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रविवार, 21 मार्च 2010

टेढ़ा घर

जब रॉबर्ट क्लौस एक १०० साल पुराने मकान में रहने पहली बार गया, तो वहाँ आने वाली अजीब आवाज़ों ने उसे बेचैन किया। एक बढ़ई ने उसे बताया कि घर की बनावट में टेढ़ापन है। क्लौस ने यह स्वीकार किया, "मैं उसका टेढ़ापन उसके फर्श, छत, दीवार, दरवाज़ों और खिड़कियों में देख सकता था। फर्श पर एक गेंद डालो तो वह लुढ़कती हुई ग़ायब हो जाती थी। अब १७ साल बाद भी उस मकान का टेढ़ापन वैसा ही है, क्लौस उसमें रहने का आदी हो गया है और अब उससे प्रेम भी करने लगा है।

’प्रकाशितवाक्य’ में प्रभु यीशु एक कलीसिया को टोकता है, जो आत्मिक टेढ़ेपन में चली गई थी और अपने अन्दर की अनुचित बातों को पसन्द करने लगी थी। लौदीकिया एक सम्पन्न शहर था। उसकी सम्पन्नता ने उसमें अपने आप में परिपूर्ण होने की गलतफ्हमी और घमन्ड उत्पन्न कर दिया था। यही भावना वहाँ की कलीसिया में भी घर बना रही थी। उस कलीसिया में भी आत्मिक टेढ़ापन आने लगा था और वे मानने लगे थे कि ’हमें यीशु की ज़रूरत नहीं है।’ प्रभु यीशु ने उन विश्वासियों को डांटा, उन्हें कहा कि वे गुन्गुने (न ठंडे न गरम),...अभागे, तुच्छ, कंगाल, अन्धे और नंगे हैं (प्रकाशितवाक्य ३:१६, १७)। क्योंकि वह उन्हें प्रेम करता था और उन के साथ एक गहरा रिशता चाहता था, इसलिये उसने उन्हें सुधारने के लिये उसने उन्हें डांटा। उसने उन्हें मन फिराने का एक अवसर दिया (पद १९)।

यदि किसी कारण से आप में भी ऐसे ही अपने आप में परिपूर्ण होने की गलतफ्हमी या घमन्ड, और उसके फलस्वरूप प्रभु यीशु के साथ आपकी सहभागिता में टेढ़ापन आ गया है, तो मनफिराव द्वारा उसे सीधा कर लें और उसके साथ अपनी सहभगिता को नया बना लें। - मार्विन विलियम्स


पश्चाताप टेढ़े को सीधा करने का परमेश्वर द्वारा दिया गया मार्ग है।


बाइबल पाठ: प्रकाशितवाक्य ३:१४-२०


मैं जिन जिन से प्रीति रखता हूँ, उन सबको उल्हाना और ताड़ाना देता हूँ, इसलिए सरगर्म हो और मन फिरा। - प्रकाशितवाक्य ३:१९


एक साल में बाइबल:
  • यहोशु ७-९
  • लूका १:२१-३८