ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

शनिवार, 30 अक्तूबर 2010

साथी और भगौड़े

उपन्यासकार स्टीफन ब्लाइ का मानना है कि मित्र और घोड़े दो प्रकार के होते हैं - एक वे जो हर परिस्थिति में साथ खड़े रहते हैं और दूसरे वे जो परेशानी की भनक पड़ते ही साथ छोड़कर भाग निकलते हैं और आपको अकेले ही खतरों का सामना करने के लिये छोड़ देते हैं। दुर्भाग्यवश, मित्रों और घोड़ों का यह भेद तब तक नहीं मालूम नहीं पड़ता जब तक आप मुसीबत में नहीं पड़ जाते, और तब बहुत देर हो चुकती है, यदि आपका मित्र साथ खड़े रहने वाला न हो!

परेशानियों के समय में प्रत्येक को ऐसे मित्रों की आवश्यक्ता होती है जिन पर वह भरोसा कर सके। किंतु बजाए इसके कि हम यह चिंता करें कि हमारे मित्र किस श्रेणी के हैं, हमें यह जांचने की आवश्यक्ता है कि स्वयं हम किस श्रेणी के हैं - साथी या भगौड़े? नीतिवचन का लेखक बताता है कि "मित्रों के बढ़ाने से तो नाश होता है, परन्तु ऐसा मित्र होता है, जो भाई से भी अधिक मिला रहता है" (नीतिवचन १८:२४); तथा "मित्र सब समयों में प्रेम रखता है, और विपत्ति के दिन भाई बन जाता है" (नीतिवचन १७:१७)।

अपनी सेवकाई के अन्तिम दिनों में, जब वह अपने मृत्युदण्ड की आज्ञा के पूरे होने का इंतिज़ार कर रहा था, पौलुस के साथ के कई लोग उसका साथ छोड़ कर चले गए। अपनी अन्तिम पत्री में पौलुस ने अपने साथियों और भगौड़ों में से कुछ के नाम लिखे, उनमें से एक भगौड़ा था देमास; और साथी था लूका ( २ तिमुथियुस ४:१०, ११)। यद्यपि अपने भगौड़े मित्रों के कारण पौलुस अवश्य बहुत निराश हुआ होगा किंतु अपने साथीयों के कारण उसका ढ़ाढ़स भी बन्धा होगा।

जब वे जिन्हें हम मित्र कहते हैं किसी परेशानी में पड़ेंगे तो उनके लिये हम किस श्रेणी के मित्र ठहरेंगे - साथी या भगौड़े, यह तो वक्त और परिस्थितियां ही बता सकेंगी; परन्तु एक है - प्रभु यीशु, जिसका अपने लोगों से अटूट वायदा है "मैं न तुझे कभी छोड़ुंगा और कभी तुझे त्यागुंगा" (इब्रानियों १३:५), और यह वायदा आज तक कभी भी, किसी भी परिस्थिति में, किसी के लिये झूठा साबित नहीं हुआ है। उसने आपके पाप और अविश्वास की दशा में भी, आपके लिये अपनी जान देकर अपने इस वायदे को स्थापित तथा प्रमाणित किया है।

प्रभु यीशु को अपना मित्र बना लीजिए, वह कभी भगौड़ा नहीं होगा, सदा साथी ही रहेगा; एक ऐसा मित्र जो भाई से अधिक मिला रहता है। - बिल क्राउडर


एक सच्चा मित्र हर परीक्षा में साथ खड़ा मिलेगा।

मित्र सब समयों में प्रेम रखता है, और विपत्ति के दिन भाई बन जाता है। - नीतिवचन १७:१७


बाइबल पाठ: २ तिमुथियुस ४:६-१८

क्‍योंकि अब मैं अर्घ की नाई उंडेला जाता हूं, और मेरे कूच का समय आ पहुंचा है।
मैं अच्‍छी कुश्‍ती लड़ चुका हूं मैं ने अपनी दौड़ पूरी कर ली है, मैं ने विश्वास की रखवाली की है।
भविष्य में मेरे लिये धर्म का वह मुकुट रखा हुआ है, जिसे प्रभु, जो धर्मी, और न्यायी है, मुझे उस दिन देगा और मुझे ही नहीं, बरन उन सब को भी, जो उसके प्रगट होने को प्रिय जानते हैं।
मेरे पास शीघ्र आने का प्रयत्‍न कर।
क्‍योंकि देमास ने इस संसार को प्रिय जानकर मुझे छोड़ दिया है, और थिस्‍सलुनीके को चला गया है, और क्रेसकेंस गलतिया को और तीतुस दलमतिया को चला गया है।
केवल लूका मेरे साथ है: मरकुस को लेकर चला आ, क्‍योंकि सेवा के लिये वह मेरे बहुत काम का है।
तुखिकुस को मैं ने इफिसुस को भेजा है।
जो बागा मैं त्रोआस में करपुस के यहां छोड़ आया हूं, जब तू आए, तो उसे और पुस्‍तकें विशेष करके चर्म पत्रों को लेते आना।
सिकन्‍दर ठठेरे ने मुझ से बहुत बुराइयां की हैं प्रभु उसे उसके कामों के अनुसार बदला देगा।
तू भी उस से सावधान रह, क्‍योंकि उस ने हमारी बातों का बहुत ही विरोध किया।
मेरे पहिले प्रत्युत्तर करने के समय में किसी ने भी मेरा साथ नहीं दिया, बरन सब ने मुझे छोड़ दिया था: भला हो, कि इस का उनको लेखा देना न पड़े।
परन्‍तु प्रभु मेरा सहायक रहा, और मुझे सामर्थ दी: ताकि मेरे द्वारा पूरा पूरा प्रचार हो, और सब अन्यजाति सुन ले; और मैं तो सिंह के मुंह से छुड़ाया गया।
और प्रभु मुझे हर एक बुरे काम से छुड़ाएगा, और अपने स्‍वर्गीय राज्य में उद्धार करके पहुंचाएगा: उसी की महिमा युगानुयुग होती रहे। आमीन।
एक साल में बाइबल:
  • यर्मियाह २०, २१
  • २ तिमुथियुस ४