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शुक्रवार, 26 मार्च 2010

हर बात में विश्वासयोग्यता

अगस्त २००७ में अमेरिका के एक शहर मिनियापोलिस का एक बड़ा पुल टूटकर मिसिसिपी नदी में गिर गया। इस हादसे में १३ लोगों की जान गई। इस दुर्घटना के कई हफ्तों बाद तक जब भी मैं किसी पुल पर से गुज़रती थी तो मुझे यह हादसा याद आ जाता था।

कुछ समय बाद मैं डिस्कवरी चैनल पर एक कार्यक्रम ’डर्टी जॉब्स’ (गन्दे कार्य) देख रही थी। इस कार्यक्रम का सन्चालक माइक रो एक औद्यौगिक रंगकार से उसके काम के बारे में बातें कर रहा था। माइक ने उससे पूछा "मुझे नहीं लगता कि तुम्हारे इस काम में तुम्हारे लिये कोई ख्याति है?" उस रंगकार ने सहम्ति जताते हुए कहा, "नहीं, लेकिन फिर भी यह ऐसा कार्य है जिसे करना अनिवार्य है।"

आपकी जानकारी के लिए, वह रंगकार उत्तरी मिचिगन के मैकिनैक पुल के स्तंभों के भीतरी हिस्से के फौलाद को रंगता था कि उस पर ज़ंग न लगे, जो पुल को खतरे में डाल देता और कमज़ोर कर देता। उस पुल को ज़ंग से बचाना उसकी ज़िम्मेदारी थी। प्रतिदिन लगभग १२,००० लोग उस पुल को पार करते थे और इस बात से सर्वथा अनभिज्ञ थे कि उनकी सुरक्षा माईक जैसे काम करने वालों पर निर्भर है, जिन्हें कोई जानता नहीं और न ही कोई उनकी प्रशंसा करता है, लेकिन वे विश्वासयोग्यता से अपनी ज़िम्मेदारी निभा रहे हैं, ताकि दूसरे सुरक्षित रह सकें।

परमेश्वर भी हमारे कामों में हमारी विश्वासयोग्यता को देखता है। भले ही हम सोचें कि हमारे काम, छोटे या बड़े, किसी के द्वारा देखे और सराहे नहीं जाते, परन्तु एक है, जो उन्हें देखता रहता है; और हमारे प्रति उसकी सोच का महत्व ही सबसे महत्वपूर्ण है। हमें जो भी ज़िम्मेदारी आज सौंपी गई है, हम उसे प्रभु यीशु के नाम और उसकी महिमा के लिये करें (कुलुसियों ३:१७)। - सिंडी हैस कैस्पर


प्रतिदिन का साधारण कार्य भी यदि परमेश्वर के लिये किया जाय तो अनन्त मूल्य का हो जाता है।


बाइबल पाठ:कुलुसियों ३:१२-१७


वचन से या काम से जो कुछ भी करो सब प्रभु यीशु के नाम से करो। - कुलुसियों ३:१७


एक साल में बाइबल:
  • यहोशु २२-२४
  • लूका ३