई अनुयायियों को बहुत कष्टों का सामना भी करना पड़ा। उनकी इस धारणा के लिए बाइबल में कोई आधार नहीं है और ना ही ऐसी कोई शिक्षा मसीह यीशु या उनके चेलों ने कभी कहीं दी। यह केवल होबार्ट फ्रीमैन की अपनी धारणा थी जिसे वह अपने साथ जुड़े लोगों पर थोपते थे। कमी न उनके विश्वास में थी न उनके मसीही सेवकाई के प्रति समर्पण में, कमी थी तो एक विशेष बात को लेकर उनके परमेश्वर के वचन की समझ और व्याख्या में।

लोगों के खरे और भले जीवनों से प्रभावित होकर हम हर बात में उन्हें पूर्णतः विश्वास योग्य मान सकते हैं, लेकिन परमेश्वर का वचन बाइबल कभी हमें किसी भी बात के लिए अन्ध विश्वास करने के लिए नहीं कहती। बाइबल की स्पष्ट और खुली शिक्षा है कि, "सब बातों को परखो: जो अच्‍छी है उसे पकड़े रहो" (१ थिस्सुलिनीकियों ५:२१)। यद्यपि लोग बड़े भक्त, खरे और ईमानदार प्रतीत हो सकते हैं और हमें उनके जीवनों में कोई खोट नहीं दिखाई देता हो, लेकिन यह हमारा कर्तव्य है कि उनकी हर शिक्षा को हम पहले परमेश्वर के वचन से जाँचें (प्रेरितों १७:११) और वचनानुसार यदि खरी पाई जाएं तब ही मानें।

खरे लोग भी गलत हो सकते हैं। - हर्ब वैण्डर लुग्ट


गलती अकसर सच्चई के भेस में प्रस्तुत होती है।

पर जब कैफा अन्‍ताकिया में आया तो मैं ने उसके मुंह पर उसका साम्हना किया, क्‍योंकि वह दोषी ठहरा था। - गलतियों २:११


बाइबल पाठ: गलतियों २:११-२१
Gal 2:11 पर जब कैफा अन्‍ताकिया में आया तो मैं ने उसके मुंह पर उसका साम्हना किया, क्‍योंकि वह दोषी ठहरा था।
Gal 2:12 इसलिये कि याकूब की ओर से कितने लोगों के आने से पहिले वह अन्यजातियों के साय खाया करता था, परन्‍तु जब वे आए, तो खतना किए हुए लोगों के डर के मारे उन से हट गया और किनारा करने लगा।
Gal 2:13 और उसके साथ शेष यहूदियों ने भी कपट किया, यहां तक कि बरनबास भी उन के कपट में पड़ गया।
Gal 2:14 पर जब मैं ने देखा, कि वे सुसमाचार की सच्‍चाई पर सीधी चाल नहीं चलते, तो मैं ने सब के साम्हने कैफा से कहा, कि जब तू यहूदी होकर अन्यजातियों की नाईं चलता है, और यहूदियों की नाईं नहीं तो तू अन्यजातियों को यहूदियों की नाईं चलने को क्‍यों कहता है?
Gal 2:15 हम जो जन्म के यहूदी हैं, और पापी अन्यजातियों में से नहीं।
Gal 2:16 तौभी यह जानकर कि मनुष्य व्यवस्था के कामों से नहीं, पर केवल यीशु मसीह पर विश्वास करने के द्वारा धर्मी ठहरता है, हम ने आप भी मसीह यीशु पर विश्वास किया, कि हम व्यवस्था के कामों से नहीं पर मसीह पर विश्वास करने से धर्मी ठहरें; इसलिये कि व्यवस्था के कामों से कोई प्राणी धर्मी न ठहरेगा।
Gal 2:17 हम जो मसीह में धर्मी ठहरना चाहते हैं, यदि आप ही पापी निकलें, तो क्‍या मसीह पाप का सेवक है कदापि नहीं।
Gal 2:18 क्‍योंकि जो कुछ मैं ने गिरा दिया, यदि उसी को फिर बनाता हूं, तो अपने आप को अपराधी ठहराता हूं।
Gal 2:19 मैं जो व्यवस्था के द्वारा व्यवस्था के लिये मर गया, कि परमेश्वर के लिये जीऊं।
Gal 2:20 मैं मसीह के साथ क्रूस पर चढ़ाया गया हूं, और अब मैं जीवित न रहा, पर मसीह मुझ में जीवित है: और मैं शरीर में अब जो जीवित हूं तो केवल उस विश्वास से जीवित हूं, जो परमेश्वर के पुत्र पर है, जिस ने मुझ से प्रेम किया, और मेरे लिये अपने आप को दे दिया।
Gal 2:21 मैं परमेश्वर के अनुग्रह को व्यर्थ नहीं ठहराता, क्‍योंकि यदि व्यवस्था के द्वारा धामिर्कता होती, तो मसीह का मरना व्यर्थ होता।

एक साल में बाइबल:
  • भजन ४३-४५
  • प्रेरितों २७:२७-४४

मंगलवार, 26 जुलाई 2011

नैतिकता, धार्मिकता तथा ग्रहणयोग्यता

नैतिक होने से हम धर्मी भी हों, ऐसा अनिवार्य नहीं। परन्तु जो धर्मी होगा, वह अवश्य ही नैतिक भी होगा। संसार तथा कभी कभी मसीही विश्वासी भी यह मान लेते हैं कि क्योंकि संसार की नज़रों में उनका चरित्र और चालचलन किसी भी उलाहना या आलोचना से परे है, इसलिए वे परमेश्वर के सामने भी सही होंगे। लेकिन यह आवश्यक नहीं है, बाइबल बताती है कि मनुष्य परमेश्वर के साथ ठीक हुए बिना भी अपने कार्यों तथा प्रयासों से नैतिक तो हो सकता है लेकिन परमेश्वर को ग्रहण योग्य नहीं, क्योंकि परमेश्वर की धार्मिकता का स्तर मनुष्यों और संसार के स्तर से भिन्न और सिद्ध है।

बाइबल की यह स्पष्ट शिक्षा है कि परमेश्वर को केवल पापों के लिए पश्चाताप, पापों से मन फिराव तथा प्रभु यीशु द्वारा मिलने वाली पापों से क्षमा द्वारा उत्पन्न धार्मिकता ही स्वीकार है; अन्य किसी भी माध्यम से कोई संसार के समक्ष तो नैतिक और धर्मी हो सकता है, परमेश्वर के समक्ष नहीं। परमेश्वर को मनुष्यों से केवल अपनी आज्ञाकारिता चाहिए, उनके ’धर्म के कार्य’ नहीं (निर्गमन १९:५; यर्मियाह ७:२३, होशिया ६:६)। बाइबल हमारे धर्म के कार्यों को "मैले चिथड़ों" की संज्ञा देती है (यशायाह ६४:६)। पौलुस प्रेरित का जीवन इस बात का उत्तम उदाहरण है। पौलुस एक कुलीन यहूदी घराने मे पैदा हुआ, धर्म की शिक्षा उसने अपने समय के सबसे उत्तम गुरू गमलीएल से पाई, धर्म की शिक्षाओं के पालन में उसने कोई कमी नहीं छोड़ी, किसी को दोष देने का कोई अवसर नहीं दिया; किंतु जब प्रभु यीशु मसीह से उसका सामना हुआ तो प्रभु की पवित्रता के सम्मुख उस ने अपने धर्म की नैतिकता की तुच्छता को पहचाना, और अपने कर्मों की नैतिकता को त्याग कर उसने प्रभु से पश्चातप की धार्मिकता को सदा काल के लिए ले लिया। इस बात का विवरण उसने फिलिप्पियों को लिखी अपनी पत्री में किया।

पुराने नियम में अय्युब की पुस्तक में भी अय्युब की कहानी इसी बात को दिखाती है। संसार में अय्युब के समान कोई धर्मी और नैतिक नहीं था (अय्युब १:१), स्वयं परमेश्वर ने दो दफा इस बात को कहा - अय्युब १:८ एवं २:३। लेकिन इसी अय्युब ने जब परमेश्वर का प्रत्यक्ष दर्शन पाया तो वह पुकार उठा, "मैं कानों से तेरा समाचार सुना था, परन्तु अब मेरी आंखें तुझे देखती हैं; इसलिये मुझे अपने ऊपर घृणा आती है, और मैं धूलि और राख में पश्चात्ताप करता हूँ। (अय्युब ४२:५, ६)।

यह जानते हुए कि लोग नैतिक तथा धर्मी तो हो सकते हैं परन्तु परमेश्वर को ग्रहणयोग्य नहीं, हमें अपने जीवनों को जाँचने की आवश्यक्ता है। हम परमेश्वर की धार्मिकता के पैमाने पर कहाँ खड़े हैं? क्या हम "मैले चीथड़ों" द्वारा परमेश्वर को प्रसन्न करने और उसे ग्रहणयोग्य होने की कोशिश में लगे हैं या उसके द्वारा प्रभु यीशु में दीये गए मार्ग पर चलकर उस तक पहुंचने वाले लोग हैं? हम शरीर के किन्ही कार्यों से नहीं केवल आत्मा के समर्पण और परमेश्वर की आज्ञाकारिता से ही उसे ग्रहणयोग्य बन सकते हैं।


मसीह से मिली पवित्रता ही परमेश्वर को ग्रहण्योग्य धार्मिकता का स्त्रोत है।

हम तो सब के सब अशुद्ध मनुष्य के से हैं, और हमारे धर्म के काम सब के सब मैले चिथड़ों के समान हैं। - यशायाह ६४:६


बाइबल पाठ: फिलिप्पियों ३:१-११
Php 3:1 निदान, हे मेरे भाइयो, प्रभु में आनन्‍दित रहो: वे ही बातें तुम को बार बार लिखने में मुझे तो कोई कष्‍ट नहीं होता, और इस में तुम्हारी कुशलता है।
Php 3:2 कुत्तों से चौकस रहो, उन बुरे काम करने वालों से चौकस रहो, उन काट कूट करने वालों से चौकस रहो।
Php 3:3 क्‍योंकि खतनावाले तो हम ही हैं जो परमेश्वर के आत्मा की अगुवाई से उपासना करते हैं, और मसीह यीशु पर घमण्‍ड करते हैं और शरीर पर भरोसा नहीं रखते।
Php 3:4 पर मैं तो शरीर पर भी भरोसा रख सकता हूं यदि किसी और को शरीर पर भरोसा रखने का विचार हो, तो मैं उस से भी बढ़कर रख सकता हूं।
Php 3:5 आठवें दिन मेरा खतना हुआ, इस्‍त्राएल के वंश, और बिन्यामीन के गोत्र का हूं; इब्रानियों का इब्रानी हूं, व्यवस्था के विषय में यदि कहो तो फरीसी हूं।
Php 3:6 उत्‍साह के विषय में यदि कहो तो कलीसिया का सताने वाला, और व्यवस्था की धामिर्कता के विषय में यदि कहो तो निर्दोष था।
Php 3:7 परन्‍तु जो जो बातें मेरे लाभ की थीं, उन्‍हीं को मैं ने मसीह के कारण हानि समझ लिया है।
Php 3:8 वरन मैं अपने प्रभु मसीह यीशु की पहिचान की उत्तमता के कारण सब बातों को हानि समझता हूं: जिस के कारण मैं ने सब वस्‍तुओं की हानि उठाई, और उन्‍हें कूड़ा समझता हूं, जिस से मैं मसीह को प्राप्‍त करूं।
Php 3:9 और उस में पाया जाऊं; न कि अपनी उस धामिर्कता के साथ, जो व्यवस्था से है, वरन उस धामिर्कता के साथ जो मसीह पर विश्वास करने के कारण है, और परमेश्वर की ओर से विश्वास करने पर मिलती है।
Php 3:10 और मैं उसको और उसके मृत्युंजय की सामर्थ को, और उसके साथ दुखों में सहभागी हाने के मर्म को जानूं, और उस की मृत्यु की समानता को प्राप्‍त करूं।
Php 3:11 ताकि मैं किसी भी रीति से मरे हुओं में से जी उठने के पद तक पहुंचूं।

एक साल में बाइबल:
  • भजन ४०-४२
  • प्रेरितों २७:१-२६

सोमवार, 25 जुलाई 2011

प्रदर्शित ढोंग

लण्डन शहर के एक प्रसिद्ध पनीर विक्रेता की दुकान पर बहुत से लोग पंक्ति में खड़े थे। विख्यात प्रचारक स्पर्जन भी वहाँ पनीर खरीदने के इरादे से आए। दुकान की खिड़की में एक बहुत अच्छे प्रतीत होने वाले पनीर के पिण्ड को देख कर स्पर्जन उसकी और आकर्षित हुए और उसे टटोलने लगे। उन्होंने अपनी छड़ी से उसपर हलके से थपकी दी, और आश्चर्यजनक रूप से उस पनीर का पिण्ड में से धातु के बने खोखले बर्तन की खनखनाहट सुनाई दी - वह केवल दिखाने मात्र को खिड़की में रखा धातु से बना पनीर के पिण्ड का नमूना था, वास्तविक पनीर का पिण्ड नहीं। स्पर्जन ने बाद में इस घटना का उल्लेख करते हुए कहा, "मेरा निष्कर्ष था कि मैंने एक बहुत आकर्षक और असली दिखने वाले ढोंगी से मुलाकात करी।"

लोग ऐसे ही हो सकते हैं - जैसे वे प्रतीत होते हैं वैसे वे होते नहीं हैं। बहुत से अपने आप को मसीही विश्वासी तो कहते हैं और रविवार की प्रातः सभाओं में वे बहुत आकर्षक भी दिखते हैं, लेकिन परखे जाने पर उन में से खोखलेपन की ध्वनि आती है। कोई व्यक्ति असली विश्वास से बिलकुल परे होकर भी संसार के सामने मसीही विश्वासी होने का ढोंग तो कर सकता है, लेकिन जैसे ही प्रलोभन अथवा आत्मिक ज़िम्मेदारी से आप उसे परखेंगे, उस के विश्वास का खोखलपन और जीवन का ढोंग प्रकट हो जाएगा। जो आत्मिकता उसमें प्रतीत होती थी वह केवल दिखाने की थी निभाने की नहीं।

लेकिन ऐसा तिमुथियुस के साथ नहीं था। उसका विश्वास खरा और वास्तविक था - इतना असली कि उसके बारे में सोचने भर से ही पौलुस आनन्द से भर गया। तिमुथियुस का हृदय भी अपने लिए लिखी गई पौलुस की पत्री को पढ़ कर संतुष्टि तथा आनन्द से भर गया होगा।

हमें भी अपने विश्वास की खराई को लगातार जाँचते रहना चाहिए कि कहीं उसमें संसार की बातों की मिलावट तो नहीं होती जा रही? क्या जिस विश्वास का हम दावा करते हैं, वह परमेश्वर के जाँचे जाने पर उसके सामने खरा निकलेगा? - पौल वैन गोर्डर


बहुत से लोग मसीह को केवल अपना स्वरूप देते हैं, मन नहीं।

मुझे तेरे उस निष्‍कपट विश्वास की सुधि आती है, जो पहिले तेरी नानी लोइस, और तेरी माता यूनीके में था, और मुझे निश्‍चय हुआ है, कि तुझ में भी है। - २ तिमुथियुस १:५


बाइबल पाठ: २ तिमुथियुस १:१-५

2Ti 1:1 पौलुस की ओर से जो उस जीवन की प्रतिज्ञा के अनुसार जो मसीह यीशु में है, परमेश्वर की इच्‍छा से मसीह यीशु का प्रेरित है।
2Ti 1:2 प्रिय पुत्र तीमुथियुस के नाम। परमेश्वर पिता और हमारे प्रभु मसीह यीशु की ओर से तुझे अनुग्रह और दया और शान्‍ति मिलती रहे।
2Ti 1:3 जिस परमेश्वर की सेवा मैं अपने बापदादों की रीति पर शुद्ध विवेक से करता हूं, उसका धन्यवाद हो कि अपनी प्रार्थनाओं में तुझे लगातार स्मरण करता हूं।
2Ti 1:4 और तेरे आंसुओं की सुधि कर करके रात दिन तुझ से भेंट करने की लालसा रखता हूं कि आनन्‍द से भर जाऊं।
2Ti 1:5 और मुझे तेरे उस निष्‍कपट विश्वास की सुधि आती है, जो पहिले तेरी नानी लोइस, और तेरी माता यूनीके में था, और मुझे निश्‍चय हुआ है, कि तुझ में भी है।

एक साल में बाइबल:
  • भजन ३७-३९
  • प्रेरितों २६

रविवार, 24 जुलाई 2011

भिन्न मापदण्ड

लोगों को नापने के मापदण्ड में परमेश्वर और संसार में बहुत फर्क है। संसार लोगों को उनकी दौलत, शोहरत और रुतबे के अनुसार नापता है, चाहे उन का नैतिक और आत्मिक स्तर कैसा भी हो। इसकी तुलना में परमेश्वर मनुष्य में दीनता, नम्रता, खराई, निस्वार्थ होना आदि गुण देखता है।

कई बार हम लोगों को गलत समझते हैं क्योंकि हम उनके हृदयों की दशा से अनभिज्ञ होते हैं। यहूदी लोग, अपने समाज में शास्त्रियों को बड़े आदर का स्थान देते थे क्योंकि वे शास्त्री बिना कोई मेहनताना लिए, अपने हाथों से, परमेश्वर के वचन की प्रतिलिपियाँ बनाया करते थे। इस कार्य को करने के कारण लोग उन्हें बड़ा धार्मिक मानते थे। लेकिन प्रभु यीशु उनके मन की वास्तविकता पहचानते थे। उन्हें पता था कि ये शास्त्री समाज में हर जगह अपने आदर्णीय पद का अनुचित लाभ उठाकर अपने स्वार्थसिद्धी के प्रयत्न में रत रहते थे। प्रभु ने मन्दिर में आने वाली एक कंगाल विध्वा के मन की खराई भी देखी, जिसने दो दमड़ी - जो उसका सर्वस्व था, मन्दिर के भंडार में डाल दी, लेकिन किसी मनुष्य ने उसके इस महान त्याग को नहीं पहचाना।

जब हम अपने नापने के स्तर बनाएं और लोगों को उनके अनुसार नापना आरंभ करें तो ध्यान रखें कि परमेश्वर बाहरी स्वरूप को नहीं हृदयों को देखता है। वह हमें भी हमारे हृदय की दशा कि अनुसार ही आँकेगा, संसार के स्तर अथवा मापदण्ड के अनुसार नहीं। उसका प्रतिफल उसके अपने मापदण्ड के अनुसार होगा, हमारे या संसार के मापदण्ड अथवा सिफारिश के अनुसार नहीं।

यदि हम अपने जीवन में परमेश्वर के पवित्र आत्मा की शिक्षाओं के प्रति संवेदनशील रहेंगे, और उसी पर निर्भर होकर, उसी के मार्ग दर्शन में होकर चलेंगे, तो वह हमारे अन्दर एक ऐसा जीवन उत्पन्न करेगा जो परमेश्वर के मापदण्ड पर खरा होगा और अनन्त काल के लिए भले प्रतिफलों से भरा होगा।

यदि हमारे जीवनों में मसीही जीवन का बिगड़ा हुआ स्वरूप है, तो हम ने संसार को अपना जीवन प्रभावित करने दिया है।

...यहोवा का देखना मनुष्य का सा नहीं है? मनुष्य तो बाहर का रूप देखता है, परन्तु यहोवा की दृष्टि मन पर रहती है। - १ शमूएल १६:७


बाइबल पाठ: लूका २०:४५-२१:४

Luk 20:45 जब सब लोग सुन रहे थे, तो उस ने अपके चेलों से कहा।
Luk 20:46 शास्‍त्रियों से चौकस रहो, जिन को लम्बे लम्बे वस्‍त्र पहिने हुए फिरना भाता है, और जिन्‍हें बाजारों में नमस्‍कार, और सभाओं में मुख्य आसन और जेवनारों में मुख्य स्थान प्रिय लगते हैं।
Luk 20:47 वे विधवाओं के घर खा जाते हैं, और दिखाने के लिये बड़ी देर तक प्रार्थना करते रहते हैं: वे बहुत ही दण्‍ड पाएंगे।
Luk 21:1 फिर उस ने आंख उठा कर धनवानों को अपना अपना दान भण्‍डार में डालते देखा।
Luk 21:2 और उस ने एक कंगाल विधवा को भी उस में दो दमडिय़ां डालते देखा।
Luk 21:3 तब उस ने कहा मैं तुम से सच कहता हूं कि इस कंगाल विधवा ने सब से बढ़ कर डाला है।
Luk 21:4 क्‍योंकि उन सब ने अपनी बढ़ती में से दान में कुछ डाला है, परन्‍तु इस ने अपनी घटी में से अपनी सारी जीविका डाल दी है।

एक साल में बाइबल:
  • भजन ३५-३६
  • प्रेरितों २५

शनिवार, 23 जुलाई 2011

काफी नहीं

हास्यकार सैम लेविन्सन ने एक ड्राईवर की कहानी सुनाई जिसने एक खड़ी हुई गाड़ी के शीशे पर कागज़ की एक पर्ची लगाई जिस पर लिखा था, "मैं अभी आपकी गाड़ी से टकराया हूँ। जिन लोगों ने मेरे द्वार हुए इस टक्कर को होते देखा, वे मुझे देख रहे हैं। उन्हें लग रहा है कि मैं इस पर्ची पर लिखकर माफी माँग रहा हूँ और अपना नाम तथा पता लिख रहा हूँ। जी नहीं, न मैं ऐसा कर रहा हूँ और न ही ऐसा करने का मेरा कोई इरादा है।"

बाइबल के पुराने नियम में यर्मियाह भविष्यद्वक्ता की पुस्तक के ३ अध्याय में भी एक ऐसे ही कपट का उल्लेख है - यहूदा के लोगों ने परमेश्वर की ओर लौट आने का दिखावा तो किया किंतु उनके मन परमेश्वर से दूर ही रहे। उन्होंने परमेश्वर को "पिता" कह कर तो बुलाया, किंतु साथ ही जो भी बुराई वे कर सकते थे, उसे वे करते रहे (पद ४, ५)।

मैं स्वयं अपने जीवन में परमेश्वर के सामने सच्चाई और खराई से खड़े हो पाने की समस्या से बड़ी किसी और समस्या को नहीं आँक पाता, उस परमेश्वर के सामने जिस ने अपने आप को मेरे लिए प्रभु यीशु में होकर इतना दीन और नम्र किया है तथा इतना सहज, वास्तविक और इतना उपलब्ध बना दिया है। मसीह यीशु के विष्य में यह कहना, "हाँ, वह मेरा प्रभु और उद्धारकर्ता है; वह मेरे पापों के लिए मरा और मेरी आरधना तथा सेवा का हकदार है" बहुत आसान है, किंतु अपने इस अंगीकार को निभाना, विशेष कर तब जब कोई हमें देख न रहा हो, आसान नहीं है। जब हमारे लाभ के लिए आवश्यक हो तो लोगों के सामने प्रभु के विष्य में सही बातें बोलना और विश्वास के दावे करना तो सहज है, परन्तु परमेश्वर के साथ हमारे दिल की गहराईयों में और जीवन में हमारी इच्छाओं तथा महत्वकांक्षाओं के निर्वाह में हमारा संबंध कैसा है? हमारे अन्दर की सच्चाई सदा ही हमारे बाहर से लोगों को दिखने वाले स्वरूप के अनुसार नहीं होती।

हम स्वयं अपने आप को धोखा देना छोड़ दें। संसार के लोगों की आँखों में आँखें डाल कर कह देना भर काफी नहीं है; क्या अपने जीवन और समर्पण के विष्य में हम परमेश्वर की आँखों में आँखें डालकर, बिना किसी शर्मिंदगी का एहसास किये उसके लिए अपने अंगीकार को दोहरा सकते हैं? - मार्ट डी हॉन


जैसा हमें होना चाहिए, उसके लिए जितनी अधिक मेहनत हम करेंगे, उतना ही कम प्रयास हमें अपनी वास्तविकता को छुपाने के लिए करना पड़ेगा।

इतने पर भी उसकी विश्वासघाती बहिन यहूदा पूर्ण मन से मेरी ओर नहीं फिरी, परन्तु कपट से, यहोवा की यही वाणी है। - यर्मियाह ३:१०


बाइबल पाठ: यर्मियाह ३:४-१०

Jer 3:4 क्या तू अब मुझे पुकार कर कहेगी, हे मेरे पिता, तू ही मेरी जवानी का साथी है?
Jer 3:5 क्या वह मन में सदा क्रोध रखे रहेगा? क्या वह उसको सदा बनाए रहेगा? तू ने ऐसा कहा तो है, परन्तु तू ने बुरे काम प्रबलता के साथ किए हैं।
Jer 3:6 फिर योशिय्याह राजा के दिनों में यहोवा ने मुझ से यह भी कहा, क्या तू ने देखा कि भटकने वाली इस्राएल ने क्या किया है? उस ने सब ऊंचे पहाड़ों पर और सब हरे पेड़ों के तले जा जाकर व्यभिचार किया है।
Jer 3:7 तब मैं ने सोचा, जब ये सब काम वह कर चुके तब मेरी ओर फिरेगी; परन्तु वह न फिरी, और उसकी विश्वासघाती बहिन यहूदा ने यह देखा।
Jer 3:8 फिर मैं ने देखा, जब मैं ने भटकने वाली इस्राएल को उसके व्यभिचार करने के कारण त्याग कर उसे त्यागपत्र दे दिया तौभी उसकी विश्वासघाती बहिन यहूदा न डरी, वरन जाकर वह भी व्यभिचारिणी बन गई।
Jer 3:9 उसके निर्लज्ज-व्यभिचारिणी होने के कारण देश भी अशुद्ध हो गया, उस ने पत्थर और काठ के साथ भी व्यभिचार किया।
Jer 3:10 इतने पर भी उसकी विश्वासघाती बहिन यहूदा पूर्ण मन से मेरी ओर नहीं फिरी, परन्तु कपट से, यहोवा की यही वाणी है।

एक साल में बाइबल:
  • भजन ३३-३४
  • प्रेरितों २४

शुक्रवार, 22 जुलाई 2011

कहा सो करा

जुआ खेलने की लत से चाहे हम दूर हों परन्तु जुआ खेलने की प्रवृति से कोई भी अनजान नहीं है। जुए के कई रूप हो सकते हैं और इन से छेड़-छाड़ से हमें रोमांच और उत्तेजना मिल सकती है, लेकिन हर प्रकार के जुए में सदा ही जीतने से कहीं अधिक हार की संभावनाएं निहित रहती हैं। एक अनुमान के अनुसार ६० लाख से अधिक अमेरीकी मानसिक तौर से जुए की लत के शिकार हैं। प्रतिदिन वे थोड़े समय की उत्तेजना और रोमांच के लिए अपना सब कुछ दांव पर लगाने से नहीं हिचकिचाते।

कुछ मसीही विश्वासियों को इसी प्रकार की समस्या है - आत्मिक जुआ खेलने की प्रवृति। वे परमेश्वर द्वारा पाप और अनैतिक व्यवहार के लिए करी गई उसके न्याय की भविष्यवाणी के विरुद्ध दांव लगाते हैं। उन्हें लगता है कि वे संसार के साथ समझौते और सांसारिक बातों तथा व्यवहार का भी आनन्द ले सकते हैं तथा अपने आत्मिक जीवन की आशीषों को भी बनाए रख सकते हैं।

हम जानते हैं कि भाग्य जैसा कुछ नहीं होता, जो है वह परमेश्वर की इच्छा है - अगर परमेश्वर की इच्छा में बने रहेंगे तो भलाई और आशीषें पाएंगे अन्यथा परशानियाँ और मुसीबतें; लेकिन फिर भी हम पाप से आनन्द लेने में बाज़ नहीं आते। खतरा मोल लेने के रोमांच के वशीभूत हम परमेश्वर के नियमों के विरुद्ध दांव लगा कर हम उस से जीत सकने की आशा बनाए रखते हैं।

परमेश्वर ने कभी हमें किसी प्रकार के कोई सन्देह का स्थान नहीं दिया है कि उसका वचन पूरा होगा कि नहीं - यह संभावना नहीं अवश्यंभावी है। इसमें सन्देह का कोई स्थान नहीं कि जो कुछ परमेश्वर ने कहा है, वह ठीक वैसे ही पूरा भी होगा। इसलिए परमेश्वर के वचन के विपरीत अपनी समझ, बुद्धि, ज्ञान तथा प्रतिभा पर भरोसा रखना मूर्खता है।

पाप के क्षणिक आनन्द की संभावन के लिए दांव लगाने की बजाए हमें परमेश्वर के विश्वास योग्य वचन पर सम्पूर्ण भरोसा रखना चाहिए जिससे अनन्तकाल की आशीषें हमारे साथ बनी रहें, क्योंकि परमेश्वर का गुण है कि जो वह कहता है, वही करता भी है। - मार्ट डी हॉन


संसार का इतिहास गवाह कि परमेश्वर ने जो भी कहा है, वह किया भी है।

मैं जगत के लोगों को उनकी बुराई के कारण, और दुष्टों को उनके अधर्म का दण्ड दूंगा; मैं अभिमानियों के अभिमान को नाश करूंगा और उपद्रव करने वालों के घमण्ड को तोडूंगा। - यशायाह १३:११


बाइबल पाठ: यशायाह १३

Isa 13:1 बाबुल के विषय की भारी भविष्यवाणी जिसको आमोस के पुत्र यशायाह ने दर्शन में पाया।
Isa 13:2 मुंड़े पहाड़ पर एक झंडा खड़ा करो, हाथ से सैन करो और उन से ऊंचे स्वर से पुकारो कि वे सरदारों के फाटकों में प्रवेश करें।
Isa 13:3 मैं ने स्वयं अपने पवित्र किए हुओं को आज्ञा दी है, मैं ने अपने क्रोध के लिये अपने वीरों को बुलाया है जो मेरे प्रताप के कारण प्रसन्न हैं।
Isa 13:4 पहाड़ों पर एक बड़ी भीड़ का सा कोलाहल हो रहा है, मानो एक बड़ी फौज की हलचल हों। राज्य राजय की इकट्ठी की हुई जातियां हलचल मचा रही हैं। सेनाओं का यहोवा युद्ध के लिये अपनी सेना इकट्ठी कर रहा है।
Isa 13:5 वे दूर देश से, आकाश के छोर से आए हैं, हाँ, यहोवा अपने क्रोध के हथियारों समेत सारे देश को नाश करने के लिये आया है।
Isa 13:6 हाय-हाय करो, क्योंकि यहोवा का दिन समीप है; वह सर्वशक्तिमान की ओर से मानो सत्यानाश करने के लिये आता है।
Isa 13:7 इस कारण सब के हाथ ढ़ीले पड़ेंगे, और हर एक मनुष्य का हृदय पिघल जाएगा,
Isa 13:8 और वे घबरा जाएगें। उनको पीड़ा और शोक होगा; उनको जच्चा की सी पीड़ाएं उठेंगी। वे चकित होकर एक दूसरे को ताकेंगे, उनके मुंह जल जायेंगे।
Isa 13:9 देखो, यहोवा का वह दिन रोष और क्रोध और निर्दयता के साथ आता है कि वह पृथ्वी को उजाड़ डाले और पापियों को उस में से नाश करे।
Isa 13:10 क्योंकि आकाश के तारागण और बड़े बड़े नक्षत्र अपना प्रकाश न देंगे, और सूर्य उदय होते होते अन्धेरा हो जाएगा, और चन्द्रमा अपना प्रकाश न देगा।
Isa 13:11 मैं जगत के लोगों को उनकी बुराई के कारण, और दुष्टों को उनके अधर्म का दण्ड दूंगा; मैं अभिमानियों के अभिमान को नाश करूंगा और उपद्रव करने वालों के घमण्ड को तोडूंगा।
Isa 13:12 मैं मनुष्य को कुन्दन से, और आदमी को ओपीर के सोने से भी अधिक महंगा करूंगा।
Isa 13:13 इसलिये मैं आकाश को कंपाऊंगा, और पृथ्वी अपने स्थान से टल जाएगी, यह सेनाओं के यहोवा के रोष के कारण और उसके भड़के हुए क्रोध के दिन होगा।
Isa 13:14 और वे खदेड़े हुए हरिण, वा बिन चरवाहे की भेड़ों की नाईं अपने अपने लोगों की ओर फिरेंगे, और अपने अपने देश को भाग जाएंगे।
Isa 13:15 जो कोई मिले सो बेधा जाएगा, और जो कोई पकड़ा जाए, वह तलवार से मार डाला जाएगा।
Isa 13:16 उनके बाल-बच्चे उनके साम्हने पटक दिए जाएंगे और उनके घर लूटे जाएंगे, और उनकी स्त्रियां भ्रष्ट की जाएंगी।
Isa 13:17 देखो, मैं उनके विरूद्ध मादी लोगों को उभारूंगा जो न तो चान्दी का कुछ विचार करेंगे और न सोने का लालच करेंगे।
Isa 13:18 वे तीरों से जवानों को मारेंगे, और बच्चों पर कुछ दया न करेंगे, वे लड़कों पर कुछ तरस न खाएंगे।
Isa 13:19 और बाबुल जो सब राज्यों का शिरोमणि है, और जिस की शोभा पर कसदी लोग फूलते हैं, वह ऐसा हो जाएगा जैसे सदोम और अमोरा, जब परमेश्वर ने उन्हें उलट दिया था।
Isa 13:20 वह फिर कभी न बसेगा और युग युग उस में कोई वास न करेगा; अरबी लोग भी उस में डेरा खड़ा न करेंगे, और न चरवाहे उस में अपने पशु बैठाएंगे।
Isa 13:21 वहां जंगली जन्तु बैठेंगे, और उल्लू उन के घरों में भरे रहेंगे; वहां शुतुर्मुर्ग बसेंगे, और छगलमानस वहां नाचेंगे। उस नगर के राज-भवनों में हुंडार,
Isa 13:22 और उसके सुख-विलास के मन्दिरों में गीदड़ बोला करेंगे; उसके नाश होने का समय निकट आ गया है, और उसके दिन अब बहुत नहीं रहे।

एक साल में बाइबल:
  • भजन ३१-३२०
  • प्रेरितों २३:१६-३५

गुरुवार, 21 जुलाई 2011

बोया सो काटोगे

लेखक तथा कैदख़ानों की दशा में सुधार में लगे सामजिक कार्यकर्ता चार्ल्स कोल्सन ने अन्य देशों के लिए जासूसी करने में लगे अमेरीकियों की संख्या में आक्समत वृद्धि से संबंधित एक चर्चा के दौरान कहा कि जो अमेरिका ने बोया है अब वह उसी की कटनी काट रहा है। मध्य बीसवीं शताब्दी के बाद अपने विज्ञान और आर्थिक समृद्धि के नशे में अधिकांश अमेरीकी नागरिकों ने परमेश्वर की मौजूदगी तथा महत्व को त्याग दिया। ना केवल उन्होंने परमेश्वर के अस्तित्व का इन्कार किया वरन उसके द्वारा स्थापित नैतिक मान्दण्डों को भी मानने से इन्कार कर दिया। उनका कहना था कि वे स्वयं निर्धारित करेंगे कि क्या सही है और क्या गलत। इसके लिए उन्हें किसी अन्य से कुछ सीखने की आवश्यक्ता नहीं है। उनके लिए देशभक्ति, कर्तव्य, वफादारी, भक्ति आदि व्यर्थ बातें हैं जो उनके परिहास का विष्य बनीं। लेकिन आज अमेरीका उनके द्वारा लिए गए निर्ण्यों का कटु प्रतिफल भोग रहा है - अनगिनित गर्भपात, तलाक और टूटे हुए घर-परिवार, परसपर अविश्वास तथा समाज में बढ़ती हुई हिंसा, युवकों में बढ़ती हुई नशे की लत और आत्म हत्याएं आदि सब एक बिखरे, अस्थिर और परमेश्वर विहीन समाज को दिखा रहे हैं जो अपनी दिशा खो चुका है और अनैतिकता की ढाल पर अपने विनाश की ओर तेज़ी से लुढ़कता जा रहा है - क्योंकि उन्होंने अपने बाप-दादों के परमेश्वर और उसके नियमों तथा अपने देश की स्थापना और संविधान बाइबल के आधार को त्याग कर अपना मार्ग और अपने नियम स्वयं तय करने का निर्णय लिया।

बाइबल के पुराने नियम की एक छोटी सी पुस्तक - ओबाद्याह, जिसमें केवल एक ही अध्याय है, में परमेश्वर ने ओबाद्याह भविष्यद्वक्ता द्वारा एदोम के निवासियों को चेतावनी दी - जो बोया है वही काटोगे। उन के शराब और राग रंग के भोज मनाए जाने, उन के घमंड तथा अत्याचार के कारण परमेश्वर ने उन्हें चिताया कि शीघ्र ही उसका न्याय उन पर पड़ने वाला है और फिर वे नशे की नहीं वरन परमेश्वर के प्रकोप की मदिरा पीएंगे। यह भविष्यवाणी थोड़े ही समय बाद पूरी हुई जब एदोम अन्य जातियों से युद्ध में सदा के लिए विनाश में चला गया।

बोने और काटने के मूल सिद्धांत को हमें कभी भूलना नहीं चाहिए। जब हम परमेश्वर की दृष्टि में भला करते हैं तो परमेश्वर से आशीष पाते हैं, और जब वह करते हैं जो उसकी दृष्टि में बुरा है तो उसके न्याय का सामना करते हैं। परमेश्वर का यह सिद्धांत समस्त संसार के जीवन के ताने-बाने में बुना हुआ है। बाइबल के परमेश्वर और उसके नियमों को मानने या ना मानने से यह सिद्धांत किसी के लिए बदलता नहीं, सदा समान रूप से कार्यकारी रहता है; और न केवल व्यक्तियों वरन राष्ट्रों पर भी समान रूप से लागू होता है। परमेश्वर और उसके नियमों का परित्याग करना एवं इस मूल सिद्धांत की अवहेलना करना, अपने ही हाथों अपनी मुसीबत को दावत देना है।

इसे चाहे भविष्य के न्याय की चेतावनी समझें अथवा आती भलाई का वायदा - जैसा बोएंगे वैसा ही काटेंगे। - हर्ब वैण्डर लुग्ट


जो कांटे बोते हैं उन्हें फूल चुनने की उम्मीद नहीं रखनी चाहिए।

क्योंकि सारी अन्य जातियों पर यहोवा के दिन का आना निकट है। जैसा तू ने किया है, वैसा ही तुझ से भी किया जाएगा, तेरा व्यवहार लौट कर तेरे ही सिर पर पड़ेगा। - ओबाद्याह १:१५


बाइबल पाठ: ओबाद्याह

Oba 1:1 ओबद्याह का दर्शन। हम लोगों ने यहोवा की ओर से समाचार सुना है, और एक दूत अन्य जातियों में यह कहने को भेजा गया है:
Oba 1:2 उठो! हम उस से लड़ने को उठें! मैं तुझे जातियों में छोटा कर दूंगा, तू बहुत तुच्छ गिना जाएगा।
Oba 1:3 हे पहाड़ों की दरारों में बसने वाले, हे ऊंचे स्थान में रहने वाले, तेरे अभिमान ने तुझे धोखा दिया है; तू मन में कहता है,
Oba 1:4 कौन मुझे भूमि पर उतार देगा? परन्तु चाहे तू उकाब की नाईं ऊंचा उड़ता हो, वरन तारागण के बीच अपना घोंसला बनाए हो, तौभी मैं तुझे वहां से नीचे गिराऊंगा, यहोवा की यही वाणी है।
Oba 1:5 यदि चोर-डाकू रात को तेरे पास आते, (हाय, तू कैसे मिटा दिया गया है!) तो क्या वे चुराए हुए धन से तृप्त होकर चले न जाते? और यदि दाख के तोड़ने वाले तेरे पास आते, तो क्या वे कहीं कहीं दाख न छोड़ जाते?
Oba 1:6 परन्तु एसाव का धन कैसे खोज कर लूटा गया है, उसका गुप्त धन कैसे पता लगा लगा कर निकाला गया है!
Oba 1:7 जितनों ने तुझ से वाचा बान्धी थी, उन सभों ने तुझे सिवाने तक ढकेल दिया है; जो लोग तुझ से मेल रखते थे, वे तुझ को धोखा देकर तुझ पर प्रबल हुए हैं, वे तेरी रोटी खाते हैं, वे तेरे लिये फन्दा लगाते हैं-- उस में कुछ समझ नहीं है।
Oba 1:8 यहोवा की यह वाणी है, क्या मैं उस समय एदोम में से बुद्धिमानों को, और एसाव के पहाड़ में से चतुराई को नाश न करूंगा?
Oba 1:9 और हे तेमान, तेरे शूरवीरों का मन कच्चा न हो जाएगा, और यों एसाव के पहाड़ पर का हर एक पुरूष घात होकर नाश हो जाएगा।
Oba 1:10 हे एसाव, एक उपद्रव के कारण जो तू ने अपने भाई याकूब पर किया, तू लज्जा से ढंपेगा और सदा के लिये नाश हो जाएगा।
Oba 1:11 जिस दिन परदेशी लोग उसकी धन सम्पत्ति छीनकर ले गए, और बिराने लोगों ने उसके फाटकों से घुस कर यरूशलेम पर चिट्ठी डाली, उस दिन तू भी उन में से एक था।
Oba 1:12 परन्तु तुझे उचित न था कि तू अपने भाई के दिन में, अर्थात उसकी विपत्ति के दिन में उसकी ओर देखता रहता, और यहूदियों के नाश होने के दिन उनके ऊपर आनन्द करता, और उनके संकट के दिन बड़ा बोल बोलता।
Oba 1:13 तुझे उचित न था कि मेरी प्रजा की विपत्ति के दिन तू उसके फाटक से घुसता, और उसकी विपत्ति के दिन उसकी धन सम्पत्ति पर हाथ लगाता।
Oba 1:14 तुझे उचित न था कि तिरमुहाने पर उसके भागने वालों को मार डालने के लिये खड़ा होता, और संकट के दिन उसके बचे हुओं को पकड़ाता।
Oba 1:15 क्योंकि सारी अन्य जातियों पर यहोवा के दिन का आना निकट है। जैसा तू ने किया है, वैसा ही तुझ से भी किया जाएगा, तेरा व्यवहार लौट कर तेरे ही सिर पर पड़ेगा।
Oba 1:16 जिस प्रकार तू ने मेरे पवित्र पर्वत पर पिया, उसी प्रकार से सारी अन्य जातियां लगातार पीती रहेंगी, वरन वे सुड़क-सुड़क कर पीएंगी, और एसी हो जाएंगी जैसी कभी हुई ही नहीं।
Oba 1:17 परन्तु उस समय सिय्योन पर्वत पर बचे हुए लोग रहेंगे, ओर वह पवित्रस्थान ठहरेगा और याकूब का घराना अपने निज भागों का अधिकारी होगा।
Oba 1:18 तब याकूब का घराना आग, और यूसुफ का घराना लौ, और एसाव का घराना खूंटी बनेगा और वे उन में आग लगा कर उन को भस्म करेंगे, और एसाव के घराने का कोई न बचेगा; क्योंकि यहोवा ही ने ऐसा कहा है।
Oba 1:19 दक्खिन देश के लोग एसाव के पहाड़ के अधिकारी हो जाएंगे, और नीचे के देश के लोग पलिश्तियों के अधिकारी होंगे और यहूदी, एप्रैम और समरिया के देहात को अपने भाग में कर लेंगे, और बिन्यामीन गिलाद का अधिकारी होगा।
Oba 1:20 इस्राएलियों के उस दल में से जो लोग बंधुआई में जा कर कनानियों के बीच सारपत तक रहते हैं, और यरूशलेमियों में से जो लोग बंधुआई में जाकर सपाराद में रहते हैं, वे सब दक्खिन देश के नगरों के अधिकारी हो जाएंगे।
Oba 1:21 और उद्धार करने वाले एसाव के पहाड़ का न्याय करने के लिये सिय्योन पर्वत पर चढ़ आएंगे, और राज्य यहोवा ही का हो जाएगा।

एक साल में बाइबल:
  • भजन २९-३०
  • प्रेरितों २३:१-१५

बुधवार, 20 जुलाई 2011

नैतिक खराई

आप का क्या विचार है? क्या आप एक ऐसे व्यक्ति को भला मानेंगे जो किसी बेगुनाह की निर्मम हत्या होती देख कर न तो विचिलित हो और ना ही हत्यारे को दण्ड दिलाने के लिए कोई सहयोग करे? क्या आप एक ऐसी सरकार और सामाजिक पद्वति को भला मानेंगे जो प्रत्येक को उसकी मन मर्ज़ी करने की स्वतंत्रता देती है परन्तु किसी को किसी बात के लिए जवाबदेह नहीं मानती, चाहे उनके कारण औरों का कैसा भी और कितना ही नुकसान क्यों न हो रहा हो? शायद ही कोई होगा जो समाज के प्रति व्यक्ति की ज़िम्मेदारी, व्यवहार और जवाबदेही को गलत या अनुचित मानता हो और इस जवाबदेही को निभाने का अंकुश रखने वाले सामाजिक अधिकारियों द्वारा अपने कर्तव्य पालन को भी अनुचित और गलत मानता हो। क्या न्याय और प्रेम परस्पर विरोधी हैं? क्या एक सच्चा और खरा न्यायी, किसी से प्रेम नहीं कर सकता?

व्यक्तिगत रीति से मुझे ऐसे परमेश्वर पर विश्वास करने में परेशानी होगी जो न तो पाप से क्रोधित होता हो और ना ही उसके लिए किसी को कोई दण्ड देता हो।

पिछली सदी के विख्यात दार्शनिक बर्टरैण्ड रसल नरक के बारे में प्रभु यीशु की शिक्षाओं को पढ़ने से नास्तिक हो गए। वे ऐसा परमेश्वर चाहते थे जो कभी क्रोधित नहीं होता और ना ही किसी को दण्डित करता हो। आज का बाइबल पाठ बर्टरैण्ड रसल को कभी रास नहीं आता क्योंकि उस में परमेश्वर के उग्र और न्यायी रूप को दर्शाया गया है।

परमेश्वर ने हमें स्वेच्छा और स्वतंत्रता दी है, लेकिन साथ ही स्वतंत्रता को सही रीति से उपयोग में लाने के लिए अपने नियम भी दिए हैं जिनका पालन वह हमसे चाहता है। जब उसकी अनाज्ञाकारिता होती है और स्वतंत्रता का अनुचित प्रयोग होता है तो वह दण्ड से पहले चेतावनी भी देता है। परमेश्वर खरा और सच्चा न्यायी है, अपने द्वारा दी गई स्वतंत्रता के उपयोग के लिए वह जवाबदेही भी मांगता है।

नहूम के दिनों में निनेनवेह के लोग बहुत क्रूर और निष्ठुर थे तथा दूसरों पर भयानक अत्याचार ढाते थे। नहूम भविष्यद्वक्ता द्वारा परमेश्वर ने अपनी प्रजा इस्त्राएल को आशावासन दिलाया कि वह निनेनवह के लोगों की क्रूरता और निर्मम व्यवहार से परिचित है, उससे क्रोधित है और उनका न्याय करेगा तथा उचित दण्ड देगा।

मैं धन्यवादी हूँ कि मेरा परमेश्वर ऐसी खराई और न्याय के प्रति दृढ़ निश्चय रखता है। उसका यह गुण मुझे विश्वास दिलाता है कि मैं उस पर भरोसा रख सकता हूँ कि वह अपने सब वायदे पूरे करेगा और हर अन्याय का हिसाब लेगा तथा कोई अन्यायी उसके न्याय से कभी भी बचा नहीं रहे सकेगा। - हर्ब वौण्डर लुग्ट


परमेश्वर का न्याय चाहे तुरन्त न हो लेकिन अवश्यंभावी है।

यहोवा जल उठने वाला और बदला लेने वाला ईश्वर है; यहोवा बदला लेने वाला और जलजलाहट करने वाला है; यहोवा अपने द्रोहियों से बदला लेता है, और अपने शत्रुओं का पाप नहीं भूलता। - नहूम १:२

यहोवा भला है; संकट के दिन में वह दृढ़ गढ़ ठहरता है, और अपने शरणागतों की सुधी रखता है। - नहूं १:७

बाइबल पाठ: नहूम १:१-१५

Nah 1:1 नीनवे के विषय में भारी वचन। एल्कोशी नहूम के दर्शन की पुस्तक।
Nah 1:2 यहोवा जल उठने वाला और बदला लेने वाला ईश्वर है; यहोवा बदला लेने वाला और जलजलाहट करने वाला है; यहोवा अपने द्रोहियों से बदला लेता है, और अपने शत्रुओं का पाप नहीं भूलता।
Nah 1:3 यहोवा विलम्ब से क्रोध करने वाला और बड़ा शक्तिमान है; वह दोषी को किसी प्रकार निर्दोष न ठहराएगा। यहोवा बवंडर और आंधी में होकर चलता है, और बादल उसके पांवों की धूलि है।
Nah 1:4 उसके घुड़कने से महानद सूख जाते हैं, और समुद्र भी निर्जल हो जाता है, बाशान और कर्म्मैल कुम्हलाते और लबानोन की हरियाली जाती रहती है।
Nah 1:5 उसके स्पर्श से पहाड़ कांप उठते हैं और पहाडिय़ां गल जाती हैं; उसके प्रताप से पृथ्वी वरन सारा संसार अपने सब रहने वालों समेत थरथरा उठता है।
Nah 1:6 उसके क्रोध का साम्हना कौन कर सकता है? और जब उसका क्रोध भड़कता है, तब कौन ठहर सकता है? उसकी जलजलाहट आग की नाईं भड़क जाती है, और चट्टानें उसकी शक्ति से फट फटकर गिरती हैं।
Nah 1:7 यहोवा भला है; संकट के दिन में वह दृढ़ गढ़ ठहरता है, और अपने शरणागतों की सुधी रखता है।
Nah 1:8 परन्तु वह उमड़ती हुई धारा से उसके स्थान का अन्त कर देगा, और अपने शत्रुओं को खदेड़ कर अन्धकार में भगा देगा।
Nah 1:9 तुम यहोवा के विरूद्ध क्या कल्पना कर रहे हो? वह तुम्हारा अन्त कर देगा, विपत्ति दूसरी बार पड़ने न पाएगी।
Nah 1:10 क्योंकि चाहे वे कांटों से उलझे हुए हों, और मदिरा के नशे में चूर भी हों, तौभी वे सूखी खूंटी की नाईं भस्म किए जाएंगे।
Nah 1:11 तुझ में से एक निकला है, जो यहोवा के विरूद्ध कल्पना करता और नीचता की युक्ति बान्धता है।
Nah 1:12 यहोवा यों कहता है, चाहे वे सब प्रकार के सामर्थी हों, और बहुत भी हों, तौभी पूरी रीति से काटे जाएंगे और शून्य हो जाएंगे। मैं ने तुझे दु:ख दिया है, परन्तु फिर न दूंगा।
Nah 1:13 क्योंकि अब मैं उसका जूआ तेरी गर्दन पर से उतार कर तोड़ डालूंगा, और तेरा बन्धन फाड़ डालूंगा।
Nah 1:14 यहोवा ने तेरे विषय में यह आज्ञा दी है कि आगे को तेरा वंश न चले, मैं तेरे देवालयों में से ढली और गढ़ी हुई मूरतों को काट डालूंगा, मैं तेरे लिये कबर खोदूंगा, क्योंकि तू नीच है।
Nah 1:15 देखो, पहाड़ों पर शुभसमाचार का सुनाने वाला और शान्ति का प्रचार करने वाला आ रहा है! अब हे यहूदा, अपने पर्व मान, और अपनी मन्नतें पूरी कर, क्योंकि वह ओछा फिर कभी तेरे बीच में होकर न चलेगा, और पूरी रीति से नाश हुआ है।

एक साल में बाइबल:
  • भजन २६-२८
  • प्रेरितों २२

मंगलवार, 19 जुलाई 2011

परमेश्वर के अन्तिम वचन

बाइबल में मलाकी भविष्यद्वक्ता की पुस्तक पुराने नियम की अन्तिम पुस्तक है और पुराने नियम के अन्तर्गत इसमें लिखित वचन परमेश्वर के इस्त्राएल को दिए अन्तिम वचन हैं। इसके बाद परमेश्वर ४०० साल तब तक खामोश रहा जब तक प्रभु यीशु के आगमन के समय प्रभु के मार्ग बनाने वाले कि लिए न कहा गया: "जंगल में एक पुकारने वाले का शब्‍द हो रहा है, कि प्रभु का मार्ग तैयार करो, उस की सड़कें सीधी करो" (मत्ती ३:३)। मलाकी की पुस्तक में केवल चार अध्याय ही हैं और चौथे अध्याय में केवल ६ पद हैं। इन अन्तिम पदों को पढ़ने से ऐसा प्रतीत होता है कि छठा पद जैसे क्रोध में कहा गया हो, लेकिन वास्तव में यह परमेश्वर के हृदय से निकली प्रेम की चेतावनी है जिसमें वह ’ऐसा न हो’ कह कर अनाज्ञाकारिता के एक स्वाभाविक गंभीर प्रतिफल को टालने का प्रयास कर रहा है।

महान बाइबल शिक्षक और ज्ञाता जी. कैम्पबेल मॉर्गन ने इन पदों की व्याख्या में बताया कि मलाकी के समय से ले कर मसीह यीशु के आगमन तक जब यहूदी धर्मोपदेशक इस खंड को सभा में पढ़ते थे तो वे चौथे पद के बाद छठा पद पढ़ते और फिर पलटकर पाँचवे पद पर आते जिसमें लिखा है, "देखो, यहोवा के उस बड़े और भयानक दिन के आने से पहिले, मैं तुम्हारे पास एलिय्याह नबी को भेजूंगा" (मलाकी ४:५)। अर्थात वे पुराने नियम की अन्तिम पुस्तक के अन्तिम वचन भविष्य की आशा को रखते थे जो इस बात का सूचक था कि छटे पद को वे परमेश्वर द्वारा क्रोध में कहे गए नहीं मानते थे वरन उसके प्रेम की पुकार के रूप में लेते थे; उन्हें परमेश्वर से भविष्य की आशा थी।

नए नियम में भी परमेश्वर के अन्तिम वचन विश्वासियों को भविष्य की आशा बंधाने वाले ही हैं: "जो इन बातों की गवाही देता है, वह यह कहता है, हां शीघ्र आने वाला हूं। आमीन। हे प्रभु यीशु आ। प्रभु यीशु का अनुग्रह पवित्र लोगों के साथ रहे। आमीन" (प्रकाशितवाक्य २२:२०, २१)।

परमेश्वर की प्रजा इस्त्राएल और परमेश्वर के विश्वासियों की मण्डली, दोनो ही से कहे गए परमेश्वर के अन्तिम वचन भविष्य की आशा और शांति के हैं। परमेश्वर के हमारे प्रति प्रेम के कारण उसकी दी गई चेतावानियाँ और हमारे प्रति उसका सहनशील, विलंब से कोप करने वाला स्वभाव तथा उसकी क्षमाशीलता के अनुग्रह, यह सब हमें प्रेरित करते हैं कि उस भविष्य की महिमामयी आशा पर अपनी नज़रें टिकाए हुए हम उसकी निकटता एवं आज्ञाकारिता में अपने जीवनों को बिताएं। - डेनिस डी हॉन


मसीही विश्वासी का भविष्य परमेश्वर के वायदों के समान दृढ़ और रौशन है।

...ऐसा न हो कि मैं आकर पृथ्वी को सत्यानाश करूं। - मलाकी ४:६


बाइबल पाठ: मलाकी ४:१-६

Mal 4:1 क्योंकि देखो, वह धधकते भट्ठे का सा दिन आता है, जब सब अभिमानी और सब दुराचारी लोग अनाज की खूंटी बन जाएंगे और उस आने वाले दिन में वे ऐसे भस्म हो जाएंगे कि उनका पता तक न रहेगा, सेनाओं के यहोवा का यही वचन है।
Mal 4:2 परन्तु तुम्हारे लिये जो मेरे नाम का भय मानते हो, धर्म का सूर्य उदय होगा, और उसकी किरणों के द्वारा तुम चंगे हो जाओगे और तुम निकल कर पाले हुए बछड़ों की नाई कूदोगे और फांदोगे।
Mal 4:3 तब तुम दुष्टों को लताड़ डालोगे, अर्थात मेरे उस ठहराए हुए दिन में वे तुम्हारे पांवों के नीचे की राख बन जाएंगे, सेनाओं के यहोवा का यही वचन है।
Mal 4:4 मेरे दास मूसा की व्यवस्था अर्थात जो जो विधि और नियम मैं ने सारे इस्रएलियों के लिये उसको होरेब में दिए थे, उनको स्मरण रखो।
Mal 4:5 देखो, यहोवा के उस बड़े और भयानक दिन के आने से पहिले, मैं तुम्हारे पास एलिय्याह नबी को भेजूंगा।
Mal 4:6 और वह माता पिता के मन को उनके पुत्रों की ओर, और पुत्रों के मन को उनके माता-पिता की ओर फेरेगा; ऐसा न हो कि मैं आकर पृथ्वी को सत्यानाश करूं।

एक साल में बाइबल:
  • भजन २३-२५
  • प्रेरितों २१:१८-४०

सोमवार, 18 जुलाई 2011

भविष्यवाणी

परमेश्वर के वचन बाइबल में पुराने नियम के भविष्यद्वक्ताओं जैसे यशायाह, मीका और अन्य ने प्रभु यीशु मसीह के जन्म, जीवन और मृत्यु से संबंधित बहुत सी घटनाएं उनके आगमन से सदियों पहले अपनी भविष्यद्वाणीयों में दर्ज कर दी थीं और प्रभु यीशु के पृथ्वी पर आगमन के बाद वे सभी संपूर्णतः पूरी भी हुईं।

अपनी पुस्तक Science Speaks में लेखक पीटर स्टोनर ने आधुनिक विज्ञान और गणित के किसी बात के संभव होने के सिद्धान्तों (Probability Principles) द्वारा इन भविष्यवाणियों में से केवल आठ का विशलेषण किया। इस विशलेष्ण की व्याख्या उनकी पुस्तक में दी गई है; उनका निष्कर्ष था कि किसी भी व्यक्ति के लिए केवल इन आठ भविष्याणियों को अक्षरक्षः पूरा कर पाने के संभावना होगी १०x१० १७ बार (अर्थात १००,०००,०००,०००,०००,०००) में से केवल एक बार की है। इस गिनती की विशालता और बात की असंभवता को समझाने के लिए स्टोनर ने एक उदाहरण दिया कि यदि हम इतनी ही संख्या के सिक्के लें और उन्हें अमेरिका के दूसरे सबसे बड़े प्रांत - टेक्सस प्रांत पर (जिसकी लंबाई लगभग ७९० मील और चौड़ाई लगभग ७७३ मील तथा जिसका क्षेत्रफल लगभग २६८५८१ वर्ग मील है), क्रमवार बिछा दें तो पूरा प्रांत सिक्कों के दो फुट ऊंचे ढेर से ढक जाएगा। अब यदि इन सभी सिक्कों में से केवल एक पर निशान लगा कर, पूरे ढेर को खंगाल कर, उसे उस ढेर में कहीं मिला दिया जाए और फिर किसी मनुष्य की आंखों पर पट्टी बन्ध कर उस से कहा जाए कि इस सिक्कों के ढेर पर वह चाहे जितना इधर उधर आए-जाए और उसे चाहे जितना खंगाले, और तब बिना आंखों से पट्टी हटाए वह उस एक सिक्के को उठाए जिसपर निशान लगा है, तो जो संभावना उस व्यक्ति के इस कार्य में सफल होने की है, वही संभावना उन भविष्यद्वाक्ताओं की भविष्यवाणीयों के पूरा होने के लिए थी; अर्थात वे भविष्यद्वक्ता, जो एक दूसरे की बातों से अन्जान थे, भविष्यवाणी करें और उनके जीवन के सैंकड़ों साल के बाद एक मनुष्य उन्हें अक्षरक्षः पूरा करे। स्वाभाविक है कि यह किसी मनुष्य द्वारा दी गई भविष्यवाणी के लिए संभव नहीं है, यह केवल तब ही संभव है जब भविष्यवाणी देने और पूरा करवाने वाला परमेश्वर ही हो।

जिस परमेश्वर ने अपने पुत्र के प्रथम आगमन की भविष्यवाणीयाँ अपने भविष्य्द्वक्ताओं द्वारा लिखवाईं थीं, उसी ने उसके दूसरे आगमन और उसके न्याय की भविष्यवाणीयाँ भी लिखवाई हैं। जैसे पहले आगमन से संबंधित सभी भवैष्यवाणियाँ संपूर्णतः पूरी हुई हैं, वैसे ही दूसरे आगमन और न्याय से संबंधित भी पूरी होंगी, और उनके पूरे होने के चिन्ह वर्तमान में दिखाई देने आरंभ हो चुके हैं।

हम आनन्दित और धन्यवादी हों कि परमेश्वर ने अपने पुत्र को पहले संसार का उद्धारकर्ता बना कर भेजा, जिससे जो कोई उस पर विश्वास करे वह पाप में नाश न हो वरन परमेश्वर की धार्मिकता का अनन्त जीवन पाए (युहन्ना ३:१६); और अब अपने पुत्र को फिर से भेजने वाला है कि उसकी धार्मिकता और न्याय का राज्य स्थापित हो और संसार से दुष्टता और पाप का अन्त हो।

बैतलहम का शिशु अब सृष्टि का राजा बन कर आने वाला है और उसका न्याय तथा धार्मिकता का सिंहासन कभी नहीं टलेगा, जैसी उसके विष्य में भविष्यवाणीयाँ सदियों पहले करी गई हैं।

क्या आप उसके इस दूसरे आगमन और न्याय के लिए तैयार हैं? - डेनिस डी हॉन


भविष्यवाणीयाँ समय में पूर्व से लिखा गया इतिहास हैं।

हे बेतलेहेम एप्राता, यदि तू ऐसा छोटा है कि यहूदा के हजारों में गिना नहीं जाता, तौभी तुझ में से मेरे लिये एक पुरूष निकलेगा, जो इस्राएलियों में प्रभुता करने वाला होगा; और उसका निकलना प्राचीन काल से, वरन अनादि काल से होता आया है। - मीका ५:२

बाइबल पाठ: मीका ५:१-५

Mic 5:1 अब हे बहुत दलों की स्वामिनी, दल बान्ध-बान्धकर इकट्ठी हो, क्योंकि उस ने हम लोगों को घेर लिया है; वे इस्राएल के न्यायी के गाल पर सोंटा मारेंगे।
Mic 5:2 हे बेतलेहेम एप्राता, यदि तू ऐसा छोटा है कि यहूदा के हजारों में गिना नहीं जाता, तौभी तुझ में से मेरे लिये एक पुरूष निकलेगा, जो इस्राएलियों में प्रभुता करने वाला होगा; और उसका निकलना प्राचीन काल से, वरन अनादि काल से होता आया है।
Mic 5:3 इस कारण वह उनको उस समय तक त्यागे रहेगा, जब तक जच्चा उत्पन्न न करे; तब इस्राएलियों के पास उसके बचे हुए भाई लौटकर उन से मिल जाएंगे।
Mic 5:4 और वह खड़ा हो कर यहोवा की दी हुई शक्ति से, और अपने परमेश्वर यहोवा के नाम के प्रताप से, उनकी चरवाही करेगा। और वे सुरक्षित रहेंगे, क्योंकि अब वह पृथ्वी की छोर तक महान्‌ ठहरेगा।
Mic 5:5 और वह शान्ति का मूल होगा, जब अश्शूरी हमारे देश पर चढ़ाई करें, और हमारे राजभवनों में पांव धरें, तब हम उनके विरूद्ध सात चरवाहे वरन आठ प्रधान मनुष्य खड़ें करेंगे।

एक साल में बाइबल:
  • भजन २०-२२
  • प्रेरितों २१:१-१७

रविवार, 17 जुलाई 2011

आनन्द का रहस्य

बाइबल के पुराने नियम की एक छोटी सी पुस्तक है हबक्कुक भविष्यद्वक्ता की पुस्तक; इस पुस्तक में केवल तीन अध्याय हैं। इन तीन संक्षिपत अध्यायों में हम भविष्यद्वक्ता में जीवन के प्रति उसके दृष्टिकोण में एक अद्भुत परिवर्तन होते देखते हैं। पुस्तक का आरंभ होता है दुष्टों और दुष्टता को बढ़ते पनपते देखने से भविष्यद्वक्ता की घोर निराशा और परमेश्वर से उठाए जा रहे अपनी निराशा के कारणों से संबंधित प्रश्न से, लेकिन अन्त होता है भविष्यद्वक्ता द्वारा परमेश्वर की आराधना और आनन्द के शिखर पर होने के अनुभव के साथ।

इस अद्भुत परिवर्तन का कारण क्या है? क्यों हबक्कुक ने अपनी निराशा और परमेश्वर के प्रति शिकायत से आरंभ तो किया लेकिन परमेश्वर की आरधना के गीत से अन्त किया? इन प्रश्नों का उत्तर दूसरे अध्याय की तीन पदों में मिलता है। परमेश्वर ने हबक्कुक को ना केवल दुष्टों के होने वाले न्याय के बारे में बताया, दुष्टों की दुष्टता के बावजूद उनके फलते फुलते होने से परेशान भविष्यद्वक्ता को परमेश्वर ने यह भी समझाया कि, "देख, उसका मन फूला हुआ है, उसका मन सीधा नहीं है; परन्तु धर्मी अपने विश्वास के द्वारा जीवित रहेगा" (हबक्कुक २:४)। साथ ही परमेश्वर ने हबक्कुक को आश्वस्त किया कि वह दिन भी आएगा जब "पृथ्वी यहोवा की महिमा के ज्ञान से ऐसी भर जाएगी जैसे समुद्र जल से भर जाता है" (हबक्कुक २:१४); और उसे इन बातों से परेशान होने की बजाए धैर्य रखने तथा निश्चिंत रहने को कहा क्योंकि "यहोवा अपने पवित्र मन्दिर में है; समस्त पृथ्वी उसके साम्हने शान्त रहे" (हबक्कुक २:२०)।

परमेश्वर से मिले सांत्वना के इन तीन अद्भुत सत्यों ने जीवन के प्रति हबक्कुक का दृष्टिकोण बदल दिया और उसे निराशा की अन्धेरी गहराईयों से निकाल कर आराधना की उज्जवल ऊँचाईयों पर ला खड़ा किया। अपने चारों ओर की परिस्थितियों से हटा कर जब भविष्यद्वक्ता ने अपनी नज़रें परमेश्वर पर टिकाईं तो उसे निराशा छोड़ कर हर परिस्थिति में आनन्दित रहने का स्त्रोत मिल गया।

आज भी जब हम अपने चारों ओर दुष्टता को बढ़ता और फलता फूलता देख कर निराश होते हैं और हमारे मन में परमेश्वर के न्याय के बारे में प्रश्न उठते हैं तो हबक्कुक का उदाहरण हमें हर परिस्थिति में आनन्दित रहने का रहस्य सिखाता है। भविष्यद्वक्ता के समान हमें भी परमेश्वर के उचित समय और उसके कभी न टलने वाले खरे न्याय में अपने विश्वास को बनाए रखना है और उस समय की बाट जोहते रहना है जब प्रभु यीशु मसीह का दोबारा आगमन होगा और वह धार्मिकता और शांति का अपना राज्य स्थापित करेगा। अपने विश्वास को उसमें बनाए रखना ही हर परिस्थिति में आनन्दित रहने का रहस्य है। - रिचर्ड डी हॉन


अपना दृष्टिकोण सुधारने के लिए अपनी दृष्टि परमेश्वर पर लगाए रखिए।

क्योंकि चाहे अंजीर के वृक्षों में फूल न लगें, और न दाखलताओं में फल लगें, जलपाई के वृक्ष से केवल धोखा पाया जाए और खेतों में अन्न न उपजे, भेड़शालाओं में भेड़-बकरियां न रहें, और न थानों में गाय बैल हों, तौभी मैं यहोवा के कारण आनन्दित और मगन रहूंगा, और अपने उद्धारकर्त्ता परमेश्वर के द्वारा अति प्रसन्न रहूंगा। - हबक्कुक ३:१७, १८

बाइबल पाठ: हबक्कुक १:१-४; ३:१७-१९
Hab 1:1 भारी वचन जिसको हबक्कूक नबी ने दर्शन में पाया।
Hab 1:2 हे यहोवा मैं कब तक तेरी दोहाई देता रहूंगा, और तू न सुनेगा? मैं कब तक तेरे सम्मुख “उपद्रव”, “उपद्रव” चिल्लाता रहूंगा? क्या तू उद्धार नहीं करेगा?
Hab 1:3 तू मुझे अनर्थ काम क्यों दिखाता है? और क्या कारण है कि तू उत्पात को देखता ही रहता है? मेरे साम्हने लूट-पाट और उपद्रव होते रहते हैं और झगड़ा हुआ करता है और वादविवाद बढ़ता जाता है।
Hab 1:4 इसलिये व्यवस्था ढीली हो गई और न्याय कभी नहीं प्रगट होता। दुष्ट लोग धर्मी को घेर लेते हैं; सो न्याय का खून हो रहा है।

Hab 3:17 क्योंकि चाहे अंजीर के वृक्षों में फूल न लगें, और न दाखलताओं में फल लगें, जलपाई के वृक्ष से केवल धोखा पाया जाए और खेतों में अन्न न उपजे, भेड़शालाओं में भेड़-बकरियां न रहें, और न थानों में गाय बैल हों,
Hab 3:18 तौभी मैं यहोवा के कारण आनन्दित और मगन रहूंगा, और अपने उद्धारकर्त्ता परमेश्वर के द्वारा अति प्रसन्न रहूंगा।
Hab 3:19 यहोवा परमेश्वर मेरा बलमूल है, वह मेरे पांव हरिणों के समान बना देता है, वह मुझ को मेरे ऊंचे स्थानों पर चलाता है।

एक साल में बाइबल:
  • भजन १८-१९
  • प्रेरितों २०:१७-३८

शनिवार, 16 जुलाई 2011

झूठे अगुवे, झूठे दावे

शोधकर्ताओं तथा वैज्ञानिकों के विष्य में माना जाता है कि वे तथ्यों को एकत्रित करते हैं और तथ्यों के आधार पर ही कोई निष्कर्ष देते हैं। लेकिन कई दफा यह धारणा गलत साबित हुई है। एक समाचार पत्र ने, एक ऐसे ही प्रकाशित निष्कर्ष के बारे में, भारी गलतियों का खुलासा किया। कुछ शोधकर्ताओं ने यह जांचना चाहा कि जो लोग नशे की आदत से छुटकारा पा लेते हैं, क्या वे दोबारा नशे का सेवन बिना उसकी आदत में फिर से पड़े कर सकते हैं कि नहीं। शोधकर्ताओं ने अपने निष्कर्ष में दावा किया कि वे बिना दोबारा लत में पड़े नशा कर सकते हैं। लेकिन समाचार पत्र द्वारा इस दावे की गहन जाँच करने से पता चला कि शोधकर्ताओं ने अपने शोध की गलत रिपोर्ट प्रकाशित करवाई थी। जिन नशे की लत से छूटे लोगों ने दोबारा नशे का सेवन आरंभ किया था वे बहुत बुरे हाल में थे और कई समस्याओं से घिरे हुए थे। कुछ ने तो आत्महत्या तक कर ली थी। अब निष्कर्ष यह था कि वे शोधकर्ता विश्वासयोग्य नहीं थे।

शोधकर्ताओं और वैज्ञनिकों से भी अधिक, धर्म के अगुवों को कभी भी कोई झूठा दावा करने से बच कर रहना चाहिए। लेकिन ऐसा होता नहीं है। अपने स्वार्थसिद्धि के लिए झुठे दावे कर के लोगों को बहकाने वाले धर्म के अगुवों की कमी नहीं है, और आए दिन उनके झूठे दावों और कारनामों के विवरण समाचार पत्रों में छपते रहते हैं। ये अगुवे, लोगों को वही सुनाते और बताते हैं, जो और जैसा वे लोग सुनना चाहते हैं। इन अगुवों के शाँति तथा उम्मीद के दावे केवल चतुराई से रचा गया झूठ का पुलिंदा भर होते हैं।

हम भी बहकाए जाकर ऐसे अगुवों के जाल में फंस सकते हैं यदि हम भी केवल अपनी इच्छानुसार बातें सुनने की लालसा रखते हैं। हम भी यह मानने की गलती कर सकते हैं कि हर अगुवा सत्य ही बोलता है। बहकावे में आने से बचने के लिए और नुकसान में फंसने के लिए अनिवार्य है कि हम परमेश्वर के वचन को अपने हृदयों में अधिकाई से बसने दें (कुलुस्सियों ३:१६) और हर संदेश और शिक्षा को परमेश्वर वचन के समक्ष रखकर जाँचें और तब ही उसे ग्रहण करें (१ थिस्सलुनिकियों ५:२१)।

जब हम परमेश्वर के वचन में स्थिर बने रहेंगे तो परमेश्वर का आत्मा और वचन हमें झूठे दावों में फंसने और नुकसान उठाने से भी बचाए रखेंगे। - मार्ट डी हॉन


समझदारी की पहली पहचान है सत्य को जानना और दूसरी है अस्त्य को पहचान पाना।

मसीह के वचन को अपने ह्रृदय में अधिकाई से बसने दो; और सिद्ध ज्ञान सहित एक दूसरे को सिखाओ, और चिताओ, और अपने अपने मन में अनुग्रह के साथ परमेश्वर के लिये भजन और स्‍तुतिगान और आत्मिक गीत गाओ। - कुलुस्सियों ३:१६


सब बातों को परखो: जो अच्‍छी है उसे पकड़े रहो। - १ थिस्सलुनिकियों ५:२१

बाइबल पाठ: यहूदा १:१-२५

Jud 1:1 यहूदा की ओर से जो यीशु मसीह का दास और याकूब का भाई है, उन बुलाए हुओं के नाम जो परमेश्वर पिता में प्रिय और यीशु मसीह के लिये सुरक्षित हैं।
Jud 1:2 दया और शान्‍ति और प्रेम तुम्हें बहुतायत से प्राप्‍त होता रहे।
Jud 1:3 हे प्रियो, जब मैं तुम्हें उस उद्धार के विषय में लिखने में अत्यन्‍त परिश्रम से प्रयत्‍न कर रहा था, जिस में हम सब सहभागी हैं तो मैं ने तुम्हें यह समझाना आवश्यक जाना कि उस विश्वास के लिये पूरा यत्‍न करो जो पवित्र लोगों को एक ही बार सौंपा गया था।
Jud 1:4 क्‍योंकि कितने ऐसे मनुष्य चुपके से हम में आ मिले हैं, जिन के इस दण्‍ड का वर्णन पुराने समय में पहिले ही से लिखा गया था: ये भक्तिहीन हैं, और हमारे परमेश्वर के अनुग्रह को लुचपन में बदल डालते है, और हमारे अद्वैत स्‍वामी और प्रभु यीशु मसीह का इन्‍कार करते हैं।
Jud 1:5 पर यद्यपि तुम सब बात एक बार जान चुके हो, तौभी मैं तुम्हें इस बात की सुधि दिलाना चाहता हूं, कि प्रभु ने एक कुल को मिस्र देश से छुड़ाने के बाद विश्वास न लाने वालों को नाश कर दिया।
Jud 1:6 फिर जो र्स्‍वगदूतों ने अपने पद को स्थिर न रखा वरन अपने निज निवास को छोड़ दिया, उस ने उन को भी उस भीषण दिन के न्याय के लिये अन्‍धकार में जो सदा काल के लिये है बन्‍धनों में रखा है।
Jud 1:7 जिस रीति से सदोम और अमोरा और उन के आस पास के नगर, जो इन की नाई व्यभिचारी हो गए थे और पराये शरीर के पीछे लग गए थे आग के अनन्‍त दण्‍ड में पड़ कर दृष्‍टान्‍त ठहरे हैं।
Jud 1:8 उसी रीति से ये स्‍वप्‍नदर्शी भी अपने अपने शरीर को अशुद्ध करते, और प्रभुता को तुच्‍छ जानते हैं और ऊंचे पद वालों को बुरा भला कहते हैं।
Jud 1:9 परन्‍तु प्रधान स्‍वर्गदूत मीकाईल ने, जब शैतान से मूसा की लोथ के विषय में वाद-विवाद करता था, तो उस को बुरा भला कह के दोष लगाने का साहस न किया पर यह कहा, कि प्रभु तुझे डांटे।
Jud 1:10 पर ये लोग जिन बातों को नहीं जानते, उन को बुरा भला कहते हैं; पर जिन बातों को अचेतन पशुओं की नाई स्‍वभाव ही से जानते हैं, उन में अपने आप को नाश करते हैं।
Jud 1:11 उन पर हाय! कि वे कैन की सी चाल चले, और मजदूरी के लिये बिलाम की नाई भ्रष्‍ट हो गए हैं: और कोरह की नाई विरोध कर के नाश हुए हैं।
Jud 1:12 यह तुम्हारी प्रेम सभाओं में तुम्हारे साथ खाते-पीते, समुद्र में छिपी हुई चट्टान सरीखे हैं, और बेधड़क अपना ही पेट भरने वाले रख वाले हैं; वे निर्जल बादल हैं जिन्‍हें हवा उड़ा ले जाती है; पतझड़ के निष्‍फल पेड़ हैं, जो दो बार मर चुके हैं और जड़ से उखड़ गए हैं।
Jud 1:13 ये समुद्र के प्रचण्‍ड हिलकोरे हैं, जो अपनी लज्ज़ा का फेन उछालते हैं: ये डांवाडोल तारे हैं, जिन के लिये सदा काल तक घोर अन्‍धकार रखा गया है।
Jud 1:14 और हनोक ने भी जो आदम से सातवीं पीढ़ी में था, इन के विषय में यह भविष्यद्ववाणी की, कि देखो, प्रभु अपने लाखों पवित्रों के साथ आया।
Jud 1:15 कि सब का न्याय करे, और सब भक्तिहीनों को उन के अभक्ति के सब कामों के विषय में, जो भक्तिहीन पापियों ने उसके विरोध में कही हैं, दोषी ठहराए।
Jud 1:16 ये तो असंतुष्‍ट, कुड़कुड़ाने वाले, और अपनी अभिलाषाओं के अनुसार चलने वाले हैं; और अपने मुंह से घमण्‍ड की बातें बोलते हैं और वे लाभ के लिये मुंह देखी बड़ाई किया करते हैं।
Jud 1:17 पर हे प्रियों, तुम उन बातों को स्मरण रखो जो हमारे प्रभु यीशु मसीह के प्रेरित पहिले कह चुके हैं।
Jud 1:18 वे तुम से कहा करते थे, कि पिछले दिनों में ऐसे ठट्ठा करने वाले होंगे, जो अपनी अभक्ति की अभिलाषाओं के अनुसार चलेंगे।
Jud 1:19 ये तो वे हैं, जो फूट डालते हैं, ये शारीरिक लोग हैं, जिन में आत्मा नहीं।
Jud 1:20 पर हे प्रियों तुम अपने अति पवित्र विश्वास में अपनी उन्नति करते हुए और पवित्र आत्मा में प्रार्थना करते हुए।
Jud 1:21 अपने आप को परमेश्वर के प्रेम में बनाए रखो और अनन्‍त जीवन के लिये हमारे प्रभु यीशु मसीह की दया की आशा देखते रहो।
Jud 1:22 और उन पर जो शंका में हैं दया करो।
Jud 1:23 और बहुतों को आग में से झपट कर निकालो, और बहुतों पर भय के साथ दया करो; वरन उस वस्‍त्र से भी घृणा करो जो शरीर के द्वारा कलंकित हो गया है।
Jud 1:24 अब जो तुम्हें ठोकर खाने से बचा सकता है, और अपनी महिमा की भरपूरी के साम्हने मगन और निर्दोष कर के खड़ा कर सकता है।
Jud 1:25 उस अद्वैत परमेश्वर हमारे उद्धारकर्ता की महिमा, और गौरव, और पराक्रम, और अधिकार, हमारे प्रभु यीशु मसीह के द्वारा जैसा सनातन काल से है, अब भी हो और युगानुयुग रहे। आमीन।

एक साल में बाइबल:
  • भजन १६-१७
  • प्रेरितों २०:१-१६

शुक्रवार, 15 जुलाई 2011

किसका भय मानें

एक लड़के ने, जो दूसरे विश्वयुद्ध के समय हौलैण्ड के नाट्ज़ी सेनाओं के कबज़े वाले इलाके में रहता था, अपनी डायरी में लिखा, "पिछले सप्ताह तीन जर्मन सैनिकों ने मेरे पिताजी को घर के गलियारे में घेर लिया। उन्होंने बन्दूक के ज़ोर पर उन्हें मजबूर किया कि घर के तहखाने के रास्ते को खोलें। उनमें से एक ने पिताजी को आज्ञा दी कि कमरों के नीचे की जगह में रेंग कर जाकर दिखाएं कि हथियार कहाँ छिपा कर रखे हैं, अन्यथा वे उन्हें गोली मार देंगे। मेरे पिता कोई बहुत बहादुर व्यकति नहीं हैं, वे तो दन्त-चिकित्सक तक से डरते हैं। उन सैनिकों में से एक ने उनकी कनपट्टी पर अपनी पिस्तौल रखकर उसका घोड़ा दबाते हुए जब उन्हें धमकाया, तो पिता जी ने बाइबल का वह पद बोलना आरंभ कर दिया जो उनके ध्यान में आ रहा था: ’जो शरीर को घात करते हैं, पर आत्मा को घात नहीं कर सकते, उन से मत डरना; पर उसी से डरो, जो आत्मा और शरीर दोनों को नरक में नाश कर सकता है’ (मत्ती १०:२८)। उन जर्मन सैनिकों ने विस्मित होकर एक दूसरे को देखा और फिर अपने कंधे झटक कर उन्हें छोड़ कर चले गए।"

अनेक प्रकार के भय कई दफा मसीही विश्वासियों को सताते हैं। कुछ तो अस्पष्ट और बेबुनियाद घबराहट से ही ग्रस्त रहते हैं। यह सब हमें हमारे भरोसे और आनन्द से वंचित करते हैं और हमारे आत्मिक स्वास्थ्य की हानि तथा हमारे मसीह के लिए प्रभावी होने को बाधित करते हैं। बाइबल में इस समस्या का उत्तर भी दिया गया है - हर भय को परमेश्वर के भय के आधीन ले आना। जब हम परमेश्वर के भय को भली-भाँति सीख जाएंगे तो फिर किसी भय से भयभीत नहीं होंगे।

हौलैण्ड के उस लड़के के पिता के समान, जब हम परमेश्वर के भय को सर्वोपरि रखेंगे तो हमारे लिए अन्य प्रत्येक भय अपने आप ही सही परिपेक्ष में आ जाएगा। - डेव एगनर


हमें इस संसार के किसी अंधकार से डरने की कोई आवश्यक्ता नहीं है क्योंकि संसार की ज्योति, प्रभु यीशु मसीह सदा हमारे साथ बना रहता है।

जो शरीर को घात करते हैं, पर आत्मा को घात नहीं कर सकते, उन से मत डरना; पर उसी से डरो, जो आत्मा और शरीर दोनों को नरक में नाश कर सकता है। - मत्ती १०:२८


बाइबल पाठ: मत्ती १०:२४-३३

Mat 10:24 चेला अपने गुरू से बड़ा नहीं और न दास अपने स्‍वामी से।
Mat 10:25 चेले का गुरू के, और दास का स्‍वामी के बाराबर होना ही बहुत है; जब उन्‍होंने घर के स्‍वामी को शैतान कहा तो उसके घरवालों को क्‍यों न कहेंगे?
Mat 10:26 सो उन से मत डरना, क्‍योंकि कुछ ढंपा नहीं, जो खोला न जाएगा और न कुछ छिपा है, जो जाना न जाएगा।
Mat 10:27 जो मैं तुम से अन्‍धियारे में कहता हूं, उसे उजियाले में कहो; और जो कानों कान सुनते हो, उसे कोठों पर से प्रचार करो।
Mat 10:28 जो शरीर को घात करते हैं, पर आत्मा को घात नहीं कर सकते, उन से मत डरना; पर उसी से डरो, जो आत्मा और शरीर दोनों को नरक में नाश कर सकता है।
Mat 10:29 क्‍या पैसे मे दो गौरैये नहीं बिकती? तौभी तुम्हारे पिता की इच्‍छा के बिना उन में से एक भी भूमि पर नहीं गिर सकती।
Mat 10:30 तुम्हारे सिर के बाल भी सब गिने हुए हैं।
Mat 10:31 इसलिये, डरो नहीं; तुम बहुत गौरैयों से बढ़कर हो।
Mat 10:32 जो कोई मनुष्यों के साम्हने मुझे मान लेगा, उसे मैं भी उसे स्‍वर्गीय पिता के साम्हने मान लूंगा।
Mat 10:33 पर जो कोई मनुष्यों के साम्हने मेरा इन्‍कार करेगा उस से मैं भी अपने स्‍वर्गीय पिता के साम्हने इन्‍कार करूंगा।

एक साल में बाइबल:
  • भजन १३-१५
  • प्रेरितों १९:२१-४१

गुरुवार, 14 जुलाई 2011

प्रेरणा का सर्वोत्तम स्त्रोत

पहली कक्षा के छात्र क्रेग का चेहरा खिला हुआ और बड़ी सी मुस्कान से सजा हुआ था। बड़े गर्व से उसने अपने अंग्रेज़ी शब्दों की वर्तनी का परीक्षाफल, जिस पर उसकी अध्यापिका ने लिखा था - "१०० - बहुत अच्छा" मुझे दिखाया और कहा, "मैंने यह अपनी मम्मी और डैडी को भी दिखाया क्योंकि मैं जानता था कि वे इससे बहुत खुश होंगे।" उस बच्चे के लिए अपने माँ बाप को खुश करना प्रेरणा का एक बड़ा स्त्रोत था।

पौलुस ने तिमुथियुस को एक ऐसे सैनिक के उदाहरण द्वारा सिखाया जो अपने सेनापति की प्रसन्नता के लिए कोई भी जोखिम उठाने को सर्वदा तैयार रहता है, जिससे तिमुथियुस परमेश्वर की सेवा के मर्म को समझ सके, चाहे परिस्थिति कैसी भी हो (२ तिमुथियुस २:३, ४)। हमारी श्रद्धा परमेश्वर को तब ही भाती है जब वह परमेश्वर के नियमों का गंभीरता से पालन और उसकी आज्ञाकारिता के लिए भरपूर मेहनत के साथ उसको एक पूर्णतः समर्पित एवं प्रेम पूर्ण हृदय से अर्पित करी गई हो।

परमेश्वर की सेवा करने के लिए हमारे पास कई उद्देश्य हो सकते हैं, लेकिन परमेश्वर को हम सर्वोत्तम महिमा तब ही देते हैं जब हम आनन्द सहित केवल वही करना चाहते हैं जिससे वह प्रसन्न होता है। हमारे उद्धारकर्ता ने भी, अपने मानवीय जीवन में, क्रूस पर हम सब के पापों के लिए बलिदान होने से पहले, हृदय की बड़ी व्यथा सही; लेकिन उसकी परमेश्वर से उस समय भी यही प्रार्थना थी, "...मेरी नहीं परन्‍तु तेरी ही इच्‍छा पूरी हो" (लूका २२:४२)। हमारा उद्देश्य भी अपने उद्धारकर्ता के समान सदा ही हर बात में परमेश्वर पिता की प्रसन्नता ही होना चाहिए।

परमेश्वर को प्रसन्न करना ही उसकी आज्ञाकारिता के लिए सर्वोत्तम प्रेरणा है और हमारा परमेश्वर का भय मानने का प्रमाण भी। - हर्ब वैण्डर लुग्ट


मनुष्य कार्यों द्वारा परखता है, परन्तु परमेश्वर मन के उद्देश्यों को देखता है।

तुम्हारा चाल-चलन प्रभु के योग्य हो, और वह सब प्रकार से प्रसन्न हो, और तुम में हर प्रकार के भले कामों का फल लगे, और परमेश्वर की पहिचान में बढ़ते जाओ। - कुलुसियों १:१०


बाइबल पाठ: २ तिमुथियुस २:१-१३

2Ti 2:1 इसलिये हे मेरे पुत्र, तू उस अनुग्रह से जो मसीह यीशु में है, बलवन्‍त हो जा।
2Ti 2:2 और जो बातें तू ने बहुत गवाहों के साम्हने मुझ से सुनी है, उन्‍हें विश्वासी मनुष्यों को सौंप दे जो औरों को भी सिखाने के योग्य हों।
2Ti 2:3 मसीह यीशु के अच्‍छे योद्धा की नाईं मेरे साथ दुख उठा।
2Ti 2:4 जब कोई योद्धा लड़ाई पर जाता है, तो इसलिये कि अपने भरती करने वाले को प्रसन्न करे, अपने आप को संसार के कामों में नहीं फंसाता;
2Ti 2:5 फिर अखाड़े में लडने वाला यदि विधि के अनुसार न लड़े तो मुकुट नहीं पाता।
2Ti 2:6 जो गृहस्थ परिश्रम करता है, फल का अंश पहिले उसे मिलना चाहिए।
2Ti 2:7 जो मैं कहता हूं, उस पर ध्यान दे और प्रभु तुझे सब बातों की समझ देगा।
2Ti 2:8 यीशु मसीह को स्मरण रख, जो दाऊद के वंश से हुआ, और मरे हुओं में से जी उठा और यह मेरे सुसमाचार के अनुसार है।
2Ti 2:9 जिस के लिये मैं कुकर्मी की नाईं दुख उठाता हूं, यहां तक कि कैद भी हूं परन्‍तु परमेश्वर का वचन कैद नहीं।
2Ti 2:10 इस कारण मैं चुने हुए लोगों के लिये सब कुछ सहता हूं, कि वे भी उस उद्धार को जो मसीह यीशु में हैं अनन्‍त महिमा के साथ पाएं।
2Ti 2:11 यह बात सच है, कि यदि हम उसके साथ मर गए हैं तो उसके साथ जीएंगे भी।
2Ti 2:12 यदि हम धीरज से सहते रहेंगे, तो उसके साथ राज्य भी करेंगे : यदि हम उसका इन्‍कार करेंगे तो वह भी हमारा इन्‍कार करेगा।
2Ti 2:13 यदि हम अविश्वासी भी हों तौ भी वह विश्वासयोग्य बना रहता है, क्‍योंकि वह आप अपना इन्‍कार नहीं कर सकता।

एक साल में बाइबल:
  • भजन १०-१२ प्
  • रेरितों १९:१-२०

बुधवार, 13 जुलाई 2011

सबसे भयावह भय

कुछ लोगों को भय से रोमांच होता है, लेकिन केवल काल्पनिक बातों में - वे डरावनी फिल्में देखना तथा डरावनी कहानीयाँ और उपन्यास पढ़ना पसन्द करते हैं लेकिन किसी वास्तविक भयावह परिस्थिति का वो कभी सामना करना नहीं चाहते। ऐसे ही संसार के अधिकांश लोग पसन्द नहीं करते कि किसी बात को उन्हें समझाने या बताने के लिए किसी प्रकार के भय का कोई उल्लेख किया जाए। यदि कोई लेखक सामयवादी यानि क्मयुनिस्ट विचार धारा के खतरों के बारे में कुछ लिखता है तो उस पर नाहक ही भय द्वारा बात मनवाने के प्रयास का इल्ज़ाम आता है। इसी प्रकार यदि कोई मसीही अगुवा इस बात का सुझाव मात्र भी दे कि परमेश्वर द्वारा पाप के न्याय के फलस्वरूप भी कुछ बिमारियाँ मनुष्यों में फैल सकती हैं तो उसे तिरस्कार किया जाता है, उसके प्रति घृणा का वातवरण उत्पन्न किया जाता है। लोगों में प्रचलित धारणा यही है कि, "लोगों को उनकी गलती से मुँह मोड़ने और उन्हें सही मार्ग पर लाने के लिए कभी परमेश्वर के न्याय और उसके भय का उल्लेख भी मत करो।"

लेकिन यह धारणा परमेश्वर के वचन और स्वभाव से मेल नहीं खाती। परमेश्वर के नबी यशायाह ने परमेश्वर की प्रजा को सही मार्गदर्शन देने के लिए परमेश्वर के न्याय और भय का उल्लेख करने में कभी कोई हिचकिचाहट नहीं दिखाई। प्रजा के लोगों ने उस पर राजद्रोह का अभियोग लगाया क्योंकि उसने चेतावनी दी कि इस्त्राएल को अशूर के राजा के साथ संधि नहीं करनी चाहिए। यशायाह उन्हें चिता रहा था कि इस्त्राएल को अशूर के राजा से अधिक परमेश्वर से डरना चाहिए, और मनुष्य के भय में आकर यदि वे गलत संधि करेंगे और परमेश्वर के नियमों से समझौता करेंगे तो उन्हें परमेश्वर के न्याय का सामना करना पड़ेगा और वे अपनी स्वतंत्रता गंवा बैठेंगे। लोगों ने उसकी नहीं सुनी, परमेश्वर से अधिक मनुष्य को महत्व दिया, चेतावनी के विरुद्ध समझौते किये और अन्त वही हुआ जिसके लिए यशायाह इन्हें चिता रहा था।

परमेश्वर का वचन बाइबल यह भी बताती है कि जो लोग प्रभु यीशु मसीह का इन्कार कर के उसके द्वारा दिये गए उद्धार के मार्ग और अवसर का तिरिस्कार करते रहते हैं और अपने पापों में बने रहते हैं, वे एक दिन परमेश्वर को अपने विरुद्ध खड़ा पाएंगे। यदि यह बात किसी को भयावह प्रतीत होती है और इस भय के अन्तर्गत कोई व्यक्ति प्रभु यीशु पर विश्वास करने के द्वारा पापों से क्षमा तथा उद्धार पाता है, तो भय ने एक भला कार्य करवाया है। इसी भय के कारण यदि कोई मसीही विश्वासी प्रभु की सेवा में अपने आप को पुनःसमर्पित करके एक नए उत्साह के साथ अपनी सेवा को पूरा करता है तो भी भय एक सकरात्मक कार्य का कारण बना है।

मनुष्यों के लिए सबसे भयावह भय किसी अन्य नशवर मनुष्य या उसकी सामर्थ का भय नहीं वरन अविनाशी और सर्वसामर्थी परमेश्वर का और उसके न्याय का भय होना चाहिए, जिसका सामना प्रत्येक को एक न एक दिन करना ही है। यह सबसे भयावह भय ही सबसे भला भय भी है क्योंकि यही वह भय है जो हमें सही मार्ग पर लाता है और बनाए रखता है। - हर्ब वैन्डर लुग्ट


सच्चे परमेश्वर का सच्चा भय मानिए, आपको अन्य किसी भय को मानने की कभी कोई आवश्यक्ता नहीं होगी।

इसलिये मैं भी उनके लिये दु:ख की बातें निकालूंगा, और जिन बातों से वे डरते हैं उन्हीं को उन पर लाऊंगा; क्योंकि जब मैं ने उन्हें बुलाया, तब कोई न बोला, और जब मैं ने उन से बातें की, तब उन्होंने मेरी न सुनी; परन्तु जो मेरी दृष्टि में बुरा था वही वे करते रहे, और जिस से मैं अप्रसन्न होता था उसी को उन्होंने अपनाया। - यशायाह ६६:४


बाइबल पाठ: यशायाह ८:११-२२

Isa 8:11 क्योंकि यहोवा दृढ़ता के साथ मुझ से बोला और इन लोगों की सी चाल चलने को मुझे मना किया,
Isa 8:12 और कहा, जिस बात को यह लोग राजद्रोह कहें, उसको तुम राजद्रोह न कहना, और जिस बात से वे डरते हैं उस से तुम न डरना और न भय खाना।
Isa 8:13 सेनाओं के यहोवा ही को पवित्र जानना, उसी का डर मानना, और उसी का भय रखना।
Isa 8:14 और वह शरणस्थान होगा, परन्तु इस्राएल के दोनो घरानों के लिये ठोकर का पत्थर और ठेस की चट्टान, और यरूशलेम के निवासियों के लिये फन्दा और जाल होगा।
Isa 8:15 और बहुत से लोग ठोकर खाएंगे, वे गिरेंगे और चकनाचूर होंगे, वे फन्दे में फसेंगे और पकड़े जाएंगे।
Isa 8:16 चितौनी का पत्र बन्द कर दो, मेरे चेलों के बीच शिक्षा पर छाप लगा दो।
Isa 8:17 मैं उस यहोवा की बाट जोहता रहूंगा जो अपने मुख को याकूब के घराने से छिपाये है, और मैं उसी पर आशा लगाए रहूंगा।
Isa 8:18 देख, मैं और जो लड़के यहोवा ने मुझे सौंपे हैं, उसी सेनाओं के यहोवा की ओर से जो सिय्योन पर्वत पर निवास किए रहता है इस्राएलियों के लिये चिन्ह और चमत्कार हैं।
Isa 8:19 जब लोग तुम से कहें कि ओझाओं और टोन्हों के पास जाकर पूछो जो गुनगुनाते और फुसफुसाते हैं, तब तुम यह कहना कि क्या प्रजा को अपने परमेश्वर ही के पास जाकर न पूछना चाहिये? क्या जीवतों के लिये मुर्दों से पूछना चाहिये?
Isa 8:20 व्यवस्था और चितौनी ही की चर्चा किया करो! यदि वे लोग इस वचनों के अनुसार न बोलें तो निश्चय उनके लिये पौ न फटेगी,
Isa 8:21 वे इस देश में क्लेशित और भूखे फिरते रहेंगे, और जब वे भूखे होंगे, तब वे क्रोध में आकर अपने राजा और अपने परमेश्वर को श्राप देंगे, और अपना मुख ऊपर आकाश की ओर उठाएंगे;
Isa 8:22 तब वे पृथ्वी की ओर दृष्टि करेंगे परन्तु उन्हें सकेती और अन्धियारे अर्थात संकट भरा अन्धकार ही देख पड़ेगा, और वे घोर अन्धकार में ढकेल दिए जाएंगे।

एक साल में बाइबल:
  • भजन ७-९
  • प्रेरितों १८

मंगलवार, 12 जुलाई 2011

सही मानदण्ड

एक छोटे बच्चे ने घोषणा करी, "मेरा कद ९ फुट है, मैं गोलियत के समान हूँ।" उसकी माँ ने पूछा, "तुम यह किस आधार पर कह सकते हो?" बच्चा बोला, "मैंने कद नापने का अपना पैमाना बनाया है और उसके अनुसार मेरा कद ९ फुट का है।" उस बच्चे ने नापा तो सही था पर जिस पैमाने से नापा था, वही गलत था।

कुछ ऐसा ही लोगों के साथ होता है जब वे अपनी धार्मिकता का स्तर अन्य लोगों की धार्मिकता से नापते हैं। दूसरों के व्यवहार की तुलना में अपने व्यवहार को रख कर उन्हें लगता है कि उनमें कोई कमी नहीं है, इसलिए उन्हें अपने आप में कोई पाप का बोध नहीं होता और न ही पाप की क्षमा पाने तथा उद्धार की कोई आवश्यक्ता महसूस होती है। लेकिन उनके अपनी धार्मिकता नापने के गलत पैमाने की सच्चाई तब सामने आती है जब वे अपने आप को धार्मिकता के सम्पूर्ण, सिद्ध और कभी न बदलने वाले स्तर - परमेश्वर प्रभु यीशु मसीह के सामने रखते हैं।

परमेश्वर के भविष्यद्वक्ता यशायाह ने जब परमेश्वर का दर्शन उसके वैभव और महिमा में पाया तो वह पुकार उठा, "... हाय! हाय! मैं नाश हूआ; क्योंकि मैं अशुद्ध होंठों वाला मनुष्य हूं, और अशुद्ध होंठ वाले मनुष्यों के बीच में रहता हूं, क्योंकि मैं ने सेनाओं के यहोवा महाराजाधिराज को अपनी आंखों से देखा है!" जब प्रभु यीशु के चेले और प्रेरित युहन्ना ने प्रभु यीशु का दर्शन उसके ईश्वरीय स्वरूप में पाया, तो उसका अनुभव यशायाह के अनुभव से भिन्न नहीं था; यूहन्ना लिखता है, "जब मै ने उसे देखा, तो उसके पैरों पर मुर्दा सा गिर पड़ा और उस ने मुझ पर अपना दाहिना हाथ रखकर यह कहा, कि मत डर मैं प्रथम और अन्‍तिम और जीवता हूं" (प्रकाशितवाक्य १:१७)। जब यह हाल उनका है जो परमेश्वर के भक्त और चुने हुए धर्मी जन हैं, तो हम साधारण मनुष्यों का, जिनके लिए लिखा है कि "सब ने पाप किया है और परमेश्वर की महिमा से रहित हैं" (रोमियों ३:२३) उस सिद्ध के सामने क्या हाल होगा?

जब हम अपनी धार्मिकता को अपने समान ही अन्य पापी लोगों से तुलना द्वारा आंकते हैं तो ना तो हम सही होते हैं और ना ही हमारे निष्कर्श, क्योंकि हमारा नापने का मानदण्ड ही गलत है। चाहे हम मनुष्यों की नज़रों में इस गलत पैमाने द्वारा धर्मी माने जा सकते हैं, लेकिन इस गलत पैमाने द्वारा हम कभी परमेश्वर के समक्ष धर्मी नहीं ठहर सकते। परन्तु परमेश्वर ने हमें धर्मी ठहराने के लिए हमारे लिए केवल एक ही मार्ग दिया है, वह मार्ग जो समस्त संसार के प्रत्येक जन के लिए सेंत-मेंत उपलब्ध है - किसी भी प्रकार के कर्मों द्वारा नहीं वरन साधारण विश्वास द्वारा।

प्रभु यीशु द्वारा क्रूस पर दिये गए उसके बलिदान में विश्वास करके और साधारण विश्वास से उस से अपने पापों की क्षमा माँगने भर से ही कोई भी व्यक्ति कभी भी कहीं भी किसी भी समय परमेश्वर की धार्मिकता को प्राप्त कर सकता है और अनन्त काल तक उस अविनाशी धार्मिकता के भले परिणामों का आनन्द ले सकता है। - मार्ट डी हॉन


यदि किन्ही कर्मों द्वारा मनुष्य स्वयं धर्मी बन सकता तो प्रभु यीशु मसीह को इसके लिए अपने प्राण बलिदान करने की कदापि आवश्यक्ता नहीं पड़ती।

क्‍योंकि हमें यह हियाव नहीं कि हम अपने आप को उन में से ऐसे कितनों के साथ गिनें, या उन से अपने को मिलाएं, जो अपनी प्रशंसा करते हैं, और अपने आप को आपस में नाप तौल कर एक दूसरे से मिलान कर के मूर्ख ठहरते हैं। - २ कुर्न्थियों १०:१२


बाइबल पाठ: रोमियों ३:१०-२४

Rom 3:10 जैसा लिखा है, कि कोई धर्मी नहीं, एक भी नहीं।
Rom 3:11 कोई समझदार नहीं, कोई परमेश्वर का खोजने वाला नहीं।
Rom 3:12 सब भटक गए हैं, सब के सब निकम्मे बन गए, कोई भलाई करने वाला नहीं, एक भी नहीं।
Rom 3:13 उन का गला खुली हुई कब्र है: उन्हों ने अपनी जीभों से छल किया है: उन के होठों में सापों का विष है।
Rom 3:14 और उन का मुंह श्राप और कड़वाहट से भरा है।
Rom 3:15 उन के पांव लोहू बहाने को फुर्तीले हैं।
Rom 3:16 उन के मार्गों में नाश और क्‍लेश है।
Rom 3:17 उन्‍होंने कुशल का मार्ग नहीं जाना।
Rom 3:18 उन की आंखों के साम्हने परमेश्वर का भय नहीं।
Rom 3:19 हम जानते हैं, कि व्यवस्था जो कुछ कहती है उन्‍हीं से कहती है, जो व्यवस्था के आधीन हैं: इसलिये कि हर एक मुंह बन्‍द किया जाए, और सारा संसार परमेश्वर के दण्‍ड के योग्य ठहरे।
Rom 3:20 क्‍योंकि व्यवस्था के कामों से कोई प्राणी उसके साम्हने धर्मी नहीं ठहरेगा, इसलिये कि व्यवस्था के द्वारा पाप की पहिचान होती है।
Rom 3:21 पर अब बिना व्यवस्था परमेश्वर की धामिर्कता प्रगट हुई है, जिस की गवाही व्यवस्था और भविष्यद्वक्ता देते हैं।
Rom 3:22 अर्थात परमेश्वर की वह धामिर्कता, जो यीशु मसीह पर विश्वास करने से सब विश्वास करने वालों के लिये है; क्‍योंकि कुछ भेद नहीं।
Rom 3:23 इसलिये कि सब ने पाप किया है और परमेश्वर की महिमा से रहित है।
Rom 3:24 परन्‍तु उसके अनुग्रह से उस छुटकारे के द्वारा जो मसीह यीशु में है, सेंत मेंत धर्मी ठहराए जाते हैं।

एक साल में बाइबल:
  • भजन ४-६
  • प्रेरितों १७:१६-३४

सोमवार, 11 जुलाई 2011

जयवंत भय

भय कई तरह के होते हैं और लोग उन के अलग अलग प्रकारों से लम्बे समय से परिचित हैं। हाल ही में एक नया भय प्रगट हुआ है - कमप्यूटर का भय (cyberphobia)। कुछ लोग कमप्यूटर को देख कर बहुत भयभीत हो जाते हैं, वे उस कमरे में रहना नहीं चाहते जहाँ कमप्यूटर लगा है। यदि उन्हें कमप्यूटर के पास छोड़ दिया जाए तो वे घबराने लगते हैं, उनके दिल की धड़कन तेज़ और अनियमित हो जाती है, उन्हें साँस लेने में कठिनाई होने लगती है, कोई कोई कंपकंपाने लगता है और कोई मुर्छित भी हो जाता है। वे इतने विचिलित हो जाते हैं कि उन्हें संयम खोने, सनकी होने या बेहोशा हो जाने का आभास होने लगता है। हम में से अधिकांशतः के लिए यह समझ से परे है, जैसे हर प्रकार का भय किसी न किसी की समझ से परे होता है; लेकिन जो उससे ग्रसित हैं उन लोगों के लिए वह भय वास्तविक है।

लेकिन एक और भय है, जो हम में से अधिकांश लोगों को है और उपरोक्त भय के समान वास्तविक भी है और वैसा ही निष्क्रीय करने वाला भी, लेकिन हम इसे स्वीकार कम ही करते हैं - मनुष्यों का भय, दूसरों के कहने और राय का भय। कई बार हम ऐसे व्यवहार करते हैं मानो हमारा भविष्य और भलाई पूर्णतः दूसरे मनुष्यों के हाथों में है।

यशायाह ने वर्णन किया कि मनुष्यों का यह बेबुनियाद भय परमेश्वर को कैसा प्रतीत होता है, जब हम उस पर अपना भरोसा छोड़ मनुष्यों पर निर्भर होने लगते हैं। परमेश्वर ने कहा मनुष्यों के भय में और उनके वशीभूत रहना मूर्खता है क्योंकि मनुष्य नाशमान प्राणी है जिसका अस्तित्व और सामर्थ मैदान की घास से अधिक नहीं है ( याशायाह ५१:१२)। परमेश्वर यह भी जानता है कि लोग किस प्रकार की हानि पहुंचने के भय के कारण दूसरों पर हावी होते हैं ( याशायाह ५१:१३, १४)। लेकिन परमेश्वर ही है जो हर बात और प्रत्येक जन का अन्तिम फैसला अपने हाथ में रखे हुए है।

हमारा भविष्य और अनन्त काल की भलाई परमेश्वर पर निर्भर है, किसी मनुष्य पर नहीं, केवल परमेश्वर पर। इसलिए जैसा इब्रानियों की पत्री के लेखक ने मसीही जीवन के लिए लिखा है, "इस कारण जब कि गवाहों का ऐसा बड़ा बादल हम को घेरे हुए है, तो आओ, हर एक रोकने वाली वस्‍तु, और उलझाने वाले पाप को दूर कर के, वह दौड़ जिस में हमें दौड़ना है, धीरज से दौड़ें। और विश्वास के कर्ता और सिद्ध करने वाले यीशु की ओर ताकते रहें, जिस ने उस आनन्‍द के लिये जो उसके आगे धरा था, लज्ज़ा की कुछ चिन्‍ता न करके, क्रूस का दुख सहा और सिंहासन पर परमेश्वर के दाहिने जा बैठा" (इब्रानियों १२:१, २)।

परमेश्वर का भय ही हर परिस्थिति पर जयवन्त करने वाला भय है जिससे कभी हानि नहीं आती। - मार्ट डी हॉन


परमेश्वर पर विश्वास और परमेश्वर का भय, दमन करने वाले मनुष्यों के भय को जीवन से निकाल फेंकता है।

मैं, मैं ही तेरा शान्तिदाता हूं; तू कौन है जो मरने वाले मनुष्य से, और घास के समान मुर्झाने वाले आदमी से डरता है? - यशायाह ५१:१२


बाइबल पाठ: यशायाह ५१:१-१६

Isa 51:1 हे धर्म पर चलने वालो, हे यहोवा के ढूंढ़ने वालो, कान लगाकर मेरी सुनो; जिस चट्टान में से तुम खोदे गए और जिस खान में से तुम निकाले गए, उस पर ध्यान करो।
Isa 51:2 अपने मूलपुरूष इब्राहीम और अपनी माता सारा पर ध्यान करो, जब वह अकेला था, तब ही से मैं ने उसको बुलाया और आशीष दी और बढ़ा दिया।
Isa 51:3 यहोवा ने सिय्योन को शान्ति दी है, उस ने उसके सब खण्डहरों को शान्ति दी है; वह उसके जंगल को अदन के समान और उसके निर्जल देश को यहोवा की वाटिका के समान बनाएगा, उस में हर्ष और आनन्द और धन्यवाद और भजन गाने का शब्द सुनाई पड़ेगा।
Isa 51:4 हे मेरी प्रजा के लोगों, मेरी ओर ध्यान धरो, हे मेरे लोगों, कान लगा कर मेरी सुनो, क्योंकि मेरी ओर से व्यवस्था दी जाएगी, और मैं अपना नियम देश देश के लोगों की ज्योति होने के लिये स्थिर करूंगा।
Isa 51:5 मेरा छुटकारा निकट है, मेरा उद्धार प्रगट हुआ है, मैं अपने भुजबल से देश देश के लोगों का न्याय करूंगा। द्वीप मेरी बाट जाहेंगे और मेरे भुजबल पर आशा रखेंगे।
Isa 51:6 आकाश की ओर अपनी आंखें उठाओ, और पृथ्वी को निहारो; क्योंकि आकाश धुंए ही नाई लोप हो जाएगा, पृथ्वी कपड़े के समान पुरानी हो जाएगी, और उसके रहने वाले यों ही जाते रहेंगे, परन्तु जो उद्धार मैं करूंगा वह सर्वदा ठहरेगा, और मेरे धर्म का अन्त न होगा।
Isa 51:7 हे धर्म के जानने वालों, जिनके मन में मेरी व्यवस्था है, तुम कान लगाकर मेरी सुनो; मनुष्यों की नामधराई से मत डरो, और उनके निन्दा करने से विस्मित न हो।
Isa 51:8 क्योंकि घुन उन्हें कपड़े की नाईं और कीड़ा उन्हें ऊन की नाईं खाएगा, परन्तु मेरा धर्म अनन्त काल तक, और मेरा उद्धार पीढ़ी से पीढ़ी तक बना रहेगा।
Isa 51:9 हे यहोवा की भुजा, जाग! जाग और बल धारण कर; जैसे प्राचीन काल में और बीते हुए पीढिय़ों में, वैसे ही अब भी जाग। क्या तू वही नहीं है जिस ने रहब को टुकड़े टुकड़े किया और मगरमच्छ को छेदा?
Isa 51:10 क्या तू वही नहीं जिस ने समुद्र को अर्थात गहिरे सागर के जल को सुखा डाला और उसकी गहराई में अपने छुड़ाए हओं के पार जाने के लिये मार्ग निकाला था?
Isa 51:11 सो यहोवा के छुड़ाए हुए लोग लौट कर जयजयकार करते हुए सिय्योन में आएंगे, और उनके सिरों पर अनन्त आनन्द गूंजता रहेगा, वे हर्ष और आनन्द प्राप्त करेंगे, और शोक और सिसकियों का अन्त हो जाएगा।
Isa 51:12 मैं, मैं ही तेरा शान्तिदाता हूं; तू कौन है जो मरने वाले मनुष्य से, और घास के समान मुर्झाने वाले आदमी से डरता है?
Isa 51:13 और आकाश के तानने वाले और पृथ्वी की नेव डालने वाले अपने कर्ता यहोवा को भूल गया है, और जब द्रोही नाश करने को तैयार होता है तब उसकी जलजलाहट से दिन भर लगातार थरथराता है? परन्तु द्रोही की जलजलाहट कहां रही?
Isa 51:14 बंधुआ शीघ्र ही स्वतन्त्र किया जाएगा, वह गड़हे में न मरेगा और न उसे रोटी की कमी होगी।
Isa 51:15 जो समुद्र को उथल-पुथल करता जिस से उसकी लहरों मे गरजन होती है, वह मैं ही तेरा परमेश्वर यहोवा हूं मेरा नाम सेनाओं का यहोवा है। और मैं ने तेरे मुंह में अपने वचन डाले,
Isa 51:16 और तुझे अपने हाथ की आड़ में छिपा रखा है कि मैं आकाश को तानूं और पृथ्वी की नेव डालूं, और सिय्योन से कहूं, तुम मेरी प्रजा हो।

एक साल में बाइबल:
  • भजन १-३
  • प्रेरितों १७:१-१५

रविवार, 10 जुलाई 2011

भय की प्राथमिकताएं

मैंने एक प्रचारक को कहते सुना कि हमें केवल परमेश्वर से भय रखना चाहिए, यद्यपि उसके कहने का तातपर्य सही था, तो भी मैं उससे पूर्णतः सहमत नहीं हूँ। परमेश्वर के वचन बाइबल में ही प्रेरित पतरस द्वारा परमेश्वर के आत्मा ने लिखवाया है कि सेवक अपने स्वामियों के भय में रहें (१ पतरस २:१८) और पौलुस प्रेरित द्वारा लिखवाया कि बुराई करने वालों को सामाजिक अधिकारियों के भय में रहना चाहिए (रोमियों १३:४)। यह हमारी नैतिक ज़िम्मेदारी है कि हम जिन बातों का भय रखते हैं उनकी सही प्राथमिकताएं भी रखें और उन सही प्राथमिकताओं के अनुसार भय को निभाएं।

एक युवक ने मुझे अपने अनुभव के बारे में बताया, उसके मित्र उसे नशीले पदार्थों के सेवन के लिए उकसा रहे थे, उसे भय था कि यदि उसने उनकी ना मानी तो वे उसे कायर समझेंगे; लेकिन इससे भी अधिक भय उसे इस बात से था कि यदि उसने उन पदार्थों को लेना आरंभ कर दिया तो उसका परिणाम क्या होगा। अपने भय की सही प्राथमिकताओं के कारण ही वह बुरी आदत और उसके दुषपरिणामों से बच सका। एक सैनिक ने अपने युद्ध भूमि के अनुभव बताए। उसने अपनी स्वेच्छा से एक बहुत खतरनाक मुहिम पर जाने की रज़ामन्दी अपनी टुकड़ी के नायक को दी। उसने माना कि उस मुहिम पर जाने के लिए उसे भय तो बहुत था लेकिन उस भय से भी अधिक भय इस बात का था कि यदि दुशमन जीत गया तो क्या परिणाम होगा। भय की प्राथमिकताओं ने ही इन दोनो जवानों को सही निर्णय लेने की प्रेरणा दी।

बाइबल हमें सिखाती है कि हमारा सब से बड़ा भय होना चाहिए परमेश्वर को अप्रसन्न करने का भय। यह वह भय है जिसे सदा हमारे प्राणों के भय से भी बढ़कर रहना चाहिए। यदि एक मसीही विश्वासी के सामने बुराई करने अथवा पीड़ा उठाने या प्राण गंवाने की परिस्थिति हो तो निसन्देह, बिन झिझके उसे परमेश्वर की आज्ञाकारिता के लिए पीड़ा उठाने या प्राणों का जोखिम उठाने को चुनना चाहिए, ना कि बुराई के लिए समझौता करने को। प्रभु यीशु ने अपने चेलों से कहा, "जो शरीर को घात करते हैं, पर आत्मा को घात नहीं कर सकते, उन से मत डरना; पर उसी से डरो, जो आत्मा और शरीर दोनों को नरक में नाश कर सकता है" (मत्ती १०:२८)।

भय हमारे जीवन का एक भाग है। यदि हम भय की प्राथमिकताएं बनाना सीख जाएं और परमेश्वर के भय को सदा सर्वोपरी रखें तो भय हमारे लिए लाभ का कारण बन जाएगा। - हर्ब वैन्डर लुग्ट


मनुष्यों के भय से लज्जा किंतु परमेश्वर के भय से विवेक जागृत होता है।

इसलिये हर एक का हक चुकाया करो, जिसे कर चाहिए, उसे कर दो; जिसे महसूल चाहिए, उसे महसूल दो; जिस से डरना चाहिए, उस से डरो; जिस का आदर करना चाहिए उसका आदर करो। - रोमियों १३:७



बाइबल पाठ: रोमियों १३:१-७

Rom 13:1 हर एक व्यक्ति प्रधान अधिकारियों के अधीन रहे, क्‍योंकि कोई अधिकार ऐसा नहीं, जो परमेश्वर की ओर से न हो, और जो अधिकार हैं, वे परमेश्वर के ठहराए हुए हैं।
Rom 13:2 इस से जो कोई अधिकार का विरोध करता है, वह परमेश्वर की विधि का साम्हना करता है, और साम्हना करने वाले दण्‍ड पाएंगे।
Rom 13:3 क्‍योंकि हाकिम अच्‍छे काम के नहीं, परन्‍तु बुरे काम के लिये डर का कारण हैं; सो यदि तू हाकिम से निडर रहना चाहता है, तो अच्‍छा काम कर और उस की ओर से तेरी सराहना होगी;
Rom 13:4 क्‍योंकि वह तेरी भलाई के लिये परमेश्वर का सेवक है। परन्‍तु यदि तू बुराई करे, तो डर; क्‍योकि वह तलवार व्यर्थ लिये हुए नहीं और परमेश्वर का सेवक है कि उसके क्रोध के अनुसार बुरे काम करने वाले को दण्‍ड दे।
Rom 13:5 इसलिये अधीन रहना न केवल उस क्रोध से परन्‍तु डर से अवश्य है, वरन विवेक भी यही गवाही देता है।
Rom 13:6 इसलिये कर भी दो, क्‍योंकि वे परमश्‍ेवर के सेवक हैं, और सदा इसी काम में लगे रहते हैं।
Rom 13:7 इसलिये हर एक का हक चुकाया करो, जिस कर चाहिए, उसे कर दो; जिसे महसूल चाहिए, उसे महसूल दो; जिस से डरना चाहिए, उस से डरो; जिस का आदर करना चाहिए उसका आदर करो।

एक साल में बाइबल:
  • अय्युब ४१-४२
  • प्रेरितों १६:२२-४०