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शनिवार, 20 फ़रवरी 2010

न्याय के लिये मरना

जब प्रैस्बिटेरियन पादरी एलाइज़ा लवजौय ने (१८०२-१८३७) कलीसिया का काम छोड़ा तो और अधिक लोगों से सम्पर्क बनाने के लिये उन्होंने छपाई का काम फिर से शुरू किया। एक दास को अन्यायपूर्वक मृत्युदण्ड दीये जाने की एक घटना को देखने के बाद लवजौय ने दास प्रथा और दासों के साथ हो रहे अन्याय से लड़ने की ठान ली। घृणा से भरे उपद्रवी लोगों ने उसे मारने की धमकी दी लेकिन वह रुका नहीं।

"अगर उनसे समझौता करने का अर्थ मेरा अपना कर्तव्य छोड़ना है तो मैं वह कभी नहीं कर सकता। मुझे मनुष्य के डर से बढ़कर परमेश्वर से डर है। मुझे कुचल डालो, पर मैं अपने कर्तव्य पर डटा रहूँगा।" इन वचनों को कहने के चार दिन बाद वह क्रोधी उपद्रवी लोगों की एक भीड़ द्वारा मारा गया।

पूरी बाइबल में अन्याय से पीड़ितों के लिये चिंता और उनके न्याय और भले के लिये शिक्षाएं मिलती हैं। मिस्त्र की ग़ुलामी से छुड़ाए जाने के बाद परमेश्वर ने अपनी वाचा में बंधे इस्त्राएलियों को जो नियम दिये, उनमें यह बात स्पष्ट है (व्यवस्थाविवरण २४:१८-२२)। शोषितों और दीनों के प्रति करुणा दिखाने की बात पर मूसा ने ज़ोर दिया (निर्गमन २२:२२-२७, २३:६-९, लैव्यवस्था १९:९,१०)। इस्त्राएलियों को कई बार याद दिलाया गया कि वे मिस्त्र में दास थे, उन्हें समाज के गरीबों से न्याय संगत व्यवहार करना है। क्योंकि परमेश्वर उनसे प्रेम रखता है, उन्हें भी अजनबियों से भी प्रेम रखना है (निर्गमन २३:९; लैव्यवस्था १९:३४; व्यवस्थाविवरण १०:१७-१९)। परमेश्वर चाहता है कि उसके लोग अन्याय के विरुद्ध लड़ें और दुनिया को प्रमाणित करें कि परमेश्वर हर एक मनुष्य को महत्त्व देता है। - Marvin Williams


न्याय के पक्ष में होने का अर्थ है, अन्याय के विरुद्ध लड़ना।


इसको स्मरण रखना कि तू मिस्त्र में दास था और तेरा परमेश्वर यहोवा तुझे वहां से छुड़ा लाया है। - व्यवस्थाविवरण २४:१८


बाइबल पाठ: व्यवस्थाविवरण २४:१८


एक साल में बाइबल:
  • लैव्यवस्था २६,२७
  • मरकुस २