ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

मंगलवार, 28 सितंबर 2010

जल्दबाज़ी के निर्णय

मुझे एक ई-मेल मिला जो बाइबल के बहुत से पदों का संकलन था। यह ऐसे समय हुआ जब हमारे चर्च में कुछ बातों को लेकर चर्च की कार्यकारी समिति के सदस्यों में आपसी मतभेद चल रहे थे और ई-मेल भेजने वाली एक ऐसी स्त्री थी जिसे मैं ठीक से जानती भी नहीं थी। स्वाभाविक था कि मैं यह मान बैठी कि वह ई-मेल और उसमें उद्वत पद मुझे निशाना बनाकर भेजे गए थे। मैं इस बात से अति क्रुद्ध हुई कि कोई ऐसा व्यक्ति जो मतभेदों के संबंध में सारी बातों को ठीक से जानता भी नहीं है, परमेश्वर के वचन का सहारा लेकर मुझ पर प्रहार कर रहा है।

इससे पहले कि मैं पलटवार करती, मेरे पति जे ने मुझसे कहा कि किसी बुरे निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले मुझे उस ई-मेल भेजने वाले को एक अवसर देना चाहिये और सन्देह का निवारण करने का प्रयत्न करना चाहिये। मेरे लिये तो बात साफ थी और मैं इसमें किसी सन्देह या गलती होने की मैं कोई कलपना भी नहीं कर सकती थी, फिर भी अपने पति के आग्रह पर मैं ने ई-मेल भेजने वाले को मौका देने की बात मान ली और उससे इस विषय पर बात करने के उद्देश्य से उसे फोन किया।

मेरा फोन मिलने पर वह बहुत धन्यवादी हुई और मुझे ई-मेल का कारण समझाया - उसके कम्पयूटर में एक वायरस आ गया था जो कम्पयूटर द्वारा उसके ई-मेल संपर्क के लोगों को उसके बाइबल अध्ययन के हिस्सों को इधर उधर भेज रहा था। मुझे जल्दबाज़ी के अपने निष्कर्ष पर ग्लानि हुई तथा मैंने परमेश्वर का धन्यवाद किया कि अपने पति की सहायता से मैं जहां समस्या थी ही नहीं वहां एक बड़ी समस्या खड़ी करने से बच गई। एक स्वाभाविक लगने वाले किंतु गलत निष्कर्ष पर पहुंचने के कारण मैं व्यर्थ के झगड़े में फंसने वाली थी। वार्तालाप द्वारा बात स्पष्ट करने से यह बेवजह का झगड़ा टल गया।

इस्त्राएल के इतिहास में भी एक ऐसी घटना का वर्णन है। वे अपने ही कु्छ गोत्रों के साथ युद्ध करने को तैयार हो गए क्योंकि उन्हें लगा कि उन गोत्रों द्वारा बनायी गई परमेश्वर की वेदी, परमेश्वर के विरुध्द विद्रोह का चिन्ह है, जबकि उन लोगों ने वह वेदी यह स्थापित करने को बनाई थी कि भविष्य में यदि कोई उन पर इस्त्राएल के मुल समाज से अलग बताता तो उस वेदी के द्वारा वे उसे प्रमाणित करते कि वे भी उसी परमेश्वर के उपासक हैं जिसका शेष इस्त्राएल है (यहोशु २२:९-३४)। युद्ध पर जाने से पहले जब इस्त्राएल के कुछ अगुवों ने उनके पास जाकर बात करी और कारण पुछा तो बात स्पष्ट हो गई और युद्ध का कोई औचित्य ही नहीं रहा।

किसी भी गलत निष्कर्ष और उसके दुषपरिणमों से बचने के लिये अनिवार्य है कि हम अपने तथ्यों को जांच लें, उन्हें सुनिश्चित कर लें, तब ही कोई कदम उठाएं। - जूली एकैरमैन लिंक

शर्मनाक स्थिति में औंधे मुँह गिरने से बचने के लिये किसी गलत निर्णय पर मत कूदिये।

अपने मन में उतावली से क्रोधित न हो, क्योंकि क्रोध मूर्खों ही के ह्रृदय में रहता है। - सभोपदेशक ७:९


बाइबल पाठ: यहोशु २२:१०-३४

और जब रूबेनी, गादी, और मनश्शे के आधे गोत्री यरदन की उस तराई में पहुंचे जो कनान देश में है, तब उन्होंने वहां देखने के योग्य एक बड़ी वेदी बनाई।
और इसका समाचार इस्राएलियों के सुनने में आया, कि रूबेनियों, गादियों, और मनश्शे के आधे गोत्रियों ने कनान देश के साम्हने यरदन की तराई में, अर्थात उसके उस पार जो इस्राएलियों का है, एक वेदी बनाई है।
जब इस्राएलियों ने यह सुना, तब इस्राएलियों की सारी मण्डली उन से लड़ने के लिये चढ़ाई करने को शीलो में इकट्ठी हुई।।
तब इस्राएलियों ने रूबेनियों, गादियों, और मनश्शे के आधे गोत्रियों के पास गिलाद देश में एलीआज़र याजक के पुत्र पीनहास को,
और उसके संग दस प्रधानों को, अर्थात इस्राएल के एक एक गोत्र में से पूर्वजों के घरानों के एक एक प्रधान को भेजा, और वे इस्राएल के हजारों में अपने अपने पूर्वजों के घरानों के मुख्य पुरूष थे।
वे गिलाद देश में रूबेनियों, गादियों, और मनश्शे के आधे गोत्रियों के पास जाकर कहने लगे,
यहोवा की सारी मण्डली यह कहती है, कि तुम ने इस्राएल के परमेश्वर यहोवा का यह कैसा विश्वासघात किया? आज जो तुम ने एक वेदी बना ली है, इस में तुम ने उसके पीछे चलना छोड़कर उसके विरूद्ध आज बलवा किया है?
सुनो, पोर के विषय का अधर्म हमारे लिये कुछ कम था, यद्दपि यहोवा की मण्डली को भारी दण्ड मिला तौभी आज के दिन तक हम उस अधर्म से शुद्ध नहीं हुए; क्या वह तुम्हारी दृष्टि में एक छोटी बात है,
कि आज तुम यहोवा को त्याग कर उसके पीछे चलना छोड़ देते हो? क्या तुम यहोवा से फिर जाते हो, और कल वह इस्राएल की सारी मण्डली पर क्रोधित होगा।
परन्तु यदि तुम्हारी निज भूमि अशुद्ध हो, तो पार आकर यहोवा की निज भूमि में, जहां यहोवा का निवास रहता है, हम लोगों के बीच में अपनी अपनी निज भूमि कर लो, परन्तु हमारे परमेश्वर यहोवा की वेदी को छोड़ और कोई वेदी बनाकर न तो यहोवा से बलवा करो, और न हम से।
देखो, जब जेरह के पुत्र आकान ने अर्पण की हुई वस्तु के विषय में विश्वासघात किया, तब क्या यहोवा का कोप इस्राएल की पूरी मण्डली पर न भड़का? और उस पुरूष के अधर्म का प्राण दण्ड अकेले उसी को न मिला।।
तब रूबेनियों, गादियों, और मनश्शे के आधे गोत्रियों ने इस्राएल के हजारों के मुख्य पुरूषों को यह उत्तर दिया,
कि यहोवा जो ईश्वरों का परमेश्वर है, ईश्वरों का परमेश्वर यहोवा इसको जानता है, और इस्राएली भी इसे जान लेंगे, कि यदि यहोवा से फिर के वा उसका विश्वासघात करके हम ने यह काम किया हो, तो तू आज हम को जीवित न छोड़,
यदि आज के दिन हम ने वेदी को इसलिये बनाया हो कि यहोवा के पीछे चलना छोड़ दें, वा इसलिये कि उस पर होमबलि, अन्नबलि, वा मेलबलि चढ़ाएं, तो यहोवा आप इसका हिसाब ले;
परन्तु हम ने इसी विचार और मनसा से यह किया है कि कहीं भविष्य में तुम्हारी सन्तान हमारी सन्तान से यह न कहने लगे, कि तुम को इस्राएल के परमेश्वर यहोवा से क्या काम?
क्योंकि, हे रूबेनियों, हे गादियों, यहोवा ने जो हमारे और तुम्हारे बीच में यरदन को हद ठहरा दिया है, इसलिये यहोवा में तुम्हारा कोई भाग नहीं है। ऐसा कह कर तुम्हारी सन्तान हमारी सन्तान में से यहोवा का भय छुड़ा देगी।
इसीलिये हम ने कहा, आओ, हम अपने लिथे एक वेदी बना लें, वह होमबलि वा मेलबलि के लिये नहीं,
परन्तु इसलिये कि हमारे और तुम्हारे, और हमारे बाद हमारे और तुम्हारे वंश के बीच में साक्षी का काम दे; इसलिये कि हम होमबलि, मेलबलि, और बलिदान चढ़ा कर यहोवा के सम्मुख उसकी उपासना करें और भविष्य में तुम्हारी सन्तान हमारी सन्तान से यह न कहने पाए, कि यहोवा में तुम्हारा कोई भाग नहीं।
इसलिये हम ने कहा, कि जब वे लोग भविष्य में हम से वा हमारे वंश से यों कहने लेगें, तब हम उन से कहेंगे, कि यहोवा के वेदी के नमूने पर बनी हुई इस वेदी को देखो, जिसे हमारे पुरखाओं ने होमबलि वा मेलबलि के लिये नहीं बनाया परन्तु इसलिये बनाया था कि हमारे और तुम्हारे बीच में साक्षी का काम दे।
यह हम से दूर रहे कि यहोवा से फिर कर आज उसके पीछे चलना छोड़ दें, और अपने परमेश्वर यहोवा की उस वेदी को छोड़ कर जो उसके निवास के साम्हने है होमबलि, और अन्नबलि, वा मेलबलि के लिये दूसरी वेदी बनाएं।।
रूबेनियों, गादियों, और मनश्शे के आधे गोत्रियों की इन बातों को सुनकर पीनहास याजक और उसके संग मण्डली के प्रधान, जो इस्राएल के हजारों के मुख्य पुरूष थे, वे अति प्रसन्न हुए।
और एलीआजर याजक के पुत्र पीनहास ने रूबेनियों, गादियों, और मनश्शेइयों से कहा, तुम ने जो यहोवा का ऐसा विश्वासघात नहीं किया, इस से आज हम ने यह जान लिया कि यहोवा हमारे बीच में है: और तुम लोगों ने इस्राएलियों को यहोवा के हाथ से बचाया है।
तब एलीआज़र याजक का पुत्र पीनहास प्रधानों समेत रूबेनियों और गादियों के पास से गिलाद होते हुए कनान देश में इस्राएलियों के पास लौट गया: और यह वृतान्त उनको कह सुनाया।
तब इस्राएली प्रसन्न हुए और परमेश्वर को धन्य कहा, और रूबेनियों और गादियों से लड़ने और उनके रहने का देश उजाड़ने के लिये चढ़ाई करने की चर्चा फिर न की।
और रूबेनियों और गादियों ने यह कह कर, कि यह वेदी हमारे और उनके मध्य में इस बात का साक्षी ठहरी है, कि यहोवा ही परमेश्वर है: उस वेदी का नाम एद रखा।।

एक साल में बाइबल:
  • यशायाह ५, ६
  • इफिसियों १