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शुक्रवार, 8 अक्तूबर 2010

प्रभु की बुलाहट

मैं सोचता हूँ कि उस प्रातः झील के किनारे, अवश्य प्रभु के चेलों ने प्रभु के साथ अपने प्रथम अनुभव को पुनःअनुभव किया होगा। यूहन्ना अध्याय २१ में प्रभु और चेलों की एक घटना दी गई है। अपनी परिस्थितियों और हाल की घटनाओं से निराश और विचिलित होकर कुछ चेलों ने प्रभु के पीछे चलने की बजाए, वापस अपने पुराने जिविका कमाने के तरीके पर लौटने का निर्णय किया। वे पहले मछुआरे थे, और अब फिर मछलीयां पकड़ने निकल पड़े। वे सारी रात मेहनत करते रहे पर कुछ भी हाथ न लगा।

भोर के समय झील के किनारे से किसी ने उन से कहा "नाव की दाहिनी ओर जाल डालो, तो पाओगे, तब उन्‍होंने जाल डाला, और अब मछिलयों की बहुतायत के कारण उसे खींच न सके" (यूहन्ना २१:६)। तब उन्होंने पहचान लिया कि बात करने वाल प्रभु यीशु ही था। निसन्देह उनका ध्यान प्रभु यीशु से हुई उनकी पहले की एक मुलाकात की ओर गया होगा; तब भी प्रभु ने रात भर की असफल मेहनत के बाद ऐसे ही मछलियां पकड़ने का आशचर्यकर्म उनके जीवन में किया था, और फिर उन्हें आमंत्रण दिया कि वे अपने जाल और नाव छोड़कर उसके पीछे हो लें (लूका ५:१-११)।

उन चेलों के समान, जब हम प्रभु के साथ के अपने सफर में निराशाओं में घिरने लगते हैं और हमें कुछ मार्ग नहीं सूझ पड़ता, तो स्वाभाविक प्रतिक्रीया होती है कि वापस अपनी पुरानी ज़िन्दगी कि ओर लौट चलें और अपने मार्ग खुद तलाश करें। ऐसे में फिर से प्रभु अपना अनुग्रह और क्षमा लिये हमारे समीप आकर हमें बुलाता है, अपनी विश्वासयोग्यता और अपनी सामर्थ को फिर हमारे सम्मुख लाता है, प्रभु के साथ हमारे पिछले अनुभवों को स्मरण दिलाता है और फिर से हमें उस सेवकाई के लिये जिसके लिये उसने हमें बुलाया था तैयार करके खड़ा करता है।

उसकी बुलाहट, सामर्थ और संगति हमारे साथ सदा बनी रहती है। - जो स्टोवैल


प्रभु यीशु हमें अपने साथ चलने के लिये बुलाता है और जब आवश्यक होता है उस बुलाहट को दोहराता है।

इन
बातों के बाद यीशु ने अपने आप को तिबिरियास झील के किनारे चेलों पर प्रगट किया और इस रीति से प्रगट किया। - यूहन्ना २१:१

बाइबल पाठ: यूहन्ना २१:१-१४

इन बातों के बाद यीशु ने अपने आप को तिबिरियास झील के किनारे चेलों पर प्रगट किया और इस रीति से प्रगट किया।
शमौन पतरस और थोमा जो दिदुमुस कहलाता है, और गलील के काना नगर का नतनएल और जब्‍दी के पुत्र, और उसके चेलों में से दो और जन इकट्ठे थे।
शमौन पतरस ने उन से कहा, मैं मछली पकड़ने जाता हूं: उन्‍होंने उस से कहा, हम भी तेरे साथ चलते हैं: सो वे निकलकर नाव पर चढ़े, परन्‍तु उस रात कुछ न पकड़ा।
भोर होते ही यीशु किनारे पर खड़ा हुआ, तौभी चेलों ने न पहचाना कि यह यीशु है।
तब यीशु ने उन से कहा, हे बालको, क्‍या तुम्हारे पास कुछ खाने को है? उन्‍होंने उत्तर दिया कि नहीं।
उस ने उन से कहा, नाव की दाहिनी ओर जाल डालो, तो पाओगे, तब उन्‍होंने जाल डाला, और अब मछिलयों की बहुतायत के कारण उसे खींच न सके।
इसलिये उस चेले ने जिस से यीशु प्रेम रखता था पतरस से कहा, यह तो प्रभु है: शमौन पतरस ने यह सुनकर कि प्रभु है, कमर में अंगरखा कस लिया, क्‍योंकि वह नंगा था, और झील में कूद पड़ा।
परन्‍तु और चेले डोंगी पर मछिलयों से भरा हुआ जाल खींचते हुए आए, क्‍योंकि वे किनारे से अधिक दूर नहीं, कोई दो सौ हाथ पर थे।
जब किनारे पर उतरे, तो उन्‍होंने कोएले की आग, और उस पर मछली रखी हुई, और रोटी देखी।
यीशु ने उन से कहा, जो मछिलयां तुम ने अभी पकड़ी हैं, उन में से कुछ लाओ।
शमौन पतरस ने डोंगी पर चढ़कर एक सौ तिर्पन बड़ी मछिलयों से भरा हुआ जाल किनारे पर खींचा, और इतनी मछिलयां होने पर भी जाल न फटा।
यीशु ने उन से कहा, कि आओ, भोजन करो और चेलों में से किसी को हियाव न हुआ, कि उस से पूछे, कि तू कौन है?
यीशु आया, और रोटी लेकर उन्‍हें दी, और वैसे ही मछली भी।
यह तीसरी बार है, कि यीशु ने मरे हुओं में से जी उठने के बाद चेलों को दर्शन दिए।

एक साल में बाइबल:
  • यशायाह ३०, ३१
  • फिलिप्पियों ४