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मंगलवार, 16 मार्च 2010

थोमा (सन्देह) का समय

एक युवक अपने विश्वास को लेकर बहुत संघर्ष में था। वह अपने परिवार में स्नेह और धार्मिकता के साथ पला बड़ा हुआ। लेकिन अपने जीवन में लिये गलत फैसलों और उनसे बनी परिस्थितियों के कारण वह प्रभु से दूर हो गया। बचपन में वह प्रभु को जानने का दावा करता था, पर अब अविश्वास में संघर्ष कर रहा था।

एक दिन उससे बात करते हुए मैंने उससे कहा, "मैं जानता हूँ कि तुम एक लम्बे समय तक प्रभु यीशु मसीह के साथ चले हो, परन्तु अब तुम्हारे मन में प्रभु और विश्वास को लेकर सन्देह है। क्या मैं इसे तुम्हारे जीवन में ’थोमा का समय’ कहकर बुला सकता हूँ?"

वह जानता था कि थोमा यीशु के १२ चेलों में से एक था और उसने कई साल तक प्रभु पर खुले तौर पर विश्वास किया था। मैंने इस जवान को याद दिलाया कि यीशु की मृत्यु के बाद थोमा को उसके पुनः जी उठने पर विश्वास नहीं हुआ। लेकिन अपने पुनुरुथान के ८ दिन बाद प्रभु थोमा के समक्ष आया, उसे अपने शरीर के घाव दिखाये और उससे कहा "अविश्वासी नहीं परन्तु विश्वासी हो।" आखिरकर अपने अविश्वास को छोड़कर थोमा ने कहा "हे मेरे प्रभु, हे मेरे परमेश्वर!" (युहन्ना२०: २४-२८)।

मैंने उस युवक से कहा, "यीशु ने थोमा का इंतिज़ार किया, और थोमा लौट आया। मुझे लगता है कि तुम भी लौटोगे। मैं प्रार्थना कर रहा हुँ कि तुम भी एक दिन यीशु से फिर कहो ’हे मेरे प्रभु, हे मेरे परमेश्वर!’ "

हो सकता है कि आप भी "थोमा के समय" से होकर निकल रहें हों; जब आपको अपने यीशु के निकट होने में सन्देह हो, या यीशु पर ही सन्देह हो रहा हो। यीशु आपकी भी प्रतीक्षा कर रहा है। आपकी तरफ बढ़े हुए उसके कील से छिदे हाथों कि ओर आप अपने हाथ बढ़ाईये तो सही। - डेव ब्रैनन


परमेश्वर के घर में उसकी सन्तान का सदा स्वागत होता है।


बाइबल पाठ: युहन्ना २०:२४-२९


थोमा ने उत्तर दिया "हे मेरे प्रभु, हे मेरे परमेश्वर!" - युहन्ना२०:२८


एक साल में बाइबल:
  • व्यवस्थाविवरण २८,२९
  • मरकुस १४:५४-७२