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मंगलवार, 31 अगस्त 2010

प्रेम के स्मृति-चिन्ह

जब १९४१ में अमेरिका दूसरे विश्वयुद्ध में उतरा तो एस्टेल ने बहुत प्रयास किया कि उसका प्रेमी सिडनी सेना में भरती न हो, परन्तु वह न माना। वह सेना में भर्ती हुआ और प्रशिक्षण लिया और युद्ध पर गया। अगले तीन वर्ष तक, युद्ध भूमि से वह एस्टेल को प्रेम पत्र लिखता रहा, उसने कुल ५२५ पत्र लिखे। मार्च १९४५ में एस्टेल को मालूम पड़ा कि उसका प्रीय मंगेतर युद्ध में मारा गया।

एस्टेल ने आखिरकर शादी तो कर ली, पर अपने पहले प्रेम की यादों को वह कभी भुली नहीं। अपने पहले प्रेम को सम्मानित करने के लिये, ६० वर्ष पश्चात उसने एक पुस्तक प्रकाशित करी - सिडनी के युद्धकालीन पत्रों के अपने संकलन की।

उन पत्रों की तरह, हमारे प्रभु ने भी हमारे प्रति अपने प्रेम के स्मृति-चिन्ह रख छोड़े हैं - उसका वचन। प्रभु कहता है:
"मैं तुझ से सदा प्रेम रखता आया हूँ, इस कारण मैं ने तुझ पर अपनी करुणा बनाए रखी है।" - यर्मियाह ३१:३
"जैसा पिता ने मुझ से प्रेम रखा, वैसा ही मैंने तुम से प्रेम रखा, मेरे प्रेम में बने रहो।" - युहन्ना १५:९
बाइबल हमें यह भी बताती है कि "मसीह ने भी कलीसिया से प्रेम करके अपने आप को उसके लिये दे दिया।" - इफिसियों ५:२५
"जिस [यीशु] ने अपने आप को हमारे लिये दे दिया, कि हमें हर प्रकार के अधर्म से छुड़ा ले, और शुद्ध करके अपने लिये एक ऐसी जाति बना ले जो भले भले कामों में सरगर्म हो।" - तीतुस २:१४
"...परमेश्वर प्रेम है।" - १ युहन्ना ४:८

परमेश्वर के वचन को बारंबार पढ़िये और स्मरण रखिये कि यीशु ने आपसे प्रेम किया है और आपके लिये अपनी जान दी है। - एनी सेटास


परमेश्वर का प्रेम अतुल्य है।

...परमेश्वर प्रेम है। - १ युहन्ना ४:८


बाइबल पाठ: युहन्ना १९:१-७, १६-१८

इस पर पीलातुस ने यीशु को लेकर कोड़े लगवाए।
और सिपाहियों ने कांटों का मुकुट गूंथकर उसके सिर पर रखा, और उसे बैंजनी वस्‍त्र पहिनाया।
और उसके पास आ आकर कहने लगे, हे यहूदियों के राजा, प्रणाम! और उसे थप्‍पड़ मारे।
तब पीलातुस ने फिर बाहर निकल कर लोगों से कहा, देखो, मैं उसे तुम्हारे पास फिर बाहर लाता हूं ताकि तुम जानो कि मैं उसमें कुछ भी दोष नहीं पाता।
तब यीशु कांटों का मुकुट और बैंजनी वस्‍त्र पहिने हुए बाहर निकला और पीलातुस ने उन से कहा, देखो, यह पुरूष।
जब महायाजकों और प्यादों ने उसे देखा, तो चिल्लाकर कहा, कि उसे क्रूस पर चढ़ा, क्रूस पर : पीलातुस ने उन से कहा, तुम ही उसे लेकर क्रूस पर चढ़ाओ क्‍योंकि मैं उस में दोष नहीं पाता।
यहूदियों ने उस को उत्तर दिया, कि हमारी भी व्यवस्था है और उस व्यवस्था के अनुसार वह मारे जाने के योग्य है क्‍योंकि उस ने अपने आप को परमेश्वर का पुत्र बनाया। तब उस ने उसे उन के हाथ सौंप दिया ताकि वह क्रूस पर चढ़ाया जाए।।
तब वे यीशु को ले गए। और वह अपना क्रूस उठाए हुए उस स्थान तक बाहर गया, जो खोपड़ी का स्थान कहलाता है और इब्रानी में गुलगुता।
वहां उन्‍होंने उसे और उसके साथ और दो मनुष्यों को क्रूस पर चढ़ाया, एक को इधर और एक को उधर, और बीच में यीशु को।

एक साल में बाइबल:
  • भजन १३५, १३६
  • १ कुरिन्थियों ११:१७-३४