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गुरुवार, 30 सितंबर 2010

प्रेम का माप

अक्तूबर २, १९५४ के दिन, जेम्स कौनवे ने, जो एक वायुसेना का अफसर था, बौस्टन हवाई अड्डे से उड़ान भरी, वह अपने विमान में विस्फोटक ले जा रहा था। उड़ान भरने के कुछ ही देर में उसके विमान में खराबी आ गई और विमान नीचे आने लगा। कौनवे के सामने कठिन चुनाव था, या तो विमान से कूद कर अपनी जान बचा ले, नहीं तो विमान को निकट की खाड़ी के जल में ले जा कर टकरा दे। यदि वह सव्यं कूद कर अपनी जान बचाता तो विमान नीचे आबादी वाले क्षेत्र में जा गिरता और बहुत से लोग मारे जाते, किंतु यदि खाड़ी के जल में विमान को टकराता तो उसे अपने प्राण गंवाने पड़ते। कौन्वे ने दूसरा विकल्प चुना और बहुतों के प्राण बचाने के लिये अपने प्राण दे दिये।

यूहन्ना १५:१३ में प्रभु यीशु मसीह ने कहा " इस से बड़ा प्रेम किसी का नहीं, कि कोई अपने मित्रों के लिये अपना प्राण दे।" स्वेच्छा से दुसरों के लिये यह सबसे बड़ा बलिदान देना एक ऐसे मन को दिखाता है जो अपनी आवश्यक्ताओं से अधिक दूसरों की आवश्यक्ताओं की चिंता करता है। किसी ने कहा है कि "प्रेम का माप इस में है कि वह दूसरों के लिये क्या कुछ त्यागने को तैयार रहता है।" परमेश्वर पिता ने हम से इतना प्रेम किया कि अपने पुत्र को हमारे लिये बलिदान कर दिया। प्रभु यीशु मसीह ने हम से इतना प्रेम किया कि हमारे पापों को अपने ऊपर ले कर, हमारी जगह दण्ड - मृत्यु दण्ड भोगने चला गया।

आपके लिये परमेश्वर के प्रेम का माप तो असीम है, प्रश्न यह है कि क्या आपने उस के प्रेम को व्यक्तिगत रूप से स्वीकार कर के अपनाया है या नहीं! - बिल क्राउडर


प्रभु यीशु मसीह के क्रूस से अधिक स्पष्ट परमेश्वर के प्रेम का कोई और प्रमाण नहीं है।

इस से बड़ा प्रेम किसी का नहीं, कि कोई अपने मित्रों के लिये अपना प्राण दे। - यूहन्ना १५:१३


बाइबल पाठ:

जैसा पिता ने मुझ से प्रेम रखा, मेरे प्रेम में बने रहो।
यदि तुम मेरी आज्ञाओं को मानोगे, तो मेरे प्रेम में बने रहोगे: जैसा कि मैं ने अपने पिता की आज्ञाओं को माना है, और उसके प्रेम में बना रहता हूं।
मैं ने ये बातें तुम से इसलिये कही हैं, कि मेरा आनन्‍द तुम में बना रहे, और तुम्हारा आनन्‍द पूरा हो जाए।
मेरी आज्ञा यह है, कि जैसा मैं ने तुम से प्रेम रखा, वैसा ही तुम भी एक दूसरे से प्रेम रखो।
इस से बड़ा प्रेम किसी का नहीं, कि कोई अपने मित्रों के लिये अपना प्राण दे।
जो कुछ मैं तुम्हें आज्ञा देता हूं, यदि उसे करो, तो तुम मेरे मित्र हो।
अब से मैं तुम्हें दास न कहूंगा, क्‍योंकि दास नहीं जानता, कि उसका स्‍वामी क्‍या करता है: परन्‍तु मैं ने तुम्हें मित्र कहा है, क्‍योंकि मैं ने जो बातें अपने पिता से सुनीं, वे सब तुम्हें बता दीं।
तुम ने मुझे नहीं चुना परन्‍तु मैं ने तुम्हें चुना है और तुम्हें ठहराया ताकि तुम जा कर फल लाओ और तुम्हारा फल बना रहे, कि तुम मेरे नाम से जो कुछ पिता से मांगो, वह तुम्हें दे।
इन बातें की आज्ञा मैं तुम्हें इसलिये देता हूं, कि तुम एक दूसरे से प्रेम रखो।

एक साल में बाइबल:
  • यशायाह ९, १०
  • इफिसियों ३